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श्रीगंगानगर : कई मोघों में नहीं पहुंच रहा सिंचाई का पानी, किसानों ने सौंपा ज्ञापन

श्रीगंगानगर में नहर के अंतिम छोर के 12 मोघों पर पानी पहुंचने से नाराज किसानों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. किसानों का कहना है कि कई मोघों पर निर्धारित मात्रा से काफी कम पानी पहुंच रहा है.

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Published : Aug 13, 2020, 4:45 PM IST

श्रीगंगानगर के किसानों से जुड़ी खबर,  News related to farmers of Sriganganagar
श्रीगंगानगर में किसानों ने दी आन्दोलन की चेतावनी

श्रीगंगानगर. पड़ोसी राज्य पंजाब से श्रीगंगानगर सटा हुआ जिला है. यहां के अधिकतर लोग खेती-किसानी पर ही निर्भर रहते हैं. लेकिन खेतों में पानी नहीं पहुंचने से किसानों में नाराजगी है. जिले में नहर के अंतिम छोर के 12 मोघों पर पानी पूरा करने और सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता प्रदीप रुस्तगी को हटाने की मांग को लेकर कई गांवो के किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचे आक्रोशित किसानों ने कहा कि पिछले 3 माह से एलएनपी नहर में किसानों को उनके हिस्से का पानी नहीं दिया जा रहा है. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन किसानों की मांगों को आगामी तीन दिनों में पूरा नहीं किया गया, तो किसान आंदोलन करेंगे.

श्रीगंगानगर में किसानों ने दी आन्दोलन की चेतावनी

किसानों की मानें तो कई मोघों पर निर्धारित मात्रा से काफी कम पानी पहुंच रहा है. जिससे करीब 17 गांवों के काश्तकारों की फसलें खराब हो रही है और पीने के पानी की भी समस्या आने लगी है. किसानों ने कहा कि निर्धारित मात्रा से कम पानी मिलने को लेकर सिंचाई विभाग के SE को किसानों ने बार-बार ज्ञापन दिया. जिसके बाद भी टेलों और मोघों का पूरा पानी नहीं पहुंचाया गया.

यह भी पढे़ं : भीलवाड़ा: पर्याप्त बारिश होने से खेतों में लहलहाने लगी खरीफ फसल...अच्छी उपज की जगी उम्मीद

किसानों ने मुख्य अभियंता पर आरोप लगाया है कि मुख्य अभियंता रुस्तगी बड़े काश्तकारों से मिलकर नहर के अंतिम छोर के किसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. बार-बार अधिकारी को यह बताने पर कि नहर में पानी चोरी हो रहा है, आज तक एक भी प्रकरण में कार्रवाई नहीं की गई है और ना ही पानी रोकने के कोई प्रयास किए गए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि सभी प्रभावशाली काश्तकारों द्वारा रात को नहर में से पानी की चोरी की जाती है. जिससे अंतिम छोर के किसानों को पानी नहीं मिल पाता है. ऐसे में किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं.

श्रीगंगानगर. पड़ोसी राज्य पंजाब से श्रीगंगानगर सटा हुआ जिला है. यहां के अधिकतर लोग खेती-किसानी पर ही निर्भर रहते हैं. लेकिन खेतों में पानी नहीं पहुंचने से किसानों में नाराजगी है. जिले में नहर के अंतिम छोर के 12 मोघों पर पानी पूरा करने और सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता प्रदीप रुस्तगी को हटाने की मांग को लेकर कई गांवो के किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचे आक्रोशित किसानों ने कहा कि पिछले 3 माह से एलएनपी नहर में किसानों को उनके हिस्से का पानी नहीं दिया जा रहा है. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन किसानों की मांगों को आगामी तीन दिनों में पूरा नहीं किया गया, तो किसान आंदोलन करेंगे.

श्रीगंगानगर में किसानों ने दी आन्दोलन की चेतावनी

किसानों की मानें तो कई मोघों पर निर्धारित मात्रा से काफी कम पानी पहुंच रहा है. जिससे करीब 17 गांवों के काश्तकारों की फसलें खराब हो रही है और पीने के पानी की भी समस्या आने लगी है. किसानों ने कहा कि निर्धारित मात्रा से कम पानी मिलने को लेकर सिंचाई विभाग के SE को किसानों ने बार-बार ज्ञापन दिया. जिसके बाद भी टेलों और मोघों का पूरा पानी नहीं पहुंचाया गया.

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किसानों ने मुख्य अभियंता पर आरोप लगाया है कि मुख्य अभियंता रुस्तगी बड़े काश्तकारों से मिलकर नहर के अंतिम छोर के किसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. बार-बार अधिकारी को यह बताने पर कि नहर में पानी चोरी हो रहा है, आज तक एक भी प्रकरण में कार्रवाई नहीं की गई है और ना ही पानी रोकने के कोई प्रयास किए गए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि सभी प्रभावशाली काश्तकारों द्वारा रात को नहर में से पानी की चोरी की जाती है. जिससे अंतिम छोर के किसानों को पानी नहीं मिल पाता है. ऐसे में किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं.

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