श्रीगंगानगर. राज्य सरकार की ढिलाई और लापरवाही के चलते जिले की लालगढ़ जाटान ग्राम पंचायत के ग्रामीण अधरझूल में लटके हुए हैं. ग्रामीण ना घर के रहे ना घाट के. मतलब साफ है की कुछ समय पहले तक ग्रामीण ग्राम पंचायत के अधीन आते थे, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा बजट घोषणा में लालगढ़ जाटान ग्राम पंचायत को नगर पालिका बनाने की घोषणा के बाद हाईकोर्ट से लगी रोक के बाद मामला अधरझूल में लटका हुआ है.
राज्य सरकार ने बजट घोषणा के अनुरूप प्रदेश में 16 नई नगर पालिकाओं का गठन किया था. जिसके बाद से प्रदेश में अब 212 नगरीय निकाय हो गए हैं, लेकिन नई नगरपालिकाए परवान चढ़ती दिखाई नहीं दे रही और मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया. राजस्थान हाईकोर्ट ने मामले पर 9 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए नई नगर पालिका गठित करने को लेकर स्वायत शासन विभाग की ओर से 19 जून 22 जुलाई और 31 अगस्त 2020 को जारी अधिसूचना पर रोक लगा दी है. ऐसे में आगामी आदेशों तक अब नई नगरपालिका बनने पर रोक रहेगी.
पढ़ेंः Special: दीवानगी ने बना दिया 'रेडियो घर'...जयपुर के इस शख्स के पास है अनूठा कलेक्शन
राजस्थान की नई 16 नगर पालिकाओं में श्रीगंगानगर जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत लालगढ़ भी शामिल है. जिसकी जनसंख्या 35000 से भी ज्यादा है. लालगढ़ जाटान के ग्रामीण अभी नगरपालिका और ग्राम पंचायत के पेच में उलझे हुए हैं. नगर पालिकाओं की अधिसूचना जारी हुए 6 माह हो गए. जिसके बाद से ही गांव से ग्राम पंचायत का दर्जा छीन लिया गया और गांव में होने वाले विकास कार्यों पर रोक लगा दी गई. इसके साथ ही विभाग ने ग्राम पंचायत में हर माह होने वाली ग्राम सभा की बैठकें भी बंद करवा दी. जिनमें गांव के वार्ड पंच नए कार्यों के प्रस्ताव पास करवाते थे.
पढ़ेंः SPECIAL : सावधान! लीक हो रहा है मोबाइल और लैपटॉप से पर्सनल डाटा...ऐसे बचें साइबर ठगों से
गांव से ग्राम पंचायत का दर्जा छीनने के बाद ही गांव के ग्रामीण कागजों पर हस्ताक्षर करवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. ग्रामीणों को हर छोटे से छोटे कार्य के लिए अब बीस किलोमीटर दूर सादुलशहर उपखंड या श्रीगंगानगर जाना पड़ता है. विभाग ने गांव को नगरपालिका तो बना दिया, लेकिन यहां पर नगरपालिका का ऑफिस बनाना भूल गए. गांव के पूर्व उपसरपंच भगवानाराम मेघवाल बताते हैं कि नगरपालिका में ऑफिस नहीं है जिसकी वजह से ग्रामीण इंतकाल, पट्टा नवीनीकरण, जमीन इंतकाल, मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र और जरूरी सेवाओं के लिए दर-दर भटक रहे हैं. जिससे गांव के ग्रामीण परेशान हैं.
पढ़ेंः Special: सोशल मीडिया ने चुनाव प्रचार सामग्री पर लगाया ग्रहण, खतरे में पड़ा रोजगार
ग्रामीण बताते है कि गांव का सरपंच अभी कार्यभार संभालने वाला ही था कि सरकार ने ग्राम पंचायत का दर्जा छीन लिया और पंचायत में होने वाले विकास कार्यों पर रोक लगा दी. लालगढ़ नगर पालिका में नए ऑफिस शुरू होने में काफी समय लग सकता है. इसलिए गांव को एक बार ग्राम पंचायत ही रहने दें या फिर वर्तमान सरपंच को ही बिना चुनाव किए जरुरी कार्य पुरे करवाने के लिए अनुमती दे, ताकी ग्रामीणों को इधर-उधर भटकना ना पड़े और रोजमर्रा के छोटे-मोटे कार्य आसानी से होते रहे. सरकार की ओर से अभी तक कोई निर्णय नहीं लेने से लालगढ़ जाटान के लोग अब ना इधर के रहे ना उधर के दो पाटों के बीच उलझे हुए है.