ETV Bharat / state

कोरोना कालः कोविड प्रभारी की लापरवाही से खतरे के मुहाने पर श्रीगंगानगर

श्रीगंगानगर में कोविड प्रभारी की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. जिसमें दिल्ली से आए एक संक्रमित युवक की जिस लैब में कोरोना जांच की गई थी. उस लैब के कर्मियों को अब तक संदिग्ध मान कर क्वॉरेंटाइन नहीं किया गया है.

श्रीगंगानगर न्यूज़,  कोविड प्रभारी की लापरवाही,  आशीर्वाद लैब,  कोरोना संक्रमित,  एसआर लैब,  डॉ हरबंस बराड़,  Sriganganagar News,  Negligence of covid charge,  Ashirwad Lab,  SR Lab
कोविड प्रभारी की लापरवाही
author img

By

Published : May 22, 2020, 4:19 PM IST

श्रीगंगानगर. अब तक ग्रीन जोन में बना रहा श्रीगंगानगर जिला स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों की लापरवाही और नासमझी से कभी भी रेड जोन में शामिल हो सकता है. दिल्ली से आए युवक के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के कोविड प्रभारी डॉक्टर हरबंस सिंह बराड़ ने भले ही युवक के संपर्क में आए चंद लोगों को क्वॉरेंटाइन करके ड्यूटी पूरी कर ली हो. लेकिन वहीं कोविड प्रभारी की बड़ी लापरवाही सामने आई है.

कोविड प्रभारी की लापरवाही

दरअसल 17 मई को ब्रह्म कॉलोनी का कोरोना पॉजिटिव युवक जिस बस में सवार होकर दिल्ली से श्रीगंगानगर अपने घर आया था. उसके संपर्क में आए बस में सवार व्यक्तियों, बस ड्राइवर, डॉक्टर, लैब कर्मचारी और उसके परिजनों को तो कोविड प्रभारी बराड़ ने क्वॉरेंटाइन कर दिया. लेकिन पॉजिटिव आए युवक का सैंपल जिस आशीर्वाद लैब में लेकर एसआर लैब में भेजा गया था. वहां के कार्मिकों को अभी तक संदिग्ध मानकर क्वॉरेंटाइन नहीं किया है. एसा इसीलिए क्योंकि एसआर लैब कोविड प्रभारी डॉक्टर बराड के बेटे की है. ऐसे में हो सकता है की कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में लैब संचालक डॉ बराड़ का पुत्र भी आया होगा. मगर फिर भी अभी तक ना तो लैब को बंद किया गया है और ना ही उसके मालिक को क्वॉरेंटाइन किया गया है.

पढ़ें- हनुमान बेनीवाल ने चिकित्सा मंत्री और मुख्य सचिव को लिखा पत्र...

अभी तक केवल आशीर्वाद लैब के एक भी कार्मिक को ही क्वॉरेंटाइन किया गया है. लेकिन एसआर लैब के मालिक और वहां के कर्मियों की अब तक सैंपलिंग नहीं ली गई है. वहीं डॉ पिता हरबंस बराड़ क्यों अनेक विभागों के कर्मचारियों की जान जोखिम में डालकर उनके बीच खुले आम घूम रहे हैं. ऐसे में कोविड प्रभारी डॉक्टर बराड़ की इतनी बडी लापरवाही और नासमझी से पूरे जिले को रेड जोन में लाने का खतरा मंडरा रहा है.

श्रीगंगानगर. अब तक ग्रीन जोन में बना रहा श्रीगंगानगर जिला स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों की लापरवाही और नासमझी से कभी भी रेड जोन में शामिल हो सकता है. दिल्ली से आए युवक के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के कोविड प्रभारी डॉक्टर हरबंस सिंह बराड़ ने भले ही युवक के संपर्क में आए चंद लोगों को क्वॉरेंटाइन करके ड्यूटी पूरी कर ली हो. लेकिन वहीं कोविड प्रभारी की बड़ी लापरवाही सामने आई है.

कोविड प्रभारी की लापरवाही

दरअसल 17 मई को ब्रह्म कॉलोनी का कोरोना पॉजिटिव युवक जिस बस में सवार होकर दिल्ली से श्रीगंगानगर अपने घर आया था. उसके संपर्क में आए बस में सवार व्यक्तियों, बस ड्राइवर, डॉक्टर, लैब कर्मचारी और उसके परिजनों को तो कोविड प्रभारी बराड़ ने क्वॉरेंटाइन कर दिया. लेकिन पॉजिटिव आए युवक का सैंपल जिस आशीर्वाद लैब में लेकर एसआर लैब में भेजा गया था. वहां के कार्मिकों को अभी तक संदिग्ध मानकर क्वॉरेंटाइन नहीं किया है. एसा इसीलिए क्योंकि एसआर लैब कोविड प्रभारी डॉक्टर बराड के बेटे की है. ऐसे में हो सकता है की कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में लैब संचालक डॉ बराड़ का पुत्र भी आया होगा. मगर फिर भी अभी तक ना तो लैब को बंद किया गया है और ना ही उसके मालिक को क्वॉरेंटाइन किया गया है.

पढ़ें- हनुमान बेनीवाल ने चिकित्सा मंत्री और मुख्य सचिव को लिखा पत्र...

अभी तक केवल आशीर्वाद लैब के एक भी कार्मिक को ही क्वॉरेंटाइन किया गया है. लेकिन एसआर लैब के मालिक और वहां के कर्मियों की अब तक सैंपलिंग नहीं ली गई है. वहीं डॉ पिता हरबंस बराड़ क्यों अनेक विभागों के कर्मचारियों की जान जोखिम में डालकर उनके बीच खुले आम घूम रहे हैं. ऐसे में कोविड प्रभारी डॉक्टर बराड़ की इतनी बडी लापरवाही और नासमझी से पूरे जिले को रेड जोन में लाने का खतरा मंडरा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.