श्रीगंगानगर. साधुवाली से निकलकर पंजाब बॉर्डर पर पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों का जाब्ता लगा हुआ है लेकिन वहां पर भी मनमानी और लापरवाही के बाद अब सिफारिशों का दौर शुरू हो गया है. पंजाब की तरफ से रोजाना बड़ी संख्या में लोगों का आना जारी है. ऐसे में वहां पर पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था होनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं है. लोगों की जांच में परेशानी हो रही है. सोमवार को भी यहां मात्र तीन ही स्वास्थ्य कर्मी नजर आए जिनमें से एक रिकॉर्ड संभाल रहा था, दूसरा थर्मामीटर से लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रहा था.
लगभग आधा दर्जन पुलिसकर्मी वाहनों को रोक रहे थे. निजी वाहनों पर सवार लोगों के पास कोविड-19 रिपोर्ट नहीं होती उन्हें वापस बुलाया जा रहा था. इस दौरान कई लोगों द्वारा सिफारिशें भी लगाई गईं. कही सिफारिशें मानी गई तो कहीं अनसुनी कर दी गई.
दुपहिया वाहनों के प्रवेश पर किसी तरह की रोक टोक देखने को नहीं मिली. बसों पर सवार लोगों के स्वास्थ्य की जांच करने के बाद उन्हें प्रवेश दिया गया. हालांकि सरकार के ताजा आदेशों में यह भी कहा गया है कि कच्चे मार्गों पर नजर रखी जाए क्योंकि कुछ लोग कच्चे मार्गों से राज्य में प्रवेश करने की शिकायतें मिल रही थी.
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ताजा निर्देशों के बाद अब राज्य में प्रवेश होने वाले मुख्य मार्ग पर ऐसे हालात है तो कच्चे मार्गों पर निगरानी के हालात कैसे होंगे. साधुवाली बॉर्डर पर पंजाब से आने वाले लोगों को प्रवेश देने के लिए राजस्थान सरकार ने गाइडलाइन जारी की हुई है. जिसके तहत 72 घंटे की करोना जांच रिपोर्ट के बाद ही प्रवेश दिया जा सकता है. लेकिन बॉर्डर पर जिस तरह से बड़ी संख्या में राजस्थान में प्रवेश करने और पंजाब जाने वालों को देखते हुए यह तो साफ है कि नियमों को ताक पर रखा जा रहा है. वहीं पंजाब में तेजी से बढ़ रहे करोना को देखते हुए वहां से आने वाले लोगों के संपर्क में आने से अब जिले में भी करोना पांव पसार रहा है