श्रीगंगानगर. खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट को रोकने के लिए भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने बड़ा कदम उठाया है. प्राधिकरण ने दुकानदारों और व्यापारियों के लिए गाइड लाइन जारी कर दी है, जिससे की आमजन को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिल सके. इसके लिए अब सभी दुकानदारों को उनकी दुकानों और प्रतिष्ठानों पर विशेष कलर के फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड लगाना अनिवार्य हो गया है.
बता दें कि जिले में सभी फल, सब्जी, दूध और डेयरी संबंधित उत्पाद, सड़क किनारे लगने वाली रेहड़िया, होटल, ट्रांसपोर्टर अन्य छोटे बड़े खाद्य, खुदरा-थोक विक्रेता आदि को अपने प्रतिष्ठानों में विशेष कलर का बोर्ड लगाना होगा. इस बोर्ड को रिसेप्सन, बिलिंग काउंटर अथवा प्रवेश द्वार पर लगाया जाना जरूरी है. पहले ये बोर्ड छह रंगो में होते थे. लेकिन अब अलग-अलग खाद्य सामग्री और प्रतिष्ठान के हिसाब से 9 प्रकार के कलर कोड का प्रारूप जारी कर दिया गया है. इन पर बने पंजीकरण और लाइसेंस नंबर भी अंकित करने होंगे.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग श्रीगंगानगर में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पंजीबद्ध करवाने वाले छोटे व्यापारियों, दुकानदारों की 6050 के करीब संख्या है, जिनका विभाग में अभी तक नहीं रजिस्ट्रेशन हुआ है. वहीं बड़े व्यापारियों और दुकानदारों की यह संख्या 1038 के करीब है, जिनको अब ये बोर्ड लगाने होंगे. क्योंकि विभाग के निर्देशानुसार अगर दुकानदार बोर्ड नहीं लगाता है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और न्यायालय में चालान पेश किया जाएगा.
फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड लगाने का फायदा न केवल मिलावट के प्रति लोगों को संचेत करना है. बल्कि ग्राहकों को अपने अधिकारों के प्रति भी जागरूक करना है. संस्थान के बाहर गाइड लाइन युक्त कलर बोर्ड लगा देख ग्राहक संतुष्ट हो पाएगा की जिस दुकानदार या व्यापारी के पास में वह सामग्री खरीदने आया है. वह मानकों के हिसाब से सामान बेच रहा है. अगर ग्राहक को कोई शिकायत होती है तो वह तुरंत उस दुकानदार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकेगा.
बोर्ड के बीच में जो सेफ्टी रूल्स बिंदु अंकित किए गए हैं. उनके बारे में ग्राहक दुकानदार से पूछताछ कर सकेगा. इससे ग्राहक आश्वस्त होगा कि सेफ्टी रूल्स के हिसाब से ही उसे सामग्री मिल रही है. विभाग ने भी सख्ती से निर्देश दिए हैं की अगर कोई दुकानदार या व्यापारी बोर्ड नहीं लगाएगा तो उस पर भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. इससे जो बिना लाइसेंसधारी दुकानदार या व्यापारी हैं. उनको भी लाइसेंस लेना पड़ेगा और तय मानकों के हिसाब से ही सामान बेचना पड़ेगा.