श्रीगंगानगर. केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए नए कृषि कानूनों का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है. वहीं, अब राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने केंद्र सरकार के इन तीनों कृषि कानून के विरुद्ध राज्य सरकार के वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार करने की बात कही है. साथ ही उन्होंने कहा है कि, राज्य सरकार इस संबंध में विधि विशेषज्ञों से परामर्श ले रही है.
राजस्व मंत्री ने जिले की अनाज मंडी श्रीगंगानगर में किसान व्यापारी मजदूर संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि, इन तीनों कानूनों से अविश्वास की भावना पैदा हुई है. विश्वास के वातावरण में हर कोई फलता फूलता है. किसी वर्ग ने इन कृषि बिलों की मांग नहीं की थी. कानूनों की कृषि क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. अमेरिका जैसे देश में भी ये कानून बनाए गए थे. लेकिन, अमेरिका में किसानों को प्रति वर्ष भारी अनुदान दिया जाता है. जबकि, भारत में सिर्फ 15 हजार का अनुदान किसान को मिलता है.
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उन्होंने कहा कि, इस समय देश का किसान आर्थिक संकट से जूझ रहा है. राजस्थान का जीरा गुजरात की मंडियों में बिकता है. ऐसे में राज्य सरकार नए बिल लाने पर विचार कर रही है. हमारा उद्देश्य अंतिम व्यक्ति तक उसे संबल प्रदान करना है. केंद्र सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में 3 नए कानून बनाए हैं. उससे किसान, व्यापारी और मजदूर कमजोर होंगे. राज्य सरकार द्वारा सत्र बुलाकर इन कानूनों का कोई वैकल्पिक आधार तैयार किया जाएगा. सरकार इस कार्य को गंभीरता से ले रही है. सरकार किसान की पीड़ा को अच्छी तरह से समझती है.