सादुलशहर (श्रीगंगानगर). सैन्य हथियारों की प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं और युवाओं को न सिर्फ हथियारों के बारे में बताया गया. बल्कि उनके इस्तमाल के बारे में अधिकारियों ने विस्तार से जानकारी दी. प्रदर्शनी में सेना ने अलग-अलग स्टॉल लगाकर हथियार रखा और हर हथियार की जानकारी को बारीकी से समझाने के लिए प्रत्येक स्टॉल पर सेना के अधिकारी भी तैनात किए गए हैं.
सैन्य छावनी के मैदान में दो हजार से ज्यादा स्कूली बच्चों ने इस प्रदर्शनी को देखा और समझा. साथ ही भारी तादात में पुरुष महिलाएं और आम नागरिक भी इस प्रदर्शनी को देखने पहुंचे. सर्दी के मौसम में इस प्रदर्शनी में भारतीय सेना के आर्मी बैंड ने देशभक्ति के गीत की धुन निकालकर गर्मी पैदा कर दी और अनेक धुनों से देशभक्ति का जज्बा जगाया. प्रदर्शनी में युवाओं ने युद्ध के समय का सर्विलांस रडार, थर्मल इमेजर, रात में दुश्मन पर नजर रखने वाले पैसिव नाइट साइट, फ्लेम लांचर, इंसास राइफल, 81 एमएम मोर्टार, इंसास एलएमजी, मशीन गन, मशीन पिस्टल, राइफल और मल्टीशाट ग्रेनेड लांचर आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की.
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प्रदर्शनी में युवाओं के भारतीय सेना में शामिल होने के लिए और उन्हें प्रेरित करने के लिए सेना पर आधारित फिल्म भी अलग से बनाए गए थियेटर में दिखाई गई. साथ ही बताया गया कि किस तरह से भारतीय सेना युद्ध के मैदान में दुश्मन को अपने आधुनिक हथियारों से पराजित करती है और भारतीय सेना इंटरनेशनल बॉर्डर पर चारों दिशाओं में किस तरह से कार्य करती है. युवाओं को यह भी बताया गया कि भारतीय सेना में किस प्रकार से युवक अपना कैरियर बना सकते हैं. सेना की शौर्य गाथा देखकर युवाओं ने भारतीय सेना में जाने की इच्छा जाहिर की. स्कूली बच्चों और युवाओं ने दूनियां की सबसे अचूक टैंक माने जाने वाले और सबसे घातक टी- 90 भीष्म टैंक पर बैठकर यद्ध मैदान का निरीक्षण किया. साथ ही साथ अधिकारियों से समझा कि यह टैंक युद्ध मैदान में किस तरह से काम करता है.
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टी- 90 टैंक पर बैठकर बच्चे रोमांचित हो उठे. भारतीय सेना ने अपने इस सबसे घातक हथियार को लद्दाख जैसे जीरो लाइन बॉर्डर पर तैनात करके रखा है. सेना के आधुनिक उपकरणों की क्षमता वजन को देखकर सभी दंग रह गए. इस पूरी प्रदर्शनी पर दर्जनों सीसीटीवी कैमरों की नजर रही. ताकि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति अंदर न जा सके. प्रदर्शनी में सेना के उच्चाधिकारियों के जरिए खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई, जिसका युवाओं और नागरिकों ने खूब लुफ्त उठाया.
भीष्म 'शक्ति' के पराक्रम को जानिए...
- 60 सेकंड में फायर करता है 8 गोले
- यह भारत का प्रमुख युद्धक टैंक है
- इसका आर्मर्ड प्रोटेक्शन शानदार है
- यह जैविक और रासायनिक हथियारों से निपट सकता है
- शुरुआती टैंक रूस में बनकर आए थे
- 60 सेकेंड में 8 गोले फायर करता है
- टैंक में अचूक 125 MM की मेन गन है
- यह 6 किलोमीटर दूर मिसाइल लॉन्च कर सकता है
- इसका वजन 48 टन है, यह दुनिया के हल्के टैंकों में एक है
- यह दिन और रात में दुश्मन से लड़ने की क्षमता रखता है
- टी- 90 भीष्म टैंक में मिसाइल हमले को रोकने वाला कवच है
- इसमें शक्तिशाली 1,000 हॉर्स पावर का इंजन है
- यह एक बार में 550 किमी की दूरी तय करने में सक्षम है