श्रीगंगानगर. सिखों के पहले गुरु श्री गुरुनानक देव की जन्म स्थली पाकिस्तान के ननकाना साहिब से अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन शुरू हुआ था. यह नगर कीर्तन सोमवार को श्रीगंगानगर शहर में पहुंचा. जहां इसके दर्शन के लिए लोगों ने घंटों तक सड़कों पर पलक पावड़े बिछाए.
श्री गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन श्री गंगानगर में पहली बार पहुंचा है. दोपहर से बैठी संगत देर रात तक नगर कीर्तन के पहुंचने की इंतजार में सतनाम वाहेगुरु नाम का जाप करती रही. रात 12 बजे शहर में रिद्धि-सिद्धि के पास नगर कीर्तन के पहुंचने पर संगत के दर्शन की मुराद पूरी हुई तो पूरा वातावरण 'जो बोले सो निहाल' जयकारे से गूंज उठा.
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दर्शनों के लिए संगत का हुजूम इतना बड़ा था कि शहर पहुंचने पर नगर कीर्तन की जिस वाहन में पालकी साहब सुशोभित थी, उसे निहारने के लिए संगत में शामिल लोगों को अपनी बारी के लिए लंबे समय का इंतजार करना पड़ा. अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन हनुमानगढ़ से गंगानगर पहुंचने में लगभग 8 घंटे से ज्यादा का समय लगा. नगर कीर्तन के पहुंचने का समय सोमवार शाम 4 बजे का था लेकिन कीर्तन मंगलवार को 12:30 बजे के करीब पहुचा. अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन जैसे ही शहर की सीमा में प्रवेश किया तो बड़ी संख्या में इंतजार कर रही संगत ने उत्साह के साथ स्वागत किया. अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन देखने के लिए शहर में जगह-जगह पर एकत्रित संगत की श्रद्धा इतनी थी कि संगत रोड के किनारे पर घंटो तक बैठकर इंतजार करती रही.
वहीं अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन के स्वागत सत्कार में रिद्धि-सिद्धि, चहल चौक, मीरा चौक, सुखाड़िया सर्किल, बीरबल चौक, मटका चौक, कोड़ा चौक, बस स्टैंड होता हुआ रात तीन बजकर 15 मिनट पर धन धन बाबा दीप सिंह गुरुद्वारा पहुंचा. इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन जिस रास्ते से गुजरा वहां पर बड़ी संख्या में संगत में शामिल श्रद्धालुओं ने गुरु नानक देव जी के साक्षात दर्शन करने की बात कहते हुए उमड़ पड़े. वहीं संगत ने कीर्तन में शामिल लोगों के लिए जगह-जगह लंगर की व्यवस्था कर रखी थी.