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माउंट आबू विवाद: एसडीएम ऑफिस में तकरार, वायरल ऑडियो से गर्माया माहौल - rajasthan latest hindi news

माउंट आबू की आम जनता अपनी मूल समस्याओं को लेकर 35 साल से तंग है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना के बाद जोनल मास्टर प्लान और बिल्डिंग बायलॉज जारी होने के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिल रही है. माउंट आबू में व्यवस्था को संभालने वाली नगर पालिका और उपखंड अधिकारी कार्यालय में जंग थमने का नाम नहीं ले रही.

viral audio on social media, Mount Abu sdm dispute
माउंट आबू विवाद...
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Published : Feb 1, 2021, 10:36 AM IST

सिरोही. माउंट आबू की आम जनता अपनी मूल समस्याओं को लेकर 35 साल से तंग है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना के बाद जोनल मास्टर प्लान और बिल्डिंग बायलॉज जारी होने के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिल रही है. माउंट आबू में व्यवस्था को संभालने वाली नगर पालिका और उपखंड अधिकारी कार्यालय में जंग थमने का नाम नहीं ले रही. कांग्रेसी नेता एसडीएम पर आरोप लगाते हैं, तो एसडीएम गौरव सैनी माउंट आबू नगरपालिका के औचक निरक्षण करते हैं. पेंडिग फाइलों को देख नाराजगी जाहिर करते है.

माउंट आबू में नगर पालिका और उपखंड अधिकारी कार्यालय में जंग जारी है...

माउंट आबू उपखंड अधिकारी ने बताया कि उन्होंने नगर पालिका में औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने ये पाया कि एसडीएम ऑफिस से नगर पालिका में भेजी गई करीब 80-90 पत्रावलियां नगर परिषद में अटकी हुई हैं. वहां पर करीब डेढ़ महीने से उनको आगे नहीं बढ़ाया गया है. उन्होंने बताया कि जनता में इस तरह की भ्रांति फैलाई जा रही है कि रिपेयर रिनोवेशन की पत्रवलियां एसडीएम कार्यालय स्तर पर रोकी हुई हैं, लेकिन निरीक्षण के दौरान जनकारी लेने पर ये सामने आया कि पत्रवलियां तकमिने के लिए एईएन स्तर पर ही अटकी हुई हैं. उनसे इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्हें चेयरमेन ने साइट पर जाने से मना किया है.

पढ़ें: चुनाव परिणाम और पड़ताल : पूर्ण बहुमत के मामले में भाजपा से पिछड़ी सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस, 24 निकायों में भाजपा का दबदबा

उन्होंने कहा कि पत्रवलियां वहां रोकी जाती है और कह दिया जाता है कि उनके कार्यालय में रोकी जा रही हैं. अधिकारी अधिकारी की तरह बात करेगा और बाकी लोगों को तो कुछ भी बोलने की स्वतंत्रता है. नए निर्माण की अनुमति नहीं मिल पाने के सवाल पर माउंट आबू एसडीएम ने कहा कि माउंट आबू में नियमों को देखते हुए काम करना होगा. भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार तो है. कोई ये कह रहा है कि उपखंड अधिकारी कार्यालय में है, तो वो बता दें कि कहां है. उन्होंने सन्स्थान या व्यक्ति का नाम लिये बिना दावा किया कि वो प्रूव करके दिखा देंगे कि वहां भी भ्रष्टाचार है और इसे कुछ दिनों में प्रूव कर भी देंगे.

भ्रष्टाचार के आरोप पर उन्होंने कहा कि उनके साथ ही नहीं हुआ है उनसे पहले उपखंड अधिकारियों के साथ भी ऐसा हो चुका है. ऐसे आरोप लगते हैं तो ये इस बात का साइन है कि आप सही जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि माउंट आबू में निर्माण, रिपेयर और रिनोवेशन की समस्या के साथ सड़कें और पार्कों के सुदृढ़ीकरण की समस्या भी हैं. इन पर नियमो के दायरे में काम करना है. कोई अधिकारी भी नियमों की अवहेलना नहीं कर सकता है.

मामले को लेकर भाजपा भी कांग्रेस पर आरोप लगा रही है. विधायक समाराम गरासिया ने कहा कि कांग्रेस के नेता अधिकारी पर गलत काम करने को लेकर दवाब बनाते हैं. माउंट आबू के लोगों को मुलभुत सुविधा से वंचित रखा जा रहा है. पालिका अध्यक्ष और स्थानीय नेता लोगों के काम में रोड़ा अटका रहे हैं. वहीं, एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें कांग्रेस नेता और पार्षद नारायणसिंह भाटी नगरपालिका के कर्मचारी से बात करते हुए एक होटल की फ़ाइल रोकने की बात कर रहे है. ऑडियो वायरल होने के बाद माउंट आबू में राजनैतिक चर्चा उफान पर है. कई संगठनों की बैठक हुई, जहां इस ऑडियो की निंदा की गई.

