ETV Bharat / state

सिरोही में रेलवे हादसे को लेकर रेलवे और एनडीआरएफ ने किया मॅाक ड्रिल

आबूरोड में रेलवे और एनडीआरएफ ने रेलवे हादसे का मॅाक ड्रिल किया. रेलवे हादसे के दौरान यात्रियों को कैसे बचाया जाए और उपचार दिया जाए, इसकी ड्रिल की गई. वहीं इस मॅाक ड्रिल की सूचना जिला प्रशासन को नहीं देने पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई.

mock drill, sirohi news, एनडीआरएफ, आबूरोड न्यूज
रेलवे का मॅाक ड्रिल
author img

By

Published : Dec 10, 2019, 5:03 PM IST

सिरोही. आबूरोड में रेलवे और एनडीआरएफ ने मंगलवार को एक बड़े रेल हादसे को लेकर मॉक ड्रिल किया. इस मॉक ड्रिल के दौरान किस प्रकार से हादसे के बाद लोगों को ट्रेन से बाहर निकाला जाए और राहत पहुंचाने की व्यवस्थाओं को परखने के लिए यह ड्रिल की गई. वहीं जिला प्रशासन ने इस ड्रिल पर खामियां गिनाते हुए नाराजगी जताई.

रेलवे का मॅाक ड्रिल

मंगलवार को सुबह 10:30 पर आबूरोड रेलवे को सूचना मिली कि आबूरोड के पास ही हॉलीडे स्पेशल ट्रेन पटरी से उतर गई है. साथ ही उसके दो डिब्बे एक दूसरे पर चढ़ गए. जिस पर रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी. जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ की टीम और रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया. एनडीआरएफ की टीम ट्रेन के डिब्बों में फंसे लोगों को ट्रेन की खिड़की काटकर बाहर निकालने का काम किया. वहीं चिकित्सकों की टीम ने उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया.

यह भी पढे़ं. सिरोहीः सुने पड़े प्लॉट में मिली युवक की लाश, नहीं हुई शिनाख्त

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन तहसीलदार दिनेश आचार्य, आबूरोड शहर थाना अधिकारी अनिल कुमार मौके पर पहुंचे और राहत कार्य में जुट गए. इस मॉक ड्रिल के दौरान रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जिला प्रशासन और जिला कंट्रोल रूम को कोई भी जानकारी नहीं दी गई. जिस पर जिला कलेक्टर सुरेंद्र कुमार सोलंकी और एसपी कल्याणमल मीणा ने मौके पर पहुंचकर नाराजगी जताई. जिला कलेक्टर ने कहा कि इस तरह की मॉक ड्रिल का करना और जिला प्रशासन को अवगत नहीं कराना अपने आप में गंभीर विषय है. अगर हमें पहले सूचित करते तो मौके पर और भी राहत कार्य को तेजी से करवा सकते थे. अगर वास्तव में इस तरह की घटना हो जाए और इस तरह की लापरवाही हो तो यह गंभीर विषय है.

यह भी पढे़ं. नागरिकता संसोधन बिल लाने के पीछे है राजनीति : पायलट

वहीं मॉक ड्रिल में रेलवे अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही साफ देखने को मिली. रेलवे के अधिकारियों और संबंधित रेलवे के विभागों को इस मॉक ड्रिल के बारे में पूर्व से ही जानकारी दी गई. जिसके चलते घटना की जानकारी मिलते ही चंद मिनटों में अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंच गए और राहत कार्य शुरू कर दिया. रेलवे और एनडीआरएफ द्वारा की गई है मॉक ड्रिल अपने आप में सवाल खड़े करती है कि अगर वास्तव में इस तरह का बड़ा हादसा हो जाता है तो क्या रेलवे के अधिकारी और और राहत टीम इतना जल्दी मौके पर पहुंच पाती है.

सिरोही. आबूरोड में रेलवे और एनडीआरएफ ने मंगलवार को एक बड़े रेल हादसे को लेकर मॉक ड्रिल किया. इस मॉक ड्रिल के दौरान किस प्रकार से हादसे के बाद लोगों को ट्रेन से बाहर निकाला जाए और राहत पहुंचाने की व्यवस्थाओं को परखने के लिए यह ड्रिल की गई. वहीं जिला प्रशासन ने इस ड्रिल पर खामियां गिनाते हुए नाराजगी जताई.

रेलवे का मॅाक ड्रिल

मंगलवार को सुबह 10:30 पर आबूरोड रेलवे को सूचना मिली कि आबूरोड के पास ही हॉलीडे स्पेशल ट्रेन पटरी से उतर गई है. साथ ही उसके दो डिब्बे एक दूसरे पर चढ़ गए. जिस पर रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी. जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ की टीम और रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया. एनडीआरएफ की टीम ट्रेन के डिब्बों में फंसे लोगों को ट्रेन की खिड़की काटकर बाहर निकालने का काम किया. वहीं चिकित्सकों की टीम ने उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया.

