अनूपगढ़. राजस्थान में अगले माह विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. ऐसे में सभी पार्टियां चुनावी तैयारियों में लगी हुई हैं. वहीं, चरणवार दलगत टिकटों की सूची जारी हो रही है. हालांकि, इस बीच सभी पार्टियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती टिकट के दावेदारों की बगावत बनी हुई है. इसी कड़ी में टिकट कटने से नाराज अनूपगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा की पूर्व विधायक शिमला बावरी ने अब निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. बुधवार को बावरी ने अपने समर्थकों के साथ एक बैठक की और फिर उसके बाद उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया.
समर्थकों के साथ बैठक में लिया निर्णय : भाजपा ने अनूपगढ़ विधानसभा से मौजूदा विधायक संतोष बावरी को प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा है. इससे पूर्व विधायक शिमला बावरी नाराज हो गई. दो दिन पहले भी शिमला बावरी ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की थी और आज एक बार फिर उन्होंने बैठक कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. दरअसल, बुधवार को पूर्व भाजपा विधायक शिमला बावरी ने घड़साना की अग्रवाल धर्मशाला में अपने समर्थकों के साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने चर्चा के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया. उनके इस ऐलान से क्षेत्र में भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
बावरी समाज का वोट बंटने से होगा नुकसान : पूर्व विधायक शिमला बावरी के निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा से भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई. ऐसा इसलिए है क्योंकि अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बावरी समाज निर्णायक की भूमिका में है. वहीं, भाजपा प्रत्याशी संतोष बावरी और शिमला बावरी दोनों इसी समाज से आते हैं. ऐसे में क्षेत्र के सियासी जानकारों की मानें तो इसका सीधा फायदा कांग्रेस को होगा. बता दें कि अनूपगढ़ को नया जिला बनाए जाने से यहां के स्थानीय बाशिंदों का कांग्रेस के प्रति झुकाव बढ़ा है. ऊपर से भाजपा में बगावत होने से इसका सीधा लाभ कांग्रेस को मिलना तय माना जा रहा है.