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श्रीगंगानगर में धूमधाम से मनाई गई गुरु गोविंद सिंह की जयंती - Celebrating with great Guru Govind Singh

गुरु गोविंद सिंह एक अध्यात्मिक गुरु होने के साथ-साथ एक निर्भय योद्धा,कवि और दार्शनिक भी थे. गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. गुरु गोविंद सिंह के जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है. इन्होंने ही गुरु ग्रंथ साहिब को पूर्ण किया. उनकी जयंती पर उनके प्रेरणादायी उपदेशों को सिखों के 5 ककार धारण करने का उपदेश कहा जाता है.

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धूमधाम से मनाई जा रही गुरु गोविंद की जयंती
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Published : Jan 2, 2020, 3:25 PM IST

श्रीगंगानगर. सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती गुरुवार को श्रीगंगानगर में धूमधाम से मनाई जा रही है. गुरुद्वारा सिंह सभा में प्रकाश पर्व के रुप में मनाई जा रही जयंती पर बडी संख्या में श्रद्धालु गुरुद्वारे में पहुच रहे हैं. शौर्य और साहस के प्रतीक गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार के पटना में हुआ था.

धूमधाम से मनाई जा रही गुरु गोविंद की जयंती

गुरु गोविंद सिंह एक अध्यात्मिक गुरु होने के साथ-साथ एक निर्भय योद्धा,कवि और दार्शनिक भी थे.गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. गुरु गोविंद सिंह के जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है.गोविंद जी का कहना है कि हमेशा अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए काम करते रहना चाहिए.

पढ़ें: Special: करौली की 'गजक', इसके जायके की खुशबू महकती है विदेशों तक

आप हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहेंगे तो आप में सकारात्मकता का संचार होगा. गुरु गोविंद सिंह ने संस्कृत, फारसी, पंजाबी और अरबी भाषा का ज्ञान अर्जित किया था.

श्रीगंगानगर. सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती गुरुवार को श्रीगंगानगर में धूमधाम से मनाई जा रही है. गुरुद्वारा सिंह सभा में प्रकाश पर्व के रुप में मनाई जा रही जयंती पर बडी संख्या में श्रद्धालु गुरुद्वारे में पहुच रहे हैं. शौर्य और साहस के प्रतीक गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार के पटना में हुआ था.

धूमधाम से मनाई जा रही गुरु गोविंद की जयंती

गुरु गोविंद सिंह एक अध्यात्मिक गुरु होने के साथ-साथ एक निर्भय योद्धा,कवि और दार्शनिक भी थे.गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. गुरु गोविंद सिंह के जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है.गोविंद जी का कहना है कि हमेशा अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए काम करते रहना चाहिए.

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आप हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहेंगे तो आप में सकारात्मकता का संचार होगा. गुरु गोविंद सिंह ने संस्कृत, फारसी, पंजाबी और अरबी भाषा का ज्ञान अर्जित किया था.

Intro:श्रीगंगानगर : सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती गुरूवार को श्रीगंगानगर में धूमधाम से मनाई जा रही है।गुरुद्वारा सिंह सभा में प्रकाश पर्व के रुप में मनाई जा रही जयंती पर बडी संख्या में श्रद्धालु गुरुद्वारे में पहुच रहे है।शौर्य और साहस के प्रतीक गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार के पटना में हुआ। इस बार यह तिथि 2 जनवरी को है।गुरु गोविंद सिंह एक अध्यात्मिक गुरु होने के साथ-साथ एक निर्भय योद्धा,कवि और दार्शनिक भी थे। गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। गुरु गोविंद सिंह के जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। इन्होंने ही गुरु ग्रंथ साहिब को पूर्ण किया। उनकी जयंती पर उनके प्रेरणादाई उपदेशों को सिखों के 5 ककार धारण करने का उपदेश कहा जाता है।


Body:गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की रक्षा के लिए कई बार मुगलों का सामना किया था।सिखों के लिए पांच चीजें बाल,कड़ा,कछा ,कृपाण और कंगा धारण करने का आदेश गुरु गोविंद सिंह ने दिया था। इन चीजों को पांच ककार कहा जाता है। जिन्हें धारण करना सभी सिखों के लिए अनिवार्य होता है।गुरु गोविंद सिंह एक लेखक भी थे।उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की थी। कहा जाता है कि उनके दरबार में हमेशा 52 कवियों और लेखकों की उपस्थिति रहती थी। इसलिए उन्हें संत सिपाही भी कहा जाता था। गुरु गोविंद सिंह को ज्ञान,सैन्य क्षमता आदि के लिए जाना जाता है। गुरु गोविंद सिंह ने संस्कृत,फारसी,पंजाबी और अरबी भाषा भी सीखी थी। साथ ही उन्होंने धनुष,बाण,तलवार,भाला चलाने की कला भी सीखी। गुरु गोविंद सिंह के जीवन से प्रेरणा मिलती है कि जीवन में कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए चाहे परिस्थितियां कितनी भी बुरी क्यों न हो। हमेशा अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए काम करते रहना चाहिए। आप हमेशा कुछ नया सीखते रहेंगे तो आप में सकारात्मकता का संचार होगा।इस अवसर पर गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान पाली कोचर नए बताया की प्रकाश पर्व के दौरान अनेक कार्यक्रम किये गये। बाईट : पाली कोचर,प्रधान,गुरुद्वारा सिंह सभा।


Conclusion:धूमधाम से मनाई जा रही है गुरु गोविंद सिंह जयंती।
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