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स्पेशल स्टोरी: अजीब मर्डर मिस्ट्री, बुआ के बेटे को मारा ताकि पत्नी की हत्या का मढ़ सके दोष

सीकर के आसास गांव के पास पिछले साल 6 नवंबर को मिले एक व्यक्ति के शव के मामले में एक बेहद चौकाने वाला खुलासा हुआ है. एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या करने के लिए डेढ़ साल तक प्लानिंग की, जिसका पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है.

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Published : Sep 10, 2019, 3:13 PM IST

Updated : Sep 10, 2019, 4:33 PM IST

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सीकर. किसी हत्या के लिए इतनी बड़ी प्लानिंग हो सकती है, यह शायद पहली बार हुआ है. एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या करने के लिए डेढ़ साल तक प्लानिंग की. बाकायदा अपने दोस्तों को गोली मारकर हत्या करने के लिए तैयार किया. खुद के पेट में भी गोली खाई, लेकिन इस दोष उन पर नहीं आए. इसके लिए 10 महीने पहले सीकर जिले में अपनी बुआ के बेटे की हत्या की. बुआ के बेटे को इसीलिए मारा था कि पत्नी की हत्या का इल्जाम उस पर लगा सके. क्योंकि वह पहले से भी एक हत्या के मामले में फरार चल रहा था.

बुआ के बेटे को मारा ताकी पत्नी की हत्या का मढ़ सके दोष

यह खुलासा सीकर के फतेहपुर सदर थाना क्षेत्र के आसास गांव के पास पिछले साल 6 नवंबर को मिले एक व्यक्ति के शव के मामले में हुआ है. उसके शव का अभी तक सीकर पुलिस खुलासा नहीं कर पाई थी. क्योंकि उस वक्त शिनाख्त नहीं हुई थी. लेकिन अब दो दिन पहले अचानक से देहरादून पुलिस आई तो पता चला कि वह शव देहरादून के अजय वर्मा उर्फ रिंकू का था और रिंकू के मामा के लडक़े अशोक ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या की थी.

पढ़ें- जुआ खेलते पकड़े गए भाजपा के पूर्व विधायक समेत 6 गिरफ्तार, 4.15 लाख रुपए बरामद

29 अगस्त की रात को उत्तराखंड के देहरादून में कामना नाम की महिला की गोली मारकर हत्या की गई थी. इस दौरान कामना के पति अशोक को भी पेट में गोली लगी थी. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. अशोक ने पुलिस को रिपोर्ट दी कि वह अपनी पत्नी के साथ घर में था. इस दौरान उसका बुआ का लड़का अजय उर्फ रिंकू अपने साथियों के साथ आया और उसकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी और मेरे पेट में भी गोली मार दी. पुलिस ने जब तहकीकात की तो पता चला कि अजय उर्फ रिंकू जो खुद भी साल 2016 से एक हत्या के मामले में वांटेड था. वह पिछले एक साल से अपने घरवालों के भी संपर्क में नहीं था. इस पहेली को सुलझाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा. अशोक के घर के आसपास के सीसीटीवी फुटेज जांचे तो पुलिस को शक हुआ कि वह जो कहानी बता रहा है उसमें सच्चाई नहीं है. इस पर पुलिस ने कुछ और जगह से सुराग तलाशकर अशोक के दोस्त दीपक शर्मा ने पूछताछ की.

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दीपक ने पुलिस पूछताछ में कबूला कि अशोक की पत्नी की हत्या उसके भाई गौरव शर्मा ने गोली मारकर की है और प्लानिंग के तहत ही उसने अशोक को गोली मारी. इसके बाद जब पुलिस ने अशोक से पूछताछ की और पूछा कि रिंकू के खिलाफ रिपोर्ट क्यों दी गई? तो बताया कि रिंकू को तो ये लोग पिछले साल नवंबर में ही सीकर के फतेहपुर इलाके में मार चुके हैं और इसीलिए रिंकू का नाम लिया. जिससे वह पकड़ में आएगा नहीं और इन पर हत्या का इल्जाम नहीं आएगा. इस तरह की गई पूरी प्लानिंग अशोक अपनी पत्नी कामना के चरित्र पर शक करता था. उसको मारने के लिए अशोक करीब डेढ़ साल से प्लानिंग कर रहा था. उसने अपने दोस्त दीपक शर्मा और उसके भाई गौरव शर्मा के साथ मिलकर उसे मारने की योजना बनाई. लेकिन उसे मारने के बाद हत्या के जुर्म से बचने के लिए इन्होंने अजय उर्फ रिंकू को पहले मारने की प्लानिंग की.

