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'मीत नॉलेज हब' बना वरदान...30 हजार विद्यार्थियों को मिल रही मुफ्त शिक्षा

IAS की तैयारी कर रही रूबी और स्नेहा नाम की दो जुड़वां बेटियां कोरोना काला में कक्षा 6वीं से 12वीं तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रही हैं. इन बेटियों ने अपने ही घर में एक स्टूडियो तैयार किया है. जहां ऑनलाइन माध्यम से ये बच्चों का पढ़ाने का काम करती हैं.

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मीत नॉलेज हब बना छात्र छात्राओं के लिए वरदान
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Published : Aug 5, 2020, 1:37 PM IST

सादुलशहर (श्रीगंगानगर). कोरोना संक्रमण के चलते छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो चुकी है. पिछले पांच महीनों से स्कूल-कॉलेज बंद हैं. कोरोना के कारण बहुत से छात्रों को पिछली कक्षाओं से बिना परीक्षा के ही प्रमोट कर दिया गया है. वहीं बहुत से छात्रों को अभी भी परीक्षा का इंतजार है. स्कूल-कॉलेज बंद होने से अभिभावक और छात्र भी अगली कक्षा के लिए परेशान हैं. इन सबके बीच सादुलशहर में IAS की तैयारी कर रही दो जुड़वा बेटियां ऐसी भी हैं, जिन्होंने इस कोरोना महामारी के बीच निशुल्क शिक्षा देने का बीड़ा उठाया है.

मीत नॉलेज हब बना छात्र छात्राओं के लिए वरदान

जिन्होंने घर पर ही स्टूडियो तैयार कर छात्र-छात्राओं को शिक्षा मुहैया करवाना शुरू कर दिया है. जिसका नाम मीत नॉलेज हब रखा गया है. रूबी और स्नेहा के 'मीत नॉलेज हब' से प्रदेश के करीब तीस हजार से जयादा छात्र लाभ उठा रहे हैं. खास बात यह है कि कोचिंग में किसी भी प्रकार को कोई भी फीस नहीं ली जा रही है. व्हाट्सप्प ग्रुप बनाकर प्रदेश के बहुत से स्कूलों को जोड़ा गया है, जिसमें हर दिन विभिन्न वीडियो डाले जाते हैं. जिन्हें देखकर अन्य छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.

रूबी और स्नेहा ने बताती हैं कि उन्होंने इस स्टूडियों के लिए थोड़े पैसे अपने माता-पिता से लिए. साथ ही इंस्पायर अवार्ड की छात्रवृति के आए 60 हजार रुपये भी उन्होंने बेझिझक स्टूडियो बनाने में खर्च कर दिए. इन रुपयों से स्टूडियो में माइक, कैमरा, लाइटिंग, लैपटॉप सहित अन्य सामन खरीदा गया.

रूबी और स्नेहा ने बताया कि इस दौरान उन्होंने गणित और एसएसटी को फॉक्स में रखते हुए 400 से जयादा वीडियो बनाए हैं और 30 हजार से जयादा छात्र-छात्राएं इससे लाभान्वित हो रहे हैं. खास बात यह है कि इन वीडियो में तैयारी के लिए एक-एक घंटे से ज्यादा की मैराथन क्लास भी ली गई है, जिससे छात्रों को काफी फायदा हुआ.

यह भी पढ़ें: राजस्थान विश्वविद्यालय में Ph.D के होंगे ऑनलाइन वायवा, MPET को लेकर प्रशासन करेगा विश्लेषण

रूबी और स्नेहा ने कहा कि कोरोना काल में ज्यादातर बच्चे सोशल मीडिया साइट्स पर बेकार की चीजों में काफी वक्त जाया करते हैं. ऐसे में उन्होंने यूट्यूब के जरिए शिक्षा देने का कार्य करना जयादा मुनासिब समझा. रूबी और स्नेहा अपने माता पिता के लिए गौरव बन गई हैं.

