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ग्रामीणों की कोरोना से जंग: High Risk Zone में शामिल श्रीगंगानगर की साधुवाली ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट

कोरोना वायरस को लेकर ग्रामीण कितने जागरूक और सतर्क है, इसकी पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत श्रीगंगानगर शहर से 8 किलोमीटर दूर बसे साधुवाली ग्राम पंचायत पहुंचा. यहां ग्रामीणों में डर है क्योंकि यह गांव हाई रिस्क जोन में शामिल है. लेकिन क्या कोरोना वायरस से बचने के लिए यहां के लोग अलर्ट पर है और किस तरह की सावधानियां बरत रहे हैं? देखिए ग्राउंड रिपोर्ट...

Corona virus, कोरोना वायरस
ग्रामीणों की कोरोना से जंग
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Published : Jun 9, 2020, 4:36 PM IST

Updated : Jun 9, 2020, 8:49 PM IST

श्रीगंगानगर. एक तरफ पंजाब की सीमा तो दूसरी तरफ गंगनहर के किनारे साधुवाली ग्राम पंचायत बसी हुई है. साधुवाली ग्राम पंचायत में 5 हजार 589 मतदाता हैं और यहां की जनसंख्या करीब 9 हजार से ज्यादा है. पंजाब से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 62 के बीच से गुजरने की वजह से यहां हर समय खतरा और ज्यादा बना रहता है. हाई रिस्क जोन में आने वाली साधुवाली ग्राम पंचायत के ग्रामीणों के लिए कोरोना वायरस से बचना चुनौती है, लेकिन ग्रामीणों ने हार नहीं मानी है हर मोर्चे पर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं.

श्रीगंगानगर जिले की साधुवाली ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट: पार्ट-01

साधुवाली ग्राम पंचायत के किनारे ही पंजाब सीमा का नाका लगा है. लॉकडाउन के दौरान पंजाब और राजस्थान के दूसरे जिलों से बड़ी संख्या में लोगों का यहां आना-जाना लगा रहा है. जब हम इस गांव में पहुंचे, तो गांव की ज्यादातर गलियां सूनी नजर आई, लेकिन नेशनल हाईवे पर अब भी बड़ी संख्या में वाहन गुजरते दिखे.

साधुवाली ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट: पार्ट-02

किसान खेतों में ट्रैक्टर लेकर जाते दिखे तो वहीं ग्रामीण अपने जरूरी काम के लिए घर से बाहर आते जाते नजर आए. गांव में जो दुकानें खुली थी, वहां पर ज्यादा भीड़ नजर नहीं आई. हम आगे बढ़े तो एक युवक गन्ने का जूस पिलाता हुआ दिखा, इस दौरान युवक ने अपने हाथों में ग्लव्स और मुंह में मास्क लगा रखा था, साथ ही समय-समय पर सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहा था.

गांव के उप सरपंच राकेश विश्नोई से हमने मुलाकात की तो उन्होंने बताया कि साधुवाली गांव में जिला प्रशासन ने रिलीफ कैंप बनाया है, जिसकी वजह से ग्राम पंचायत हाई-रिस्क में आ गई है. उन्होंने बताया कि गांव के स्कूल में बनाए गए रिलीफ कैंप में दूसरे राज्यों और जिलों से आने वाले लोगों को रोककर स्क्रीनिंग के बाद उन्हें घर भेजते हैं. उप सरपंच ने बताया कि गांव में कोरोना वायरस से जागरूकता के लिए मंदिर और गुरुद्वारे से रोजाना आवाज लगाई जाती है और बाहर से आने वाले लोगों पर नजर रखकर उन्हें क्वॉरेंटाइन किया जाता है.

Corona virus, कोरोना वायरस
साधुवाली ग्राम पंचायत

वहीं क्वॉरेंटाइन की पालना करवाने के लिए ग्राम पंचायत अपने स्तर पर सख्ती से कदम उठा रही हैं. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई जा रही है. इसके बाद गांव में स्थित हलवाई की दुकान पर पहुंचें. वहां हलवाई राजाराम ने बताया कि लगातार सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराई जा रही है, लेकिन फिलहाल दुकान में ग्राहक कम आ रहे हैं. जिसकी वजह से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी आसानी से हो जा रही है. गांव की अगली गली में हम पहुंचें तो देखा की राशन डिपो पर गेहूं लेकर कुछ महिलाएं जा रही हैं, लेकिन यहां खास बात यह थी कि सभी के मुंह पर मास्क लगा था.

