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पंचायत चुनाव : 20 साल से निवास कर रहे पाक विस्थापित मायूस, मतदान से रहे वंचित

देशभर में सीएए कानून को लेकर जारी विरोध के बीच विस्थापितों को भारतीय नागरिकता दी जा रही है. राजस्थान के कई जिलों में बड़ी संख्या में पाक विस्थापित बीते कई वर्षों से निवास कर रहे हैं. लेकिन नागरिकता नहीं होने के चलते वे लोकतंत्र के किसी भी पर्व का हिस्सा नहीं बन सके हैं. ऐसी ही उनकी विडंबना राजस्थान में जारी पंचायती राज चुनाव में भी देखने को मिली....

deprived of voting, CAA, पाक विस्थापित
Desolation on face of Pakistan displaced after sarpanch election voting
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Published : Jan 22, 2020, 11:46 PM IST

सिरोही. 20 साल से भी अधिक समय से सिरोही जिले के मंडार में रहने वाले पाक विस्थापितों को मतदान का अधिकार प्राप्त नहीं है. यही वजह है कि दूसरे चरण के मतदान में वे भाग नहीं ले सके. उन्हें मायूस होना पड़ा.

मतदान नहीं कर पाने से पाक विस्थापित हुए मायूस

पाकिस्तान से सिरोही के मंडार में रहने आए करीब 30 परिवारों के 150 लोगों को आज मतदान से वंचित होना पड़ा. पाक विस्थापितों में शामिल महिला संगीता ने ईटीवी भारत को बताया कि वह पिछले 20 सालों से मंडार में निवासरत हैं. उन्हें नागरिकता नहीं मिलने के कारण कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है. मूलभूत सुविधाएं जैसे गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन सहित कई ऐसी चीजें हैं उन्हें नहीं मिल पा रही.

पढ़ेंः Exclusive : राहुल गांधी के निर्देश से मैं दो पद पर, मुखर होकर रखूंगा हर बात - सचिन पायलट

मतदान के अधिकार से पहले पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता मिलना आवश्यक है. महिला संगीता ने बताया कि वे इसके लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार से कई बार गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द भारत की नागरिकता दी जाए. जिससे वह भारत में एक स्थाई नागरिक के तौर पर अपना जीवन यापन कर सकें.

पढ़ेंः बूंदी : मतदान के बाद पथराव, कई पुलिसकर्मी घायल...EVM बदलने की अफवाह

मतदान बूथ के बाहर मौजूद एक पाक विस्थापित शख्स ने बताया कि नागरिकता नहीं मिलने के चलते उनके बच्चों की पढ़ाई महंगी फीस देकर निजी स्कूलों में करवानी पड़ रही है. वहीं, सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वे वंचित हैं.

सिरोही. 20 साल से भी अधिक समय से सिरोही जिले के मंडार में रहने वाले पाक विस्थापितों को मतदान का अधिकार प्राप्त नहीं है. यही वजह है कि दूसरे चरण के मतदान में वे भाग नहीं ले सके. उन्हें मायूस होना पड़ा.

मतदान नहीं कर पाने से पाक विस्थापित हुए मायूस

पाकिस्तान से सिरोही के मंडार में रहने आए करीब 30 परिवारों के 150 लोगों को आज मतदान से वंचित होना पड़ा. पाक विस्थापितों में शामिल महिला संगीता ने ईटीवी भारत को बताया कि वह पिछले 20 सालों से मंडार में निवासरत हैं. उन्हें नागरिकता नहीं मिलने के कारण कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है. मूलभूत सुविधाएं जैसे गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन सहित कई ऐसी चीजें हैं उन्हें नहीं मिल पा रही.

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मतदान के अधिकार से पहले पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता मिलना आवश्यक है. महिला संगीता ने बताया कि वे इसके लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार से कई बार गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द भारत की नागरिकता दी जाए. जिससे वह भारत में एक स्थाई नागरिक के तौर पर अपना जीवन यापन कर सकें.

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मतदान बूथ के बाहर मौजूद एक पाक विस्थापित शख्स ने बताया कि नागरिकता नहीं मिलने के चलते उनके बच्चों की पढ़ाई महंगी फीस देकर निजी स्कूलों में करवानी पड़ रही है. वहीं, सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वे वंचित हैं.

Intro:20 साल से मंडार में निवासरत पाक विस्थापित मतदान से रहे वंचित
एंकर देशभर में सीएए कानून को लेकर विरोध और समर्थन का दौर चल रहा है। तो ऐसे में आज एक विडंबनाभी देखने को मिली। यह विडंबना पंचायत राज चुनाव में देखने को मिली जब 20 साल से भी अधिक समय से सिरोही जिले के मंडार में रहने वाले पाक विस्थापितों को मतदान का अधिकार प्राप्त नहीं है और वह इस लोकतंत्र के पर्व में भाग नहीं ले सके । इसको लेकर उन्हें मायूस होना पड़ा ।पाक विस्थापितों का कहना है कि वह पिछले लंबे समय से नागरिकता की मांग कर रहे हैं पर उन्हें नागरिकता नहीं मिली जिसके चलते आज मतदान में हिस्सा नहीं ले पाए।


Body: पाकिस्तान से सिरोही के मंडार में रहने आए करीब 30 परिवारों के 150 लोगों को आज मतदान से वंचित होनापड़ा ।मतदान से वंचित होने का कारण मउनको भारत की नागरिकता नहीं मिलना है ।पाक विस्थापितों में शामिल महिला संगीता ने ईटीवी भारत को बताया कि वह पिछले 20 सालों से मंडार में निवासरत है पर उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।ना तो मूलभूत सुविधाएं उन्हें मिल पा रही है ।ना ही अब तक नागरिकता मिल पाई है गैस कनेक्शन ,बिजली कनेक्शन सहित कई तरह की समस्याओं से उन्हें रूबरू होना पड़ रहा है। आज पंचायत राज के चुनाव हुए उनमें भी उन्हें मायूस होना पड़ा की वह पिछले 20 सालों से मंडार में निवासरत है पर अब तक उन्हें मतदान का अधिकार नहीं है। इसको लेकर उन्होंने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से खुरई गुहार लगाई कि उन्हें जल्द से जल्द भारत की नागरिकता दी जाए ।जिससे वह भारत में एक स्थाई नागरिक के तौर पर रहकर अपना जीवन यापन करें।


Conclusion: पाक विस्थापितों में शामिल पुरुषों ने बताया कि नागरिकता को लेकर कई बार अधिकारियों के चक्कर काटे पर अब तक उन्हें नागरिकता नहीं पल मिल पाई है। नागरिकता नहीं मिलने से उनके बच्चों की पढ़ाई सहित सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है ।ना ही लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा ले पा रहे है । पाक विस्थापितों ने राज्य सरकार से उन्हें नागरिकता देने की मांग की अब देखना होगा सिरोही में बैठे सरकार के नुमाइंदे कब तक इन पाक विस्थापितों की दुख दर्द को सुनते हैं और कब उन्हें नागरिकता दे पाते हैं।

बाइट। पाक विस्थापित
बाइट संगीता ,पाक विस्थापित महिला
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