सिरोही. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की प्रेस वार्ता में दिए गए बयान पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार का अंतरर्कलह अब सड़कों पर उतरने वाला है. यह जन संघर्ष यात्रा ना होकर कांग्रेस संघर्ष यात्रा साबित हो चुकी है. साढ़े 4 सालों की यह संघर्ष की लड़ाई अब सड़कों पर आ चुकी है.
राठौड़ ने सिरोही में मीडियो से बातचीत में कहा कि संसदीय परंपरा के इतिहास में कांग्रेस के शासनकाल में नाकारा, निकम्मा व गद्दार जैसे अशोभनीय शब्द मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बोले गए. यह अंतरर्कलह की पराकाष्ठा को दर्शाता है. राजस्थान की जनता वह दिन नहीं भूल सकते जब अलग-अलग होटलों में कांग्रेस की सरकार महीने भर से अधिक समय तक बंद रही और शुरू से ही इनकी प्रदेश जनता के प्रति कोई जवाबदारी नहीं रही. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर आरोप लगाने वाले सचिन पायलट सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे.
उन्होंने कहा कि वे विधानसभा में सदस्य भी हैं, लेकिन विधानसभा में एक बार भी नहीं बोले. अनेकों बार कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए, तब भी नहीं बोले और साढ़े 4 साल बाद उन्हें यकायक याद आया और वह पूर्ववर्ती सरकार पर भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए मांग कर रहे हैं. हमारा कहना है कि प्रदेश कांग्रेस के ही मुख्यमंत्री हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. सचिन पायलट विधायक के नाते सरकार का हिस्सा हैं. हमने किसी जांच के लिए कभी मना नहीं किया, जितनी मर्जी जांच कराएं, भाजपा इसके लिये तैयार है.
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राठौड़ ने कहा कि पायलट ने प्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाए हैं कि पैसे से राजनीति करने वाले व्यक्ति को हर जगह पैसा ही नजर आता है. दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिखावे और झूठे विकास की राजनीति कर रहे हैं. बड़ी-बड़ी जन घोषणाएं करने वाले गहलोत ने प्रदेश की 7 करोड़ जनता के साथ वादाखिलाफी की है. जन घोषणाओं में महंगाई से राहत दिलाने का वादा करने वाली अशोक गहलोत सरकार ने कहा था कि प्रदेश में सत्ता में आने पर पेट्रोल और डीजल के दामों पर वैट कम किया जाएगा. जनता को सस्ती बिजली दी जाएगी, लेकिन साढ़े 4 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें इन वादों की याद नहीं आई और अब झूठे दिखावे की महंगाई राहत कैंप के जरिए राहत की बजाय जनता के लिए आफत का काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय विधवा पेंशन दी जाती रही और समय-समय पर बढ़ोतरी भी की. हमारी सरकार के समय बिना रजिस्ट्रेशन के पात्रता वाले लाभार्थियों को स्वतः ही विधवा पेंशन दी जाती थी. लेकिन महंगाई राहत कैंप में प्रदेश की विधवा बहनें लंबी-लंबी कतारों में खड़ी हैं और अंत में उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फोटो लगा हुआ कार्ड मिलता है. रक्षाबंधन के त्योहार पर अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश की महिलाओं को निशुल्क स्मार्टफोन देने का वादा किया था. इस योजना के लिए राज्य सरकार ने 18 हजार करोड़ की राशि खर्च करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है. अब इन्होंने आगे डेट बढ़ा दी है. लेकिन आने वाले समय में आचार संहिता में यह वादा भी गायब हो जाएगा.