श्रीगंगानगर. राज्य के कई जिलों में मजदूरी करने के लिए गए परिवारों का श्रीगंगानगर में लगातार आना जारी है. वहीं इन लोगों के साथ पंजाब के परिवार भी बड़ी संख्या में आ-जा रहे हैं, जो दोनों राज्यों के लिए किसी बड़ी खतरे की घंटी से कम नहीं है. जैसलमेर, नागौर, जोधपुर और बीकानेर वे जिले हैं, जहां कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है. ऐसे में वहां से इन मजदूरों का बड़ी संख्या में आना किसी संक्रमण बढ़ाने से कम नहीं है.
लगातार दूसरे दिन आए लोगों को जिला प्रशासन ने एक ओर जहां उनके घरों की तरफ भेजा, वहीं पंजाब के लोग चोर रास्तों से पंजाब की तरफ लगातर जा रहे हैं. सवाल यह है कि इन रास्तों से राजस्थान से मजदूर पंजाब में आसानी से जा रहे हैं, तो पंजाब से संक्रमित रोगी जिले में भी आ सकते हैं. यही नहीं पंजाब से श्रीगंगानगर जिले में लगातार हो रही आवागमन के बीच संक्रमित रोगी आ गए होंगे, इस बात का भी कोई पता नहीं है. इन चोर रास्तों को रोकने के लिए दोनों राज्यों को भी गंभीरता से काम करना होगा, क्योंकि दोनों ही राज्यों के नागरिकों को एक दूसरे से खतरा है.
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आने जाने वाले लोगों में ज्यादातर संख्या मजदूरों की है, जो कृषि से संबंधित मजदूरी कार्य करने के लिए राजस्थान के कई जिलों से गए हुए थे. इस बीच अनूपगढ़ सीमा से श्रीगंगानगर मुख्यालय पहुंचे बड़ी संख्या में मजदूर पहुंचे, तो पुलिस के लिए भी परेशानी खड़ी हो गई. पदमपुर नाके पर बस अड्डा चौकी इंचार्ज भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि कई जिलों से जो परिवार आ रहे हैं, ये किसी खतरे से कम नहीं है. इतनी बड़ी संख्या में होने के कारण ना तो ये शोशल डिस्टेंसिंग रख पा रहे हैं और ना ही इनके पास किसी प्रकार का सैनिटाइजर है. अब पंजाब के लोग पैदल ही सिर पर सामान लेकर बच्चों के साथ लिंक नहर होते हुए पंजाब निकल रहे है. पंजाब के बठिंडा, मुक्तसर, फिरोजपुर और फाजिल्का जिले के ये परिवार अलग-अलग गांवों के हैं.