श्रीगंगानगर. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अलवर गैंगरेप मामले में गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि सीएम कार्यालय की शह पर मामले को दबाने का प्रयास किया गया है. वहीं सरकार को बचाने के लिए राहुल गांधी को राजस्थान आना पड़ा है.
दरअसल, बीजेपी विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष वृहस्पतिवार को श्रीगंगानगर पहुंचे थे. जहां उन्होंने एक प्रेसवार्ता आयोजित की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. राठौड़ ने कर्जामाफी, बिजली कटौती, बढ़ रहे अपराध, दलित वोट बैंक, फसल ऋण, बेरोजगारी भत्ता, पाठ्यक्रमों में बदलाव, धानमंडी में भीग रहे गेहूं के बाद अलवर जिले के थानागाजी में हुए दुष्कर्म कांड मामले में प्रदेश सरकार को नाकाम बताया. उन्होंने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में बढ़ोतरी से पूरा प्रदेश शर्मिंदा है. कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है और वर्तमान में प्रदेश की महिलाएं कहीं भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं. आमजन में विश्वास,अपराधियों में भय की पुलिस की थीम अपराधियों में विश्वास में बदल चुकी है. दलित वोट बैंक प्रभावित नहीं हो,इसलिए राजनीतिक स्वार्थ के लिए थानागाजी दुष्कर्मकांड को लोकसभा चुनाव की तारीख तक दबाए रखा.
इस दौरान जब राठौड़ ने अपने कागजों में लिखे आंकड़े पेश किए, तो स्थानीय मीडिया ने उन्हें पिछली भाजपा सरकार शासनकाल में हुए प्रदेशभर के आंकड़ों को लेकर उनसे चर्चा की. जिसे सुन उनकी प्रतिक्रिया बदल गई. आवेश में पत्रकारों से आक्षेप लगाते हुए कहा कि आप कांग्रेस का चश्मा पहनकर आए हैं. जिस पर मीडियाकर्मी अपनी कुर्सियां छोड़कर खड़े हो गए और बाहर जाने लगे. जिस पर स्थानीय भाजपा पदाधिकारी भी मान-मनुहार करने लगे. इसी शोरगुल के बीच पूर्व मंत्री राठौड़ ने कहा कि आंकड़ों पर ना जाते हुए तथ्यात्मक सवाल पूछें.
पत्रकार वार्ता में पूर्व मंत्री जब पत्रकारों के सवालों के जवाब नहीं दे पाए तो वे घबराहट में अन्य विषयों पर बातें करने लगे. वहीं स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों थोड़ी देर तक कुछ समझ में ही नहीं आया कि यह क्या हो रहा है. प्रेस कांफ्रेस के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि थानागाजी प्रकरण में मुख्यमंत्री कार्यालय की इशारे पर लीपापोती की जा रही है. इसका नतीजा यह है की कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को वंहा सरकार के बचाव में आना पड़ा है.