सूरतगढ़(श्रीगंगानगर). शहर के वार्ड नंबर-4 में अवैध अतिक्रमणों को पालिका की ओर से हटाए जाने के विरोध में शनिवार को 4 युवक पानी की टंकी पर चढ़ गए. इनमें एक युवक 15 मिनट बाद वापस उतर गया. युवकों के टंकी पर चढ़ते देख वार्ड के लोगों की मौके पर भीड़ जमा हो गई.
पढ़ें: RUHS में बेड का सौदा करने वाले 2 इलेक्ट्रीशियन को बोगस ग्राहक बन ACB ने दबोचा
वहीं, सूचना मिलने पर एसडीएम मनोज कुमार मीणा, डीएसपी शिवरत गोदारा, पालिका ईओ शेलेंद्र गोदारा, एईएन सुनील सिहाग और पुलिस अधिकारी जाब्ते सहित मौके पर पहुंचे. इससे पहले एएसआई बिरजु सिंह ने टंकी पर चढ़े युवकों से मोबाइल पर बात कर प्रशासन और पालिका अधिकारियों से बात करवाने की बात कहते हुए समझाइश की.
पढ़ें: तौकते तूफान को लकेर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की बैठक, प्रमुख ऊर्जा सचिव ने दिए ये निर्देश
इस दौरान तीनों युवक करीब एक घंटे बाद नीचे उतर गए. पुलिस ने तीनों युवकों को हिरासत में ले लिया, इनमें 2 युवकों किशन पुत्र मनीराम नायक और रिंकू पुत्र रामचंद्र को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि 2 अन्य युवक राजवीर और विक्रम मौके से फरार हो गए. युवकों के टंकी पर चढ़ने के बाद मौके पर जुटी भीड़ को कोरोना गाइडलाइंस के तहत पुलिस ने घर भेजा.
बिना सूचना के मकान तोड़ने का आरोप
टंकी पर चढ़े युवकों और वार्डवासियों ने आरोप लगाया कि पालिका अमला सुबह 7 बजे अचानक वार्ड में आया और एक के बाद एक कच्चे-पक्के मकानों और चारदीवारियों को ध्वस्त कर दिया. वार्डवासियों का आरोप है तोड़ गए मकानों में कई मकान पुराने थे. इनमें पानी का कनेक्शन था और परिवार उनमें रह रहे थे. पालिका अमले ने उनको मकान से सामान बाहर निकालने का मौका तक नहीं दिया. पालिकाकर्मी मलवे के रूप में मौके से 10 ट्रालियां ईंटे जब्त कर ले गए. वार्डवासियों का आरोप है कि 2 दिन पहले प्रभावशाली लोग यहां आए थे, इसके 2 दिन बाद उनके मकान और चारदीवारियों ध्वस्त कर दी.
मौके पर पहुंचे एसडीएम और डीएसपी
एसडीएम मनोज कुमार मीणा और डीएसपी शिवरत गोदारा ने ईओ के साथ पालिका की ओर से तोड़ी गए मकान और चारदीवारियां देखी. अधिकतर मकान कच्चे बने हुए थे और लोगों ने चारदीवारी कर अतिक्रमण कर रखा था. ईओ शैलेंद्र गोदारा ने बताया कि 3-4 दिन पहले पालिकाध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के साथ इस जगह का निरीक्षण किया था. ये जमीन पालिका के अधीन आती है. ऐसे में सुबह 7 बजे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. एसडीएम और डीएसपी ने ईओ से कहा कि वो पालिका की जगह को कवर करवा तारबंदी करवाए या फिर नीलामी कर बेचे, जिससे दोबारा अतिक्रमण ना हो.