Corona virus, कोरोना वायरस
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय साधुवाली

अब हम स्वस्थ्य व्यवस्था का जायजा लेने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें, जहां नर्सिंग स्टाफ, आशा से मिले. आशा सहयोगिनी सुनीता वर्मा ने बताया कि साधुवाली गांव में बाहर से आने वाले लोगों को रोकने के लिए सेंटर बनाया गया है. लगातार रैंडम सर्वे और सैंपलिंग की जा रही है. वहीं गांव हाई रिस्क में होने के कारण घरों और स्कूलों में बाहर से आने वाले लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. जायजा लेने के लिए हम रिलीफ कैंप पहुंचे. यहां हम जानना और देखना चाहते थे कि आखिर सुविधाएं सही है या नहीं.

बाहर से आने वालों के लिए होम क्वॉरेंटाइन

रिलीफ कैंप में हमें कोई व्यक्ति तो नहीं मिला, लेकिन दो अध्यापिका मिलीं जो की यहां पर ड्यूटी पर तैनात थीं. स्कूल अध्यापिका वीणा सेठी ने बताया कि जिले के बाहर से आने वाले मरीजों के लिए स्कूल को रिलीफ केंद्र बनाया गया है. यहां रुकने वाले मजदूरों की स्क्रीनिंग से लेकर खाने-पीने तक की व्यवस्था की जाती है. उन्होंने बताया कि गांव में जो लोग बाहर से आए हैं उन्हें घरों में क्वॉरेंटाइन कर उन पर नजर रखी जा रही है. वहीं अध्यापिका संदीप कौर ने बताया कि गांव में बाहर से करीब 70 लोग आ चुके हैं. सभी को 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन किया गया है.

गांव में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव

पंचायत भवन में कार्यरत सत्यनारायण भादू ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीणों की मुस्तैदी बहुत काम आ रही है. उन्होंने बताया कि गांव में कोरोना वायरस की दस्तक नहीं हो इसके लिए पंचायत की तरफ से सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करवाया है. कंट्रोल रूम बनाकर गांव में बाहर से आने वालों की सूचना प्रशासन को दी जाती है. अगर गांव के किसी भी बीमार व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण दिखते हैं तो प्रशासन को सूचना दी जाती है. इसके अलावा रिलीफ कैंप में भी काफी सावधानियों के साथ काम किया गया है.

गांव में बाहर से आने वाले लोगों पर रोक

सत्यनारायण ने बताया कि अगर कोई बाहर से गांव में आता है तो उसे गांव के बाहर ही रोक लिया जाता है. इसके लिए गांव के बाहर बेरिकेडिंग भी लगाई गई है. गांव में घुसने से पहले शख्स के बारे में पूरी जानकारी ले ली जाती है, साथ ही उसका रिकॉर्ड में रखा जाता है ताकि जरूरत पड़ने पर व्यक्ति की हिस्ट्री निकाली जा सके. गांव के लोगों से हमने कोरोना वायरस और इसके बचाव के बारे में बातचीत की ज्यादातर लोग कोरोना वायरस को लेकर जागरूक नजर आए. यही नहीं इस महामारी से निपटने के लिए किस तरह से उपाय अपना रहे हैं इसके बारे में भी उन्होंने खुलकर बात की.

कोरोना को लेकर हम सावधान हैं: सरपंच

साधुवाली ग्राम-पंचायत के सरपंच श्रीराम बरावड ने बताया कि ग्रामीणों की मदद से कोरोना संक्रमण को रोकने की लड़ाई लड़ी जा रही है. ग्रामीणों की मदद से हर संभव कोशिश कर रहे हैं यही वजह है कि अभी तक गांव में एक भी कोरोना से संक्रमित मरीज नहीं पाया गया है. सरपंच ने कहा कि गांव तक अभी कोरोना नहीं पहुंचा इसका मतलब ये नहीं है कि हम सतर्कता बरत रहे हैं. हालांकि, अभी ग्रामीण अपने काम कर रहे हैं. खेतों में जा रहे हैं लेकिन सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग और नियमों की पालना कर रहे हें.