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अजय उर्फ रिंकू को सिर्फ इसलिए मारा कि उसके खिलाफ पहले से हत्या का मुकदमा चल रहा था जिसमें वह फरार था. इसलिए इन्होंने सोचा कि अजय को मारकर ऐसी जगह फेंकते हैं जिसका शव ही नहीं मिले. इसके काफी दिन बाद पत्नी को मारकर अजय के खिलाफ रिपोर्ट देंगे. पुलिस अजय को ढूंढती रहेगी और वह कभी मिलेगा नहीं. पुलिस उनकी बात पर इसलिए भी विश्वास कर लेगी कि वह तो पहले से हत्या के मामले में वांटेड है. इन्होंने अजय को साथ लेकर देहरादून से राजस्थान घूमने का प्लान बनाया. 4 नवंबर की रात को फतेहपुर इलाके में इन्होंने शराब पी और गला घोंटकर अजय को मार डाला. उसका शव सीकर जिले के आसास गांव के पास फेंककर फरार हो गए.

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10 महीने में सीकर पुलिस शव की शिनाख्त भी नहीं करवा पाई. लेकिन आखिर में देहरादून में पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया और आरोपी पकड़े गए। दो दिन पहले देहरादून पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें सीकर लेकर आई. अब सीकर पुलिस ने भी देहरादून पुलिस को अजय के डीएनए सैंपल दिए हैं. क्योंकि उसके शव का तो उसी वक्त लावारिश मानकर अंतिम संस्कार करवा दिया था.

सीकर. किसी हत्या के लिए इतनी बड़ी प्लानिंग हो सकती है, यह शायद पहली बार हुआ है. एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या करने के लिए डेढ़ साल तक प्लानिंग की. बाकायदा अपने दोस्तों को गोली मारकर हत्या करने के लिए तैयार किया. खुद के पेट में भी गोली खाई, लेकिन इस दोष उन पर नहीं आए. इसके लिए 10 महीने पहले सीकर जिले में अपनी बुआ के बेटे की हत्या की. बुआ के बेटे को इसीलिए मारा था कि पत्नी की हत्या का इल्जाम उस पर लगा सके. क्योंकि वह पहले से भी एक हत्या के मामले में फरार चल रहा था.

बुआ के बेटे को मारा ताकी पत्नी की हत्या का मढ़ सके दोष

यह खुलासा सीकर के फतेहपुर सदर थाना क्षेत्र के आसास गांव के पास पिछले साल 6 नवंबर को मिले एक व्यक्ति के शव के मामले में हुआ है. उसके शव का अभी तक सीकर पुलिस खुलासा नहीं कर पाई थी. क्योंकि उस वक्त शिनाख्त नहीं हुई थी. लेकिन अब दो दिन पहले अचानक से देहरादून पुलिस आई तो पता चला कि वह शव देहरादून के अजय वर्मा उर्फ रिंकू का था और रिंकू के मामा के लडक़े अशोक ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या की थी.

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29 अगस्त की रात को उत्तराखंड के देहरादून में कामना नाम की महिला की गोली मारकर हत्या की गई थी. इस दौरान कामना के पति अशोक को भी पेट में गोली लगी थी. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. अशोक ने पुलिस को रिपोर्ट दी कि वह अपनी पत्नी के साथ घर में था. इस दौरान उसका बुआ का लड़का अजय उर्फ रिंकू अपने साथियों के साथ आया और उसकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी और मेरे पेट में भी गोली मार दी. पुलिस ने जब तहकीकात की तो पता चला कि अजय उर्फ रिंकू जो खुद भी साल 2016 से एक हत्या के मामले में वांटेड था. वह पिछले एक साल से अपने घरवालों के भी संपर्क में नहीं था. इस पहेली को सुलझाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा. अशोक के घर के आसपास के सीसीटीवी फुटेज जांचे तो पुलिस को शक हुआ कि वह जो कहानी बता रहा है उसमें सच्चाई नहीं है. इस पर पुलिस ने कुछ और जगह से सुराग तलाशकर अशोक के दोस्त दीपक शर्मा ने पूछताछ की.

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दीपक ने पुलिस पूछताछ में कबूला कि अशोक की पत्नी की हत्या उसके भाई गौरव शर्मा ने गोली मारकर की है और प्लानिंग के तहत ही उसने अशोक को गोली मारी. इसके बाद जब पुलिस ने अशोक से पूछताछ की और पूछा कि रिंकू के खिलाफ रिपोर्ट क्यों दी गई? तो बताया कि रिंकू को तो ये लोग पिछले साल नवंबर में ही सीकर के फतेहपुर इलाके में मार चुके हैं और इसीलिए रिंकू का नाम लिया. जिससे वह पकड़ में आएगा नहीं और इन पर हत्या का इल्जाम नहीं आएगा. इस तरह की गई पूरी प्लानिंग अशोक अपनी पत्नी कामना के चरित्र पर शक करता था. उसको मारने के लिए अशोक करीब डेढ़ साल से प्लानिंग कर रहा था. उसने अपने दोस्त दीपक शर्मा और उसके भाई गौरव शर्मा के साथ मिलकर उसे मारने की योजना बनाई. लेकिन उसे मारने के बाद हत्या के जुर्म से बचने के लिए इन्होंने अजय उर्फ रिंकू को पहले मारने की प्लानिंग की.