यह भी पढे़ं. सिरोहीः सुने पड़े प्लॉट में मिली युवक की लाश, नहीं हुई शिनाख्त

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन तहसीलदार दिनेश आचार्य, आबूरोड शहर थाना अधिकारी अनिल कुमार मौके पर पहुंचे और राहत कार्य में जुट गए. इस मॉक ड्रिल के दौरान रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जिला प्रशासन और जिला कंट्रोल रूम को कोई भी जानकारी नहीं दी गई. जिस पर जिला कलेक्टर सुरेंद्र कुमार सोलंकी और एसपी कल्याणमल मीणा ने मौके पर पहुंचकर नाराजगी जताई. जिला कलेक्टर ने कहा कि इस तरह की मॉक ड्रिल का करना और जिला प्रशासन को अवगत नहीं कराना अपने आप में गंभीर विषय है. अगर हमें पहले सूचित करते तो मौके पर और भी राहत कार्य को तेजी से करवा सकते थे. अगर वास्तव में इस तरह की घटना हो जाए और इस तरह की लापरवाही हो तो यह गंभीर विषय है.

यह भी पढे़ं. नागरिकता संसोधन बिल लाने के पीछे है राजनीति : पायलट

वहीं मॉक ड्रिल में रेलवे अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही साफ देखने को मिली. रेलवे के अधिकारियों और संबंधित रेलवे के विभागों को इस मॉक ड्रिल के बारे में पूर्व से ही जानकारी दी गई. जिसके चलते घटना की जानकारी मिलते ही चंद मिनटों में अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंच गए और राहत कार्य शुरू कर दिया. रेलवे और एनडीआरएफ द्वारा की गई है मॉक ड्रिल अपने आप में सवाल खड़े करती है कि अगर वास्तव में इस तरह का बड़ा हादसा हो जाता है तो क्या रेलवे के अधिकारी और और राहत टीम इतना जल्दी मौके पर पहुंच पाती है.

Intro: आबूरोड में बड़ा रेल हादसा ट्रेन के दो डिब्बे पटरी से उतरकर। चढ़े एक दूसरे पर।
रेलवे और एनडीआरएफ की मॉक ड्रिल जिला प्रशासन ने जताई नाराजगी
एंकर सिरोही जिले के आबूरोड में रेलवे और एनडीआरएफ द्वारा आज एक बड़े रेल हादसे को लेकर मॉक ड्रिल किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान किस प्रकार से हादसे के बाद लोगों को ट्रेन से बाहर निकालना और राहत पहुंचाने को लेकर व्यवस्थाओं को परखने के लिए यह ड्रिल की गई पर जिला प्रशासन ने इस ड्रिल पर खामियां गिनाते हुए नाराजगी जताई।


Body: आज सुबह 10:30 पर आबूरोड रेलवे को सूचना मिली कि आबू रोड के पास ही हॉलीडे ट्रेन स्पेशल पटरी से उतर कर उसका दो डिब्बे एक दूसरे पर चढ़ गए। जिस पर रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे । और घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी । जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ की टीम और रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं और राहत कार्य शुरू करते हैं ।एनडीआरएफ की टीम ट्रेन के डिब्बों में फंसे लोगों को ट्रेन की खिड़की काटकर बाहर निकालते हैं ।और चिकित्सकों की टीम उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करती है ।घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन तहसीलदार दिनेश आचार्य ,आबूरोड शहर थाना अधिकारी अनिल कुमार मौके पर पहुंचते और राहत कार्य में जुट जाते है ।इस मॉक ड्रिल के दौरान रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा जिला प्रशासन और जिला कंट्रोल रूम को कोई भी जानकारी नहीं दी गई। जिस पर जिला कलेक्टर सुरेंद्र कुमार सोलंकी और एसपी कल्याणमल मीणा ने मौके पर पहुचकर नाराजगी जताते हुए कहा कि आपके द्वारा इस तरह की मॉक ड्रिल का करना और जिला प्रशासन को अवगत नही कराना अपने आप में गंभीर है। अगर हमें पहले सूचित करते तो हम मौके पर और भी राहत कार्य को तेजी से करवा सकते थे ।अगर वास्तव में इस तरह की घटना हो जाए और इस तरह की लापरवाही हो तो यह गंभीर विषय है।


Conclusion: वही मॉक ड्रिल में रेलवे अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही साफ देखने को मिली। रेलवे के अधिकारियों और संबंधित रेलवे के विभागों को इस मॉक ड्रिल के बारे में पूर्व से ही जानकारी दी जिसके चलते घटना की जानकारी मिलते ही चंद मिनटों में अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंच जाते हैं। और राहत कार्य शुरू कर देते हैं ।रेलवे और एनडीआरएफ द्वारा की गई है मॉक ड्रिल अपने आप में सवाल खड़े करती है कि अगर वास्तव में इस तरह का बड़ा हादसा हो जाता है तो क्या रेलवे के अधिकारी और और राहत टीम इतना जल्दी मौके पर पहुंच पाती है।

बाईट सुरेंद्र कुमार सोलंकी, जिला कलक्टर सिरोही
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.