ये भी पढ़ें: Ground Report: सरकार की अस्पष्ट गाइडलाइन के चलते कंटेनमेंट क्षेत्रों में भी खुले मॉल और कॉम्प्लेक्स

हमारी ग्राउंड रिपोर्ट में साधुवाली गांव के ग्रामीण जागरूक नजर जाए. शायद यही वजह है कि अभी तक इस गांव में कोरोना वायरस नहीं पहुंच पाया है. बाहर से आने वाले लोगों को गांव के बाहर के क्वॉरेंटाइन कर दिया जाता है. गांव में आने वाले हर शख्स का रिकॉर्ड रखा जा रहा है. गांव वाले अपनी रोजाना की जिंदगी जी रहे हैं, अपने सभी काम कर रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस को लेकर भी संजीदा है और सतर्क भी.

श्रीगंगानगर. एक तरफ पंजाब की सीमा तो दूसरी तरफ गंगनहर के किनारे साधुवाली ग्राम पंचायत बसी हुई है. साधुवाली ग्राम पंचायत में 5 हजार 589 मतदाता हैं और यहां की जनसंख्या करीब 9 हजार से ज्यादा है. पंजाब से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 62 के बीच से गुजरने की वजह से यहां हर समय खतरा और ज्यादा बना रहता है. हाई रिस्क जोन में आने वाली साधुवाली ग्राम पंचायत के ग्रामीणों के लिए कोरोना वायरस से बचना चुनौती है, लेकिन ग्रामीणों ने हार नहीं मानी है हर मोर्चे पर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं.

श्रीगंगानगर जिले की साधुवाली ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट: पार्ट-01

साधुवाली ग्राम पंचायत के किनारे ही पंजाब सीमा का नाका लगा है. लॉकडाउन के दौरान पंजाब और राजस्थान के दूसरे जिलों से बड़ी संख्या में लोगों का यहां आना-जाना लगा रहा है. जब हम इस गांव में पहुंचे, तो गांव की ज्यादातर गलियां सूनी नजर आई, लेकिन नेशनल हाईवे पर अब भी बड़ी संख्या में वाहन गुजरते दिखे.

साधुवाली ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट: पार्ट-02

किसान खेतों में ट्रैक्टर लेकर जाते दिखे तो वहीं ग्रामीण अपने जरूरी काम के लिए घर से बाहर आते जाते नजर आए. गांव में जो दुकानें खुली थी, वहां पर ज्यादा भीड़ नजर नहीं आई. हम आगे बढ़े तो एक युवक गन्ने का जूस पिलाता हुआ दिखा, इस दौरान युवक ने अपने हाथों में ग्लव्स और मुंह में मास्क लगा रखा था, साथ ही समय-समय पर सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहा था.

गांव के उप सरपंच राकेश विश्नोई से हमने मुलाकात की तो उन्होंने बताया कि साधुवाली गांव में जिला प्रशासन ने रिलीफ कैंप बनाया है, जिसकी वजह से ग्राम पंचायत हाई-रिस्क में आ गई है. उन्होंने बताया कि गांव के स्कूल में बनाए गए रिलीफ कैंप में दूसरे राज्यों और जिलों से आने वाले लोगों को रोककर स्क्रीनिंग के बाद उन्हें घर भेजते हैं. उप सरपंच ने बताया कि गांव में कोरोना वायरस से जागरूकता के लिए मंदिर और गुरुद्वारे से रोजाना आवाज लगाई जाती है और बाहर से आने वाले लोगों पर नजर रखकर उन्हें क्वॉरेंटाइन किया जाता है.

Corona virus, कोरोना वायरस
साधुवाली ग्राम पंचायत

वहीं क्वॉरेंटाइन की पालना करवाने के लिए ग्राम पंचायत अपने स्तर पर सख्ती से कदम उठा रही हैं. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई जा रही है. इसके बाद गांव में स्थित हलवाई की दुकान पर पहुंचें. वहां हलवाई राजाराम ने बताया कि लगातार सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराई जा रही है, लेकिन फिलहाल दुकान में ग्राहक कम आ रहे हैं. जिसकी वजह से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी आसानी से हो जा रही है. गांव की अगली गली में हम पहुंचें तो देखा की राशन डिपो पर गेहूं लेकर कुछ महिलाएं जा रही हैं, लेकिन यहां खास बात यह थी कि सभी के मुंह पर मास्क लगा था.

Corona virus, कोरोना वायरस
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय साधुवाली

अब हम स्वस्थ्य व्यवस्था का जायजा लेने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें, जहां नर्सिंग स्टाफ, आशा से मिले. आशा सहयोगिनी सुनीता वर्मा ने बताया कि साधुवाली गांव में बाहर से आने वाले लोगों को रोकने के लिए सेंटर बनाया गया है. लगातार रैंडम सर्वे और सैंपलिंग की जा रही है. वहीं गांव हाई रिस्क में होने के कारण घरों और स्कूलों में बाहर से आने वाले लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. जायजा लेने के लिए हम रिलीफ कैंप पहुंचे. यहां हम जानना और देखना चाहते थे कि आखिर सुविधाएं सही है या नहीं.

