सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). भारत माला परियोजना में बनने वाली सड़क के लिए जमीन अवाप्त की गई, जिसका मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर किसान धरने पर बैठे हैं. बता दें कि गुरुवार को किसानों का एसडीएम कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन भी जारी रहा. वहीं किसानों ने मुआवजा बढ़ाने की मांग पूरी होने तक धरना जारी रखने की चेतावनी दी है.
किसानों की पीड़ा है कि सड़क के लिए अवाप्त की गई भूमि का मुआवजा बाजार दर से कम है. ऐसे में उन्हें आर्थिक नुकसान होगा. उनको डीएलसी और बाजार दर से मुआवजा दिया जाए. सड़क निर्माण के लिए पंचायत ऐटा, सरदारपुरा खर्था, ठेठार, गुंसाईसर, सोमासर, कालूसर, धांधू, करडू, सांवलसर, चाड़सर, लधेर, सिंगरासर और पंचायत साबनिया के किसानों की जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अवाप्त की गई है.
इससे पहले किसानों की सभा हुई. सभा में टिब्बा क्षेत्र संघर्ष समिति संयोजक राकेश बिश्नोई, अमित कड़वासरा, एडवोकेट रमेश दलाल, सरपंच इमीलाल कुल्हड़िया, अमर सिंह और अमित कल्याणा ने विचार रखे. वक्ताओं ने कहा कि भारत माला परियोजना के तहत अमृतसर-कांडला राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 754 के लिए 61.467 किमी से 81.688 किमी तक (सूरतगढ़) जमीन अवाप्त की गई है.
किसानों का आरोप है कि प्रक्रिया शुरू करने से पहले बाजार रेट पर डीएलसी तय नहीं किया गया. धारा 26 भूमि अधिग्रहण 2013 के तहत डीएलसी रेट पर अवार्ड घोषित करने और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू करने से पहले डीएलसी और बाजार रेट निर्धारित नहीं किया. इसमें मुआवजे के रूप में दी जाने वाली राशि डीएलसी और बाजार दर से कम है.
संयोजक राकेश बिश्नोई ने कहा कि फिलहाल सिर्फ भूमि का मुआवजा तय किया गया है. इसके साथ ढाणियों, ट्यूबवेल, पेड़ों और पाइप लाइनों का मुआवजा तय नहीं किया. भूमि के मुआवजे की राशि के साथ ढाणी सहित अन्य संसाधनों का मुआवजा भी तय कर किसानों को दिया जाए. किसानों ने इसके लिए आपत्तियां दर्ज करवा रखी हैं. धरना स्थल पर कई किसान धरने पर मौजूद रहे.
यह भी पढे़ं : बाड़मेर: जिनका कोई मोल नहीं था, उन्हीं धोरों पर अब बरसेगा 'धन'
किसान बोले : बाजार रेट से कम है, अवाप्त की गई भूमि...
किसानों ने बताया कि सरकार नहरी क्षेत्र की अवाप्त की गई भूमि का 3 से 4 लाख रुपए प्रति बीघा, बारानी और ट्यूबवेल से सिंचित जमीन का 50 से 60 हजार रुपए प्रतिबीघा मुआवजा दे रही है. किसानों का कहना है कि नहरी जमीन का बाजार भाव 15 से 20 लाख, बारानी का 4 से 5 लाख और ट्यूबवेल से सिंचित जमीन का 10 से 12 लाख रुपए प्रति बीघा है. ऐसे में अवाप्त की गई जमीन का मुआवजा फिर से तय किया जाए. प्रभावित किसानों ने बताया कि भूमि अवाप्ति अधिकारी ने जमीन की मुआवजा राशि प्राप्त करने के नोटिस जारी किए हैं, तय की गई मुआवजे की राशि नहीं लेंगे और सरकार ने जमीन अधिग्रहण की तो मौके पर विरोध करेंगे.