श्रीगंगानगर. केंद्र सरकार और आरबीआई भले ही किसानों को आसानी से ऋण उपलब्ध करवाने की बात कहती है, लेकिन बैंकों में फैले भ्रष्टाचार के चलते जरूरतमंद किसान को ऋण लेने के लिए ना केवल बैंक अधिकारियों की चौखट पर चक्कर लगाने पड़ते हैं, बल्कि पात्र होते हुए भी अपना काम करवाने के लिए बैंक में रिश्वत देनी पड़ती है.
अपनी कृषि भूमि पर केसीसी बनवाकर ऋण लेने वाले किसानों को इस प्रकार की जटिलताओं से अक्सर गुजरना पड़ता है. इसी क्रम में अनूपगढ़ के किसान ने अपनी कृषि भूमि पर केसीसी बनवाकर ऋण लेने के लिए रिश्वत की मांग करने वाले बैंककर्मी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार करवाया है.
भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने कार्रवाई करते हुए मरुधरा ग्रामीण बैंक के कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. परिवादी मनप्रीत सिंह से उसकी और उसके पिता देशराज की तहसील अनूपगढ़ h81 बीएनएम स्थित 6 बीघा कृषि भूमि पर राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक शाखा अनूपगढ़ से स्वीकृत केसीसी ऋण की राशि करीब ₹1,80,000 के एवज में आरोपी राकेश कुमार ऑफिस बॉय की ओर से स्वयं को मैनेजर बताते हुए परिवादी मनप्रीत सिंह से इनाम स्वरूप रिश्वत राशि ₹4,000 मांग कर सत्यापन 35 रुपए लेना, टैक्स कर ₹2,000 उसी वक्त प्राप्त करना. उसके बाद मांग के अनुसार वक्त ट्रैप दिनांक 23 को परिवादी मनप्रीत सिंह राशि 1,500 रुपए राकेश कुमार ऑफिस बॉय की ओर से प्राप्त कर परिवादी के मूल कागजात दिलवाने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की.
इसी क्रम में किसान की शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक विभाग श्रीगंगानगर की टीम ने कार्रवाई करते हुए मरुधरा ग्रामीण बैंक के कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. परिवादी मनप्रीत सिंह और उसके पिता देशराज की अनूपगढ़ के चक एक बीएनएम इस्तिथ 6 बीघा कृषि भूमि है.
राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक शाखा अनूपगढ़ से केसीसी ऋण की राशि 1 लाख 80 हजार रुपए पास करने के एवज में राकेश कुमार ऑफिस बॉय की ओर से स्वयं को मैनेजर बताते हुए 4,000 रुपए की रिश्वत मांगी. पीड़ित किसान ने जब इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को की तो उन्होंने मामले का सत्यापन करवाया.
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सत्यापन में बैंककर्मी ने 2000 हजार रुपए रिश्वत के रुप में लिए. वहीं, बकाया 1,500 रुपए लेते हुए बुधवार को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. मरुधरा ग्रामीण बैंक ब्रांच अनूपगढ़ में कार्यरत आरोपी राकेश कुमार ऑफिस संविदाकर्मी के पद पर कार्यरत है. आरोपी ने केसीसी के बदले में रिश्वत की मांग की थी.
भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के डीएसपी वेद प्रकाश लखोटिया ने बताया कि आरोपी बैंक सहायक ने किसान से रिश्वत की ये राशि केसीसी का काम जल्द करवाने के एवज में मांगी थी. एसीबी की ओर से की गई कार्रवाई के बाद बैंक में हड़कंप मच गया. वहीं, एसीबी अब इस मामले में तथ्य जुटाकर ये जानने में जुटी है कि रिश्वत की राशि में बैंक मैनेजर की भूमिका किस प्रकार की है.