बाहर से आने वालों के लिए होम क्वॉरेंटाइन

रिलीफ कैंप में हमें कोई व्यक्ति तो नहीं मिला, लेकिन दो अध्यापिका मिलीं जो की यहां पर ड्यूटी पर तैनात थीं. स्कूल अध्यापिका वीणा सेठी ने बताया कि जिले के बाहर से आने वाले मरीजों के लिए स्कूल को रिलीफ केंद्र बनाया गया है. यहां रुकने वाले मजदूरों की स्क्रीनिंग से लेकर खाने-पीने तक की व्यवस्था की जाती है. उन्होंने बताया कि गांव में जो लोग बाहर से आए हैं उन्हें घरों में क्वॉरेंटाइन कर उन पर नजर रखी जा रही है. वहीं अध्यापिका संदीप कौर ने बताया कि गांव में बाहर से करीब 70 लोग आ चुके हैं. सभी को 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन किया गया है.

गांव में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव

पंचायत भवन में कार्यरत सत्यनारायण भादू ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीणों की मुस्तैदी बहुत काम आ रही है. उन्होंने बताया कि गांव में कोरोना वायरस की दस्तक नहीं हो इसके लिए पंचायत की तरफ से सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करवाया है. कंट्रोल रूम बनाकर गांव में बाहर से आने वालों की सूचना प्रशासन को दी जाती है. अगर गांव के किसी भी बीमार व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण दिखते हैं तो प्रशासन को सूचना दी जाती है. इसके अलावा रिलीफ कैंप में भी काफी सावधानियों के साथ काम किया गया है.

गांव में बाहर से आने वाले लोगों पर रोक

सत्यनारायण ने बताया कि अगर कोई बाहर से गांव में आता है तो उसे गांव के बाहर ही रोक लिया जाता है. इसके लिए गांव के बाहर बेरिकेडिंग भी लगाई गई है. गांव में घुसने से पहले शख्स के बारे में पूरी जानकारी ले ली जाती है, साथ ही उसका रिकॉर्ड में रखा जाता है ताकि जरूरत पड़ने पर व्यक्ति की हिस्ट्री निकाली जा सके. गांव के लोगों से हमने कोरोना वायरस और इसके बचाव के बारे में बातचीत की ज्यादातर लोग कोरोना वायरस को लेकर जागरूक नजर आए. यही नहीं इस महामारी से निपटने के लिए किस तरह से उपाय अपना रहे हैं इसके बारे में भी उन्होंने खुलकर बात की.

कोरोना को लेकर हम सावधान हैं: सरपंच

साधुवाली ग्राम-पंचायत के सरपंच श्रीराम बरावड ने बताया कि ग्रामीणों की मदद से कोरोना संक्रमण को रोकने की लड़ाई लड़ी जा रही है. ग्रामीणों की मदद से हर संभव कोशिश कर रहे हैं यही वजह है कि अभी तक गांव में एक भी कोरोना से संक्रमित मरीज नहीं पाया गया है. सरपंच ने कहा कि गांव तक अभी कोरोना नहीं पहुंचा इसका मतलब ये नहीं है कि हम सतर्कता बरत रहे हैं. हालांकि, अभी ग्रामीण अपने काम कर रहे हैं. खेतों में जा रहे हैं लेकिन सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग और नियमों की पालना कर रहे हें.

ये भी पढ़ें: Ground Report: सरकार की अस्पष्ट गाइडलाइन के चलते कंटेनमेंट क्षेत्रों में भी खुले मॉल और कॉम्प्लेक्स

हमारी ग्राउंड रिपोर्ट में साधुवाली गांव के ग्रामीण जागरूक नजर जाए. शायद यही वजह है कि अभी तक इस गांव में कोरोना वायरस नहीं पहुंच पाया है. बाहर से आने वाले लोगों को गांव के बाहर के क्वॉरेंटाइन कर दिया जाता है. गांव में आने वाले हर शख्स का रिकॉर्ड रखा जा रहा है. गांव वाले अपनी रोजाना की जिंदगी जी रहे हैं, अपने सभी काम कर रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस को लेकर भी संजीदा है और सतर्क भी.

Last Updated : Jun 9, 2020, 8:49 PM IST
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