श्रीगंगानगर. जिले में नगर परिषद बोर्ड बनाने की रणनीति शुरू हो चुकी है, जहां कांग्रेस-भाजपा दोनों ही पार्टियों को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने कीब जह से जोड़-तोड़ की राजनीति चालू है. चुनाव में जीतकर आये निर्दलीयों को अपने-अपने पाले में लाने के लिए कांग्रेस और भाजपा हर तरह के दाव पेच में जुटी हुई है.
भारतीय जनता पार्टी सबसे अधिक 24 सीटें जीतकर जहां बोर्ड बनाने का दावा कर रही है, तो वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के पास आंकड़ा 19 का होने के बाद भी कांग्रेस नेताओं का आत्मविश्वास यह बता रहा है कि उनके पास बोर्ड बनाने के लिए संख्या बल पूर्ण हो चुका है.
कांग्रेस द्वारा बोर्ड बनाने की चल रही संपूर्ण जोड़-तोड़ की प्रक्रिया में जुटे जिला महासचिव कृष्ण भाम्भू ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि कांग्रेस के पास ना केवल निर्दलीयों का समर्थन है बल्कि, भाजपा के कुछ पार्षद भी लगातार उनके संपर्क में हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी अपना सभापति पूर्ण बहुमत के साथ आसानी से बना लेगी.
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वहीं भाम्भू से जब यह पूछा गया की क्या पार्टी बोर्ड बनाने के लिए धनबल और सत्ता का दुरुपयोग करेगी, तो उन्होंने कहा कि जब पार्टी के पास कांग्रेस विचारधारा के निर्दलीय समर्थित पार्षद बोर्ड बनाने में सहयोग देने को तैयार है, तो साफ है की कांग्रेस को भाजपा की तरह सत्ता दुरुपयोग की जरूरत नही पड़ेगी और ना ही पार्टी की ऐसी कोई सोच है.
हालांकि, उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने हमेशा सत्ता का दुरुपयोग किया है. वहीं उन्होंने कहा कि सत्ता और विकास के साथ सभी आना चाहते हैं. ऐसे में जीत कर आए भाजपा के कुछ पार्षद भी शहर के विकास के लिए बोर्ड बनाने में कांग्रेस को समर्थन देने की तैयारी में है.
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जिला महासचिव कृष्ण भाम्भू ने हालांकि खुलकर अपने पत्ते तो नहीं खोले लेकिन, इतना जरूर कहा कि छोटा शहर होने के कारण सभी एक दूसरे को जानते पहचानते हैं, और एक दूसरे से अच्छे संबंध हैं. ऐसे में शहर के विकास के लिए ऐसे भाजपा समर्थित और भाजपा पार्षद भी बोर्ड बनाने में कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस नेता अशोक चाण्डक के साथ हैं.
भाम्भू की बातचीत में साफ है कि बोर्ड बनाने के लिए निर्दलीय को साथ लेकर बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंच चुके हैं. कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के पास भले ही पार्षदों की संख्या 19 है लेकिन, जो 22 निर्दलीय जीत कर आए हैं उनमें 15 से अधिक कांग्रेस पार्टी से समर्थित हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी के पास पूर्ण बहुमत है.