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सरकार और प्रशासन के आदेश में असमंजस होने के कारण बॉर्डर पर फंसा प्रवासी मजदूर परिवार

लॉकडाउन के बीच कई प्रवासी राजस्थानी अन्य प्रदेशों में फंस गए हैं. सिरोही के वासा गांव का निवासी लक्ष्मण प्रजापत अहमदाबाद के चांदखेड़ा में चुनाई का मजूदरी कार्य करता है और लॉकडाउन के बीच अहमदाबाद में ही फंस गया था, जो बुधवार को बाइक से राजस्थान-गुजरात सीमा पर पहुंचा तो वैध पास ना होने के कारण उसे बॉर्डर पर ही रोक दिया गया.

Migrant trapped in lockdown, सिरोही न्यूज
सरकार और प्रशासन के आदेश में असमंजस होने के कारण बॉर्डर पर फंसा प्रवासी मजदूर परिवार
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Published : Apr 29, 2020, 9:14 PM IST

सिरोही. लॉकडाउन के कारण वाहनों की आवाजाही पर रोक है. ऐसे में कई राजस्थानी प्रवासी अलग-अलग राज्यों में फंस गए हैं. राजस्थान सरकार ने प्रवासियों की वापसी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए एक बेबसाइड बनाई है और टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर भी दिया है. उधर सिरोही प्रशासन द्वारा एक आदेश जारी किया गया, जिसमें गुजरात के हॉट स्पॉट से किसी को राजस्थान में प्रवेश की इजाजत नहीं है.

सरकार और प्रशासन के आदेश में असमंजस होने के कारण बॉर्डर पर फंसा प्रवासी मजदूर परिवार

सिरोही जिले के वासा गांव का निवासी लक्ष्मण प्रजापत अपने परिवार के साथ अहमदाबाद में रहता है और मजदूरी का कार्य करता है. लॉकडाउन के कारण पिछले एक माह से वह अपने घर वासा नहीं आ पा रहा था. लेकिन राजस्थान सरकार द्वारा प्रवासियों के लिए जारी हेल्पलाइन और ऑनलाइन आवेदन पर उसने आवेदन किया था. इसके बाद घर से अपनी बीबी और 6 माह के बेटे को लेकर बाइक पर निकला और सुबह करीब 7 बजे राजस्थान सीमा पर पहुंचा. बॉर्डर पर मौजूद अधिकारियों ने जिला कलेक्टर के आदेश का हवाला देते हुए उसे रोक दिया गया.

पढ़ें- SPECIAL: जिला प्रशासन के इन 7 कदमों से चूरू हुआ CORONA फ्री

ऐसे में सरकार और प्रशासन के आदेश में असमंजस होने के कारण प्रवासी गफलत में हैं और कई लोग अपने अपने घरों के लिए निकले हैं, पर उन्हें रोक दिया गया. ऐसे में मानवीय संवेदनाओं के आधार पर प्रशासन को आने वाले प्रवासियों को जांच और स्क्रीनिंग के बाद राजस्थान में प्रवेश देकर उन्हें होम आइसोलेशन में या प्रशासन द्वारा बनाये क्वारंटाइन सेंटर रखा जाए, ताकि बॉर्डर पर प्रवासियों को परेशानी का सामना ना करना पड़े.

पढ़ें- COVID-19: प्रदेश में अब तक लिए जा चुके हैं 98 हजार से ज्यादा सैंपल: रघु शर्मा

वहीं वासा के लक्ष्मण प्रजापत ने बताया कि उनकी बीबी और 6 माह का बेटे के साथ वो राजस्थान सीमा पर अटके हुए हैं. गर्मी के चलते 6 माह के बेटे का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है. माता-पिता जैसे तैसे चुप रखने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में अब लक्ष्मण के सामने अपने घर जाना मानो एक चुनौती बन गई है. सुबह से भूखे प्यासे बैठे परिवार को ईटीवी भारत की टीम ने समाज सेवी अरुण परसराम पुरिया की मदद से खाने पीने का इंतजाम करवाया.

सिरोही. लॉकडाउन के कारण वाहनों की आवाजाही पर रोक है. ऐसे में कई राजस्थानी प्रवासी अलग-अलग राज्यों में फंस गए हैं. राजस्थान सरकार ने प्रवासियों की वापसी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए एक बेबसाइड बनाई है और टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर भी दिया है. उधर सिरोही प्रशासन द्वारा एक आदेश जारी किया गया, जिसमें गुजरात के हॉट स्पॉट से किसी को राजस्थान में प्रवेश की इजाजत नहीं है.

सरकार और प्रशासन के आदेश में असमंजस होने के कारण बॉर्डर पर फंसा प्रवासी मजदूर परिवार

सिरोही जिले के वासा गांव का निवासी लक्ष्मण प्रजापत अपने परिवार के साथ अहमदाबाद में रहता है और मजदूरी का कार्य करता है. लॉकडाउन के कारण पिछले एक माह से वह अपने घर वासा नहीं आ पा रहा था. लेकिन राजस्थान सरकार द्वारा प्रवासियों के लिए जारी हेल्पलाइन और ऑनलाइन आवेदन पर उसने आवेदन किया था. इसके बाद घर से अपनी बीबी और 6 माह के बेटे को लेकर बाइक पर निकला और सुबह करीब 7 बजे राजस्थान सीमा पर पहुंचा. बॉर्डर पर मौजूद अधिकारियों ने जिला कलेक्टर के आदेश का हवाला देते हुए उसे रोक दिया गया.

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ऐसे में सरकार और प्रशासन के आदेश में असमंजस होने के कारण प्रवासी गफलत में हैं और कई लोग अपने अपने घरों के लिए निकले हैं, पर उन्हें रोक दिया गया. ऐसे में मानवीय संवेदनाओं के आधार पर प्रशासन को आने वाले प्रवासियों को जांच और स्क्रीनिंग के बाद राजस्थान में प्रवेश देकर उन्हें होम आइसोलेशन में या प्रशासन द्वारा बनाये क्वारंटाइन सेंटर रखा जाए, ताकि बॉर्डर पर प्रवासियों को परेशानी का सामना ना करना पड़े.

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वहीं वासा के लक्ष्मण प्रजापत ने बताया कि उनकी बीबी और 6 माह का बेटे के साथ वो राजस्थान सीमा पर अटके हुए हैं. गर्मी के चलते 6 माह के बेटे का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है. माता-पिता जैसे तैसे चुप रखने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में अब लक्ष्मण के सामने अपने घर जाना मानो एक चुनौती बन गई है. सुबह से भूखे प्यासे बैठे परिवार को ईटीवी भारत की टीम ने समाज सेवी अरुण परसराम पुरिया की मदद से खाने पीने का इंतजाम करवाया.

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