सिरोही. माउंट आबू की आम जनता अपनी मूल समस्याओं को लेकर 35 साल से तंग है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना के बाद जोनल मास्टर प्लान और बिल्डिंग बायलॉज जारी होने के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिल रही है. माउंट आबू में व्यवस्था को संभालने वाली नगर पालिका और उपखंड अधिकारी कार्यालय में जंग थमने का नाम नहीं ले रही. कांग्रेसी नेता एसडीएम पर आरोप लगाते हैं, तो एसडीएम गौरव सैनी माउंट आबू नगरपालिका के औचक निरक्षण करते हैं. पेंडिग फाइलों को देख नाराजगी जाहिर करते है.

माउंट आबू में नगर पालिका और उपखंड अधिकारी कार्यालय में जंग जारी है...

माउंट आबू उपखंड अधिकारी ने बताया कि उन्होंने नगर पालिका में औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने ये पाया कि एसडीएम ऑफिस से नगर पालिका में भेजी गई करीब 80-90 पत्रावलियां नगर परिषद में अटकी हुई हैं. वहां पर करीब डेढ़ महीने से उनको आगे नहीं बढ़ाया गया है. उन्होंने बताया कि जनता में इस तरह की भ्रांति फैलाई जा रही है कि रिपेयर रिनोवेशन की पत्रवलियां एसडीएम कार्यालय स्तर पर रोकी हुई हैं, लेकिन निरीक्षण के दौरान जनकारी लेने पर ये सामने आया कि पत्रवलियां तकमिने के लिए एईएन स्तर पर ही अटकी हुई हैं. उनसे इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्हें चेयरमेन ने साइट पर जाने से मना किया है.

पढ़ें: चुनाव परिणाम और पड़ताल : पूर्ण बहुमत के मामले में भाजपा से पिछड़ी सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस, 24 निकायों में भाजपा का दबदबा

उन्होंने कहा कि पत्रवलियां वहां रोकी जाती है और कह दिया जाता है कि उनके कार्यालय में रोकी जा रही हैं. अधिकारी अधिकारी की तरह बात करेगा और बाकी लोगों को तो कुछ भी बोलने की स्वतंत्रता है. नए निर्माण की अनुमति नहीं मिल पाने के सवाल पर माउंट आबू एसडीएम ने कहा कि माउंट आबू में नियमों को देखते हुए काम करना होगा. भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार तो है. कोई ये कह रहा है कि उपखंड अधिकारी कार्यालय में है, तो वो बता दें कि कहां है. उन्होंने सन्स्थान या व्यक्ति का नाम लिये बिना दावा किया कि वो प्रूव करके दिखा देंगे कि वहां भी भ्रष्टाचार है और इसे कुछ दिनों में प्रूव कर भी देंगे.

भ्रष्टाचार के आरोप पर उन्होंने कहा कि उनके साथ ही नहीं हुआ है उनसे पहले उपखंड अधिकारियों के साथ भी ऐसा हो चुका है. ऐसे आरोप लगते हैं तो ये इस बात का साइन है कि आप सही जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि माउंट आबू में निर्माण, रिपेयर और रिनोवेशन की समस्या के साथ सड़कें और पार्कों के सुदृढ़ीकरण की समस्या भी हैं. इन पर नियमो के दायरे में काम करना है. कोई अधिकारी भी नियमों की अवहेलना नहीं कर सकता है.

मामले को लेकर भाजपा भी कांग्रेस पर आरोप लगा रही है. विधायक समाराम गरासिया ने कहा कि कांग्रेस के नेता अधिकारी पर गलत काम करने को लेकर दवाब बनाते हैं. माउंट आबू के लोगों को मुलभुत सुविधा से वंचित रखा जा रहा है. पालिका अध्यक्ष और स्थानीय नेता लोगों के काम में रोड़ा अटका रहे हैं. वहीं, एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें कांग्रेस नेता और पार्षद नारायणसिंह भाटी नगरपालिका के कर्मचारी से बात करते हुए एक होटल की फ़ाइल रोकने की बात कर रहे है. ऑडियो वायरल होने के बाद माउंट आबू में राजनैतिक चर्चा उफान पर है. कई संगठनों की बैठक हुई, जहां इस ऑडियो की निंदा की गई.

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