माता सुनीता सिंगाठिया का कहना है कि उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है कि उनकी बेटियां अपने प्रदेश के बच्चों की मदद कर रही हैं. उन्होंने कहा कि उनकी बेटियां सोशल मीडिया पर व्यर्थ की वेबसाइट पर समय बर्बाद नहीं करके बच्चों को पढ़ा रही हैं और खुद भी पढ़ रही हैं. पिता भी अपनी बेटियों के हौसले को सलाम करते हुए गर्व महसूस करते हैं. ये दोनों बेटियां समाज के लिए एक उदहारण हैं जो खुद के पढ़ाई के साथ साथ देश प्रदेश के लिए भी अपना योगदान दे रही हैं. जरूरत है इन दोनों से प्रेरणा लेने की और समाज को आगे बढ़ाने की.

सादुलशहर (श्रीगंगानगर). कोरोना संक्रमण के चलते छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो चुकी है. पिछले पांच महीनों से स्कूल-कॉलेज बंद हैं. कोरोना के कारण बहुत से छात्रों को पिछली कक्षाओं से बिना परीक्षा के ही प्रमोट कर दिया गया है. वहीं बहुत से छात्रों को अभी भी परीक्षा का इंतजार है. स्कूल-कॉलेज बंद होने से अभिभावक और छात्र भी अगली कक्षा के लिए परेशान हैं. इन सबके बीच सादुलशहर में IAS की तैयारी कर रही दो जुड़वा बेटियां ऐसी भी हैं, जिन्होंने इस कोरोना महामारी के बीच निशुल्क शिक्षा देने का बीड़ा उठाया है.

मीत नॉलेज हब बना छात्र छात्राओं के लिए वरदान

जिन्होंने घर पर ही स्टूडियो तैयार कर छात्र-छात्राओं को शिक्षा मुहैया करवाना शुरू कर दिया है. जिसका नाम मीत नॉलेज हब रखा गया है. रूबी और स्नेहा के 'मीत नॉलेज हब' से प्रदेश के करीब तीस हजार से जयादा छात्र लाभ उठा रहे हैं. खास बात यह है कि कोचिंग में किसी भी प्रकार को कोई भी फीस नहीं ली जा रही है. व्हाट्सप्प ग्रुप बनाकर प्रदेश के बहुत से स्कूलों को जोड़ा गया है, जिसमें हर दिन विभिन्न वीडियो डाले जाते हैं. जिन्हें देखकर अन्य छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.

रूबी और स्नेहा ने बताती हैं कि उन्होंने इस स्टूडियों के लिए थोड़े पैसे अपने माता-पिता से लिए. साथ ही इंस्पायर अवार्ड की छात्रवृति के आए 60 हजार रुपये भी उन्होंने बेझिझक स्टूडियो बनाने में खर्च कर दिए. इन रुपयों से स्टूडियो में माइक, कैमरा, लाइटिंग, लैपटॉप सहित अन्य सामन खरीदा गया.

रूबी और स्नेहा ने बताया कि इस दौरान उन्होंने गणित और एसएसटी को फॉक्स में रखते हुए 400 से जयादा वीडियो बनाए हैं और 30 हजार से जयादा छात्र-छात्राएं इससे लाभान्वित हो रहे हैं. खास बात यह है कि इन वीडियो में तैयारी के लिए एक-एक घंटे से ज्यादा की मैराथन क्लास भी ली गई है, जिससे छात्रों को काफी फायदा हुआ.

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रूबी और स्नेहा ने कहा कि कोरोना काल में ज्यादातर बच्चे सोशल मीडिया साइट्स पर बेकार की चीजों में काफी वक्त जाया करते हैं. ऐसे में उन्होंने यूट्यूब के जरिए शिक्षा देने का कार्य करना जयादा मुनासिब समझा. रूबी और स्नेहा अपने माता पिता के लिए गौरव बन गई हैं.

माता सुनीता सिंगाठिया का कहना है कि उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है कि उनकी बेटियां अपने प्रदेश के बच्चों की मदद कर रही हैं. उन्होंने कहा कि उनकी बेटियां सोशल मीडिया पर व्यर्थ की वेबसाइट पर समय बर्बाद नहीं करके बच्चों को पढ़ा रही हैं और खुद भी पढ़ रही हैं. पिता भी अपनी बेटियों के हौसले को सलाम करते हुए गर्व महसूस करते हैं. ये दोनों बेटियां समाज के लिए एक उदहारण हैं जो खुद के पढ़ाई के साथ साथ देश प्रदेश के लिए भी अपना योगदान दे रही हैं. जरूरत है इन दोनों से प्रेरणा लेने की और समाज को आगे बढ़ाने की.

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