श्रीगंगानगर. पिछ्ले आठ सालों से चिकित्सा विभाग में एक ही पद पर कार्य कर रहे जिलेभर के फार्मासिस्ट ने कैडर स्वीकृत कर पदोन्नति दिए जाने की मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुये आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया है.
अपनी मांगों को लेकर अस्पतालों में धरने पर बैठे जिलेभर के फार्मासिस्ट अब आंदोलन की रणनीति बदलते हुए ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधकर सरकार का विरोध करने का फैसला लिया है. जिला अस्पताल में धरने पर बैठे फार्मेसी के इन कर्मचारियों ने आंदोलन को तेज करते हुए सरकार से मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है.
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आंदोलन कर रहे फार्मासिस्ट की मानें तो पिछले 8 वर्षों से राज्य सरकार को विभिन्न माध्यमों से फार्मासिस्ट ने अपनी मांगे पहुंचाई है. वहीं जिलों के अंदर विधायक और जनप्रतिनिधियों के द्वारा अनुशंसा पत्र भी भिजवाए गए हैं. लेकिन, बावजूद इसके फार्मासिस्ट को पदोन्नति के लिए गठन आज तक नहीं किया गया है.
सरकार ने फार्मेसिस्ट को लिखित में मना कर दिया है कि प्रमोशन के लिए फार्मासिस्ट का कैडर नहीं बनाया जा सकता जो कि सरकार का अन्याय पूर्ण कदम है. आंदोलन कर रहे फार्मासिस्ट का कहना है कि कोई कर्मचारी जिस पद से ज्वाइन करता है उसी पद से 35 साल की लंबी सर्विस के बाद अगर सेवानिवृत्त होता है.
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तो यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि यह असंवैधानिक भी है. उधर अपनी मांगों को लेकर शांति पूर्ण रूप से सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे फार्मासिस्ट को राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन ने भी समर्थन दिया है. राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन जिला अध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने राज्य सरकार को संवेदनशील होकर फार्मासिस्ट के कैडर गठन की मांग को शीघ्र पूरा करने की अपील की है.