श्रीगंगानगर. कोरोना संकट के समय राजस्थान में खाद्य पदार्थ व्यापाारी और सरकार आमने-सामने हो गए हैं. राजस्थान सरकार की ओर से कृषि जिंसों की खरीद पर लगाए गए दो प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क के विरोध में जिलेभर के व्यापारियों ने हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है.
मंगलवार को दूसरे दिन भी ट्रेडर्स एसोसिएशन भवन में धानमंडी व्यापारियों की बैठक हुई. जिसमें सरकार की ओर से लगाए गए शुल्क की निंदा करते हुए निर्णय वापस लेने की मांग की है. साथ ही व्यापारियों ने एलान किया है कि, जब तक राज्य सरकार कृषक कल्याण शुल्क वापस नहीं लेती, तब तक धान मंडी में हड़ताल जारी रहेगी. इस दौरान मंडी में कृषि जिंसों की खरीद फरोख्त भी नहीं की जाएगी.
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ट्रेडर्स एसोसिएशन अध्यक्ष विपिन अग्रवाल सहित तमाम पदाधिकारियों की इस बैठक में श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ व्यापार संघ ने भी सरकार की ओर से लगाए गए शुल्क पर विचार रखते हुए कहा कि, शुल्क लागू करने से किसान जिले की मंडियों में कृषि जिंस बेचने के बजाय पड़ोसी राज्य पंजाब की मंडियों में अपना माल बेचने जाएंगे. जिससे यहां की धान मंडियों में कारोबार ठप हो जाएगा और मंडियां बंद होने की कगार पर आ जाएंगी. अनाज मंडियों के अलावा इसका असर गुड़, चीनी, डीजल और पेट्रोल सहित विभिन्न प्रकार के व्यापार पर भी पड़ेगा.
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जिले की अन्य मंडियों के व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से भी इस विषय पर चर्चा की. साथ ही एकमत होकर जिले की सभी मंडियों में खुली नीलामी पर कृषि जिंसों की खरीद फरोख्त पर सरकार की ओर से लगाए गए शुल्क का विरोध करने का फैसला लिया.