श्रीगंगानगर. गंगनहर परियोजना क्षेत्र के किसानों को पर्याप्त पानी की मांग के संबंध में शुक्रवार को किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर हंगामा किया. जिला कलेक्टर से मुलाकात कर किसानों ने अपनी पीड़ा बताई. किसानों का कहना था कि इन दिनों किसानों को 2400 क्यूसेक पानी की आवश्यकता है लेकिन उपलब्ध केवल 1500 क्यूसेक हो रहा है. इससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
किसान नेता सुभाष सहगल का कहना था कि किसान लगातार पानी की कमी से जूझ रहे हैं और जिला प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ऐसे में कालूवाला हेड पर किसानो ने धरना लगाया गया है. किसानों की माने तो एलएनपी नहर क्षेत्र के किसानों की फरवरी-मार्च में लगातार सिंचाई बारी पीटी है लेकिन विभाग के अधिकारियों ने आपूर्ति के लिए पानी नहीं दिया है. अब गेहूं और जौ की फसलों को अंतिम सिंचाई की आवश्यकता है. ऐसे में अभी पानी नहीं मिला तो फसलें बर्बाद हो जाएगी. किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर रेगुलेशन में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया. इससे पहले किसानों ने बीते दिनों सिंचाई बारियां पीटने के एवज में अतिरिक्त पानी देने की मांग को लेकर कालूवाला हेड पर पड़ाव डाल दिया. ट्रैक्टर-ट्राली लेकर पहुंचे किसानों ने चेताया एलएनपी नहर को बंद नहीं करने देंगे.
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पड़ाव स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि बीते दिन और किसानों की सिंचाई बारियां पीटी है. पहले इसकी भरपाई की जाए. किसानों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और बीजेपी के नेता किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. वहीं उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में नेता दौरा करते हैं, वहां के किसानों को खुश करने के लिए दूसरी नहर क्षेत्र के किसानों का पानी काटकर अतिरिक्त पानी दिया जाता है. जबकी उस क्षेत्र के किसानों को पूरा पानी नहीं मिलने से उनकी फसले खराब हो रही हैं. किसानों ने आरोप लगाया कि कुछ प्रभावशाली किसानों को सिंचाई विभाग के अधिकारी लगातार पानी उपलब्ध करवा रहे हैं. जबकि छोटे किसानों की बारियां पीटने से फसलें बर्बाद हो रही है. ऐसे में असमान वितरण लगातार जारी रहा तो किसान सिंचाई अधिकारियों को बंधक बनाकर अपना पानी पूरा करवाएंगे.