श्रीगंगानगर. कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के आह्वान पर शुक्रवार को भारत बंद के दौरान बंद का असर शांतिपूर्ण और मिलाजुला रहा. श्रीगंगानगर जिले में शहरों से गांव तक हर चौराहे पर किसान संगठनों की टीमें तैनात रहीं. बाजार बंद तो नहीं रहे लेकिन सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम नजर आई. किसान संगठनों की ओर से जिला मुख्यालय से निकलने वाले मार्गों पर नाकेबंदी रही. किसान संगठनों ने बंद के दौरान ट्रेन रोककर भी प्रदर्शन किया. इसके तहत जिला मुख्यालय पर रेलवे स्टेशन पर जाकर किसानों ने ट्रेन रोकी तो वहीं फतूही रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर बंद को सफल बनाया गया.
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भारत बंद के दौरान सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक बाजार बंद रखने के लिए आह्वान किया गया था लेकिन बाजार व मोहल्लों में दुकानें खुलने से बंद का मिलजुला असर नजर आया. वहीं वाहनों की आवाजाही ठप रहने से लोगों को अपने गन्तव्य तक पहुचने में काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ा. जिले में पंजाब से सटे साधुवाली बॉर्डर पर किसान नेताओ ने नाका लगाकर सड़क परिवहन को पूरी तरह से बंद कर दिया. जिसके चलते पंजाब से गुजरात जाने वाले ट्रकों की लंबी लाइन लगी नजर आई.
ईटीवी भारत की टीम जब पंजाब से सटे साधुवाली बॉर्डर पर पहुंची तो वहां किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कृषि बिलों के विरोध में बंद को सफल बनाने को लेकर नारेबाजी की जा रही थी. इस दौरान किसानों ने सड़क परिवहन को बंद रखा, जिसके चलते पंजाब से कांडला बंदरगाह तक जाने वाले ट्रकों के पहिये थमने से लंबी लाइनें लग गईं. वहीं निजी वाहनों से अपने गंतव्य तक जाने वाले लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा. किसान नेताओं ने कहा कि बंद को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए किसान हर मोर्चे पर डटे हुए हैं. हालांकि कुछ किसान बंद के दौरान ताश के पत्तों पर बाजी मारते नजर आए तो वहीं कुछ किसान दोपहर बाद अपने घर चले गए.