सिरोही. जिले के रामझरोखा के सामने स्थित भूमि को सेवा भारती को आवंटित होने के बाद निरस्त मामला लगातार गर्माता जा रहा है. जहां गुरुवार को सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि सेवा भारती का भूमि आवंटन निरस्त होने के मामले का जवाब पूर्व मंत्री ओटाराम देवासी और उनकी कंपनी को देना चाहिए. विधायक के इस तंज पर शनिवार को पूर्व मंत्री ओटाराम देवासी ने पलटवार किया. देवासी ने कहा कि निर्दलीय विधायक ने राजनीतिक द्वेष के चलते जमीन का आवंटन निरस्त करवाया है.
पत्रकार वार्ता में पूर्व मंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि रामझरोखा के सामने वाली भूमि की 2005 से फाइल चल रही थी. पूर्ववर्ती सरकार ने 2018 में नगर परिषद को यह स्वीकृति जारी की थी कि जमीन सेवा भारती को आवंटित कर दी जाए. सेवा भारती समाज में शिक्षा के क्षेत्र में समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही है. जिस पर यह भूमि उनको आवंटित की गई. संस्थान के लिए जमीन निशुल्क न देकर आरक्षित दर 50 प्रतिशत छूट पर देने की स्वीकृति जारी की गई.
देवासी ने कहा कि सरकार का हमेशा से यह मानना रहा है कि जो संस्थान समाज के लिए कार्य कर रही हो, उन्हें जमीन दी जाए. विधायक संयम लोढ़ा पर पलटवार करते हुए देवासी ने कहा कि निर्दलीय विधायक एन्ड कंपनी ने जिस तरह के काम किए हैं, वह सिरोही की जनता जानती है.
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पूर्व मंत्री देवासी ने कहा कि लोग सब जानते हैं मैंने आज तक किसी को बेवकूफ नहीं बनाया, ना ही किसी के साथ धोखाधड़ी की. जिसका मुझे किसी से सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता नहीं है. वहीं उन्होंने कहा कि इनकी कंपनी के सिरोही के अध्यक्ष की होटल की जांच एसडीएम भी कर चुके हैं. अगर सेवा भारती की जमीन की कार्रवाई हुई तो सब पर कार्रवाई करनी चाहिए.
इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि झूठा मुकदमा करने के लिए उन्होंने एक आईपीएस पर दवाब बनाया. जिला प्रशासन पर दवाब बनाया. उसके लिए एसपी पूजा अवाना को जाना पड़ा. पूर्व मंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि अगर नीलामी को निरस्त कर भूमि को सेवा भारती को आवंटित नही की गई, तो आंदोलन किया जाएगा. सिरोही को बंद किया जाएगा. आने वाले दिनों साधु संत भी विरोध प्रदर्शन करेंगे.