सिरोही. राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को माउंट आबू की सुप्रसिद्ध नक्की झील के किनारे सपरिवार भ्रमण किया. इस दौरान राज्य की प्रथम महिला सत्यवती मिश्र सहित उनके परिजनों ने झील में बोटिंग भी की. इस दौरान सिरोही के पूर्व नरेश रघुवीर सिंह देवड़ा ने राज्यपाल से मुलाकात कर सिरोही के इतिहास के बारे में अवगत करवाया.
'नक्की झील का समग्र परिवेश ही रमणीय'
इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि नक्की झील का समग्र परिवेश ही रमणीय है. उन्होंने राजस्थान के इस सुंदर पर्वतीय पर्यटन स्थल का पारिस्थितिकी अनुकूलता के अंतर्गत संरक्षण और विकास किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने जलवायु परिवर्तन के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों में आ रहे पारिस्थितिकीय बदलाव की चर्चा करते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने चाहिए.
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मिश्र ने कहा कि राजस्थान की मीठे पानी की सुप्रसिद्ध नक्की झील और इसके आस-पास के स्थलों को इकोलोजिकल जोन के अंतर्गत सावधानी रखते हुए संरक्षण करने का प्रयास करना चाहिए, जिससे यहां की जैव विविधता भी बची रहे. मिश्र ने इससे पहले नक्की झील स्थित नेशनल पार्क पर पहुंचने पर उपखण्ड अधिकारी अभिषेक सुराणा से झील विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के बारे में जानकारी ली.
जन भागीदारी सभी स्तरों पर सुनिश्चित होनी चाहिए
उन्होंने कहा कि झील की स्वच्छता को बरकरार रखते हुए पर्यावरण को शुद्ध रखने में जन भागीदारी सभी स्तरों पर सुनिश्चित होनी चाहिए. राज्यपाल के परिवार के सदस्यों ने नौकायान का आनंद लिया. वहीं, सिरोही के पूर्व महाराजा पद्मश्री रघुवीर सिंह देवड़ा ने राज्यपाल को सिरोही रियासत और यहां से जुड़े इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 1964 वर्गमील में फैला आबू पर्वत सिरोही रियासत का ही अंगभूत था. उन्होंने आबू पर्वत पर स्थापत्य कला के मंदिरों, कुलदेवता सारणेश्वर महादेव और मेवाड़ के महाराणा कुम्भा द्वारा अचलगढ़ के अचलेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना आदि से जुड़े इतिहास के बारे में विस्तार से राज्यपाल को जानकारी दी.