श्रीगंगानगर. देश में चल रहे लॉकडाउन के दौरान तमाम प्रकार की गतिविधियां रुकी हुई है. वहीं देश के ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाले किसानों को आने वाले दिनों में कॉटन फसल बुवाई के लिए यूरिया खाद की जरूरत पड़ने वाली है. सरकार आवश्यक वस्तुओं की लगातार सप्लाई करने में जुटी हुई है. रेलवे विभाग भी देश के कोने-कोने में खाद्य सामग्री से लेकर तमाम प्रकार की आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई रेल गाड़ियों से कर रहा है. इसी क्रम में किसानों को भी यूरिया खाद की जरूरत पड़ने वाली है. उसको देखते हुए सरकार ने खेती पर किसी प्रकार का संकट ना आए उसके लिए किसानों तक खाद पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी है.
कृषि प्रधान जिला कहे जाने वाले श्रीगंगानगर जिले में यूरिया खाद की बड़ी खपत है. लॉकडाउन के दौरान किसानों तक यूरिया खाद कैसे पहुंचे इसके लिए भारत सरकार माल गाड़ियों से जिले में यूरिया खाद पहुंचा रही है. श्रीगंगानगर में रेलवे प्लेटफार्म पर रेलवे यार्ड में मालगाड़ी से जो यूरिया खाद आ रही है, उसको यहां पर मजदूर उतारकर गोदामों में भेज रहे हैं. इस दौरान खास बात देखने को यह मिली कि लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण को देखते हुए मालगाड़ी से माल उतारने वाले मजदूरों में भी अब संक्रमण को लेकर जागृति दिखाई देने लगी है.
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यहां काम करने के लिए आने वाले मजदूर ना केवल सोशल डिस्टेंसिंग की पालन कर रहे हैं, बल्कि मुंह पर कपड़ा, सैनिटाइजर सहित तमाम सुरक्षा के उपाय कर रहे हैं, ताकी कोरोना संक्रमण का बचाव किया जा सके. ईटीवी भारत ने रेलवे परिसर के यार्ड में खड़ी मालगाड़ी से यूरिया खाद उतार रहे के मजदूरों के बीच जाकर बात की तो पता चला कि यहां काम करने वाले मजदूरों को प्रशासन की तरफ से अनुमति दी गई है, लेकिन प्रशासन ने जिन नियमों को पूरा करने के लिए कहा है, वे नियम भी यार्ड में काम कर रहे मजदूर पुरा कर रहे हैं.