श्रीगंगानगर. राजस्थान और पंजाब में पिछले हफ्ते जल विवाद हो गया था. इसी लेकर सांसद निहालचन्द, बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड), केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) के अधिकारियों और लोकसभा की जल संबंधी स्थायी समिति की चंडीगढ़ में बैठक आयोजित हुई. इस बैठक का असर गुरुवार को देखने को मिला है. सीडब्ल्यूसी की टीम बालेवाला पंजाब और खखा हैड पर पहुंची और पानी की मात्रा का निरीक्षण किया.
श्रीगंगानगर सांसद निहालचंद ने बताया कि केन्द्रीय जल आयोग की टीम बालेवाला हैड पंजाब और राजस्थान में खखा हैड पर पानी की मात्रा का निरीक्षण कर रही है. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के बाद पता चलेगा कि पंजाब क्षेत्र में पानी की कितनी क्षति है, जिसका सीधा नुकसान राजस्थान के किसानों को होता है. सांसद निहालचंद ने बताया कि सीडब्ल्यूसी की टीम अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को प्रस्तुत करेगी.
सांसद ने बताया कि उनकी मांग है कि राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी खखा हैड पर दिया जाए. उन्होंने कहा कि बालेवाला हैड से निर्धारित मात्रा में पानी छोड़ने के बाद पंजाब क्षेत्र में लगभग 400 से 500 क्यूसेक पानी चोरी हो जाता है, जिसका सीधा नुकसान राजस्थान के किसानों को होता है. खखा हैड पर निर्धारित पानी की मात्रा उपलब्ध करवाने से राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी मिल सकेगा. इसके साथ पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के पानी के बंटवारे का 'नियंत्रण बीबीएमबी के स्थान पर केंद्र सरकार के नियंत्रण में दिया जाए, ताकि शेयर का बंटवारा सही ढंग से हो सके. भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में राजस्थान प्रदेश से भी प्रतिनिधित्व की स्थायी नियुक्ति की मांग की गयी है, जिससे बीबीएमबी में राजस्थान का पक्ष रखा जा सके.
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सांसद निहालचंद ने बैठक में गंग कैनाल का फ्लो मीटर बालेवाला हैड (45 आरडी) के स्थान पर खखा हैड पर लगाने की मांग रखी, ताकि राजस्थान के पानी के शेयर की गणना राजस्थान से ही हो सके. इसी मामले में सीडब्ल्यूसी की टीम पानी की मात्रा नाप रही है. सीडब्ल्यूसी अधिकारियों के साथ जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी मौजूद हैं. गुरुवार को सांसद निहालचंद ने भी खखा हैड पहुंचकर अधिकारियों से बातचीत की और अधिकारियों को जल्द रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए. बता दें कि 12 मई को राजस्थान और पंजाब के जल विवाद को लेकर हुई बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया था.