सिरोही. प्रदेश का एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. पहाड़ियों के बीच बसे इस शहर की छटा ही निराली है. माउंट आबू में बड़ी तादाद में सैलानी अपनी गर्मियां बिताने आते हैं. पिछला सीजन कोराना संक्रमण की भेंट चढ़ गया. तो इस बार कितना तैयार है माउंट. देखिये यह खास रिपोर्ट...
माउंट आबू में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश सहित कई प्रदेशों से लाखों सैलानी प्रतिवर्ष आते हैं. विदेशी पर्यटक भी माऊंट आबू का रुख करते हैं. पिछले साल कोरोना की मार झेल चुके माउंट आबू की टूरिज्म इंडस्ट्री इस बार ग्रीष्मकालीन अवकाश में माउंट आबू घूमने आने वाले पर्यटकों को लेकर उत्साहित है.
माउंट आबू में कई बड़े होटल हैं जिनमे समय-समय पर विशेष पैकेज दिए जाते हैं. होटल व्यवसाई सहित पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि इस बार गर्मी में माउंट आबू पर्यटकों से गुलजार रहेगा. बल्कि इस बार पहले से ज्यादा रोनक रहेगी.
पिछले साल कोरोना के चलते देशभर में लॉकडाउन था. ऐसे में माउंट आबू का पर्यटन पूरी तरह से ठप रहा. माउंट आबू में इस बार पर्यटकों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. जिनमें रात्रि में लोक कलाकारों की प्रस्तुति, डीजे नाइट, खाने-पीने को लेकर भी स्पेशल तैयारी की गई है. यानी पर्यटकों को लुभाने का पूरा इंतजाम किया गया है. होटलों में पर्यटकों कोई असुविधा न हो. इसे लेकर होटल व्यवसाइयों ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है.
माउंट आबू पहुचने के साधन
देश के किसी भी कोने से माउंट आबू पहुंचने के लिए रेल और सड़क कनेक्टिविटी है. ट्रेन के जरिए आबूरोड आया जाता है. यहां से सड़क मार्ग से माउंट आबू पहुंचा जा सकता है. माउंट आबू आने के लिए नजदीकी एयरपोर्ट उदयपुर और अहमदाबाद हैं जहां से सड़क मार्ग से आबू पहुंचा जा सकता है. गुजरात के ज्यादातर पर्यटक माउंट आबू अपने निजी वाहनों से ही आते हैं.
बारिश के मौसम में झरने करते हैं आकर्षित
माउंट आबू आने के लिए बारिश का मौसम सबसे खूबसूरत माना जाता है. आबूरोड तलहटी से माउंट आबू के बीच रास्ते में कई जगह झरने शुरू हो जाते हैं. पर्यटक जमकर झरनों में नहाने का लुफ्त उठाते हैं. साथ ही बारिश के मौसम में बादलों को ज़मीन पर पाकर पर्यटक रोमांचित हो जाते हैं. पहाड़ियों पर चारों तरफ हरियाली छा जाती है. इन्हीं वादियों के कारण माउंट आबू को राजस्थान का कश्मीर भी कहा जाता है.
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सुरक्षा को लेकर रहते हैं पुख्ता इंतजाम
माउंट आबू में घूमने आने वाले पर्यटकों को यहां किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो और डर का माहौल न हो, इसके लिए पुलिस और प्रशासन मुस्तैद रहते हैं. सीजन के समय पुलिस की गश्त बढ़ा दी जाती है. रात्रि में जगह जगह जवानों की तैनाती की जाती है. पर्यटक माउंट आबू आने पर खुद पूरी तरह सुरक्षित महसूस करता है. सीजन के समय पर्यटकों से पर्यटन से जुड़े लोग धोखेबाजी न करें इसको लेकर भी प्रशासन नजर बनाए रहता है.
ये हैं माउंट आबू के प्रमुख पर्यटन स्थल
माउंट आबू घूमने आना वाला पर्यटक माउंट आबू के आकर्षण का केंद्र नक्की लेक, विश्व प्रसिद्ध देलवाडा मंदिर, अचलगढ़ महादेव मंदिर जहां भगवान शिव के अंगूठे की पूजा होती है. इसके साथ ही गुरु शिखर पर भगवान दत्तात्रेय का मंदिर, गोमुख, पीस पार्क, पांडव भवन सहित कई दार्शनिक स्थल हैं.
माउंट आबू नगरपालिका आयुक्त रामकिशोर ने बताया कि आगामी सीजन को देखते हुए शहर में सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. दिन रात में शिफ्ट चलाकर शहर में सफाई करवाई जाएगी.
कुल मिलाकर समर सीजन के टूरिज्म को लेकर माउंट आबू प्रशासन और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को बहुत उम्मीदें हैं. ये उम्मीदें इसलिए भी बड़ी हैं. क्योंकि पिछला सीजन कोरोना के कारण ब्लॉक हो गया था.