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अजय उर्फ रिंकू को सिर्फ इसलिए मारा कि उसके खिलाफ पहले से हत्या का मुकदमा चल रहा था जिसमें वह फरार था. इसलिए इन्होंने सोचा कि अजय को मारकर ऐसी जगह फेंकते हैं जिसका शव ही नहीं मिले. इसके काफी दिन बाद पत्नी को मारकर अजय के खिलाफ रिपोर्ट देंगे. पुलिस अजय को ढूंढती रहेगी और वह कभी मिलेगा नहीं. पुलिस उनकी बात पर इसलिए भी विश्वास कर लेगी कि वह तो पहले से हत्या के मामले में वांटेड है. इन्होंने अजय को साथ लेकर देहरादून से राजस्थान घूमने का प्लान बनाया. 4 नवंबर की रात को फतेहपुर इलाके में इन्होंने शराब पी और गला घोंटकर अजय को मार डाला. उसका शव सीकर जिले के आसास गांव के पास फेंककर फरार हो गए.

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10 महीने में सीकर पुलिस शव की शिनाख्त भी नहीं करवा पाई. लेकिन आखिर में देहरादून में पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया और आरोपी पकड़े गए। दो दिन पहले देहरादून पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें सीकर लेकर आई. अब सीकर पुलिस ने भी देहरादून पुलिस को अजय के डीएनए सैंपल दिए हैं. क्योंकि उसके शव का तो उसी वक्त लावारिश मानकर अंतिम संस्कार करवा दिया था.

Intro:सीकर  किसी की हत्या के लिए इतनी बड़ी प्लानिंग हो सकती है यह शायद पहली बार हुआ है। एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या करने के लिए डेढ़ साल तक प्लानिंग की। बाकायदा अपने दोस्तों को गोली मारकर हत्या करने के लिए तैयार किया। खुद के पेट में भी गोली खाई लेकिन इस दोष उन पर नहीं आए इसके लिए 10 महीने पहले सीकर में अपनी बुआ के बेटे की हत्या की। बुआ के बेटे को इसीलिए मारा था कि पत्नी की हत्या का इल्जाम उस पर लगा सके। क्योंकि वह पहले से भी एक हत्या के मामले में फरार चल रहा था। यह खुलासा सीकर जिले के फतेहपुर सदर थाना क्षेत्र के आसास गांव के पास पिछले साल 6 नवंबर को मिले एक व्यक्ति के शव के मामले में हुआ है। उसके शव का अभी तक सीकर पुलिस खुलासा नहीं कर पाई थी क्योंकि उस वक्त शिनाख्त नहीं हुई थी। लेकिन अब दो दिन पहले अचानक से देहरादून पुलिस आई तो पताचला कि वह शव देहरादून के अजय वर्मा उर्फ रिंकू का था और रिंकू के मामा के लडक़े अशोक ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या की थी। 


Body:इस तरह हुआ खुलासा तो उड़े पुलिस के होश  29 अगस्त की रात को उत्तराखंड के देहरादून में कामना नाम की महिला की गोली मारकर हत्या की गई थी। इस दौरान कामना के पति अशोक को भी पेट में गोली लगी थी उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।  अशोक ने पुलिस को रिपोर्ट दी कि वह अपनी पत्नी के साथ घर में था। इस दौरान उसका बुआ का लडक़ा अजय उर्फ रिंकू अपने साथियों के साथ आया और उसकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी और मेरे पेट में भी गोली मार दी। पुलिस ने जब तहकीकात की तो पता चला कि अजय उर्फ रिंकू जो खुद भी 2016 से एक हत्या के मामले में वांटेड था वह पिछले एक साल से अपने घरवालों के भी संपर्क में नहीं था। इस पहले को सुलझाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगे। अशोक के घर के आसपास के सीसीटीवी फुटेज जांचे तो पुलिस को शक हुआ कि वह जो कहानी बता रहा है उसमें सच्चाई नहीं है। इस पर पुलिस ने कुछ और जगह से सुराग तलाशकर अशोक के दोस्त दीपक शर्मा ने पूछताछ की। दीपक ने पुलिस पूछताछ में कबूला कि अशोक की पत्नी की हत्या उसके भाई गौरव शर्मा ने गोली मारकर की है और प्लानिंग के तहत ही उसने अशोक को गोली मारी। इसके बाद जब पुलिस ने अशोक से पूछताछ की और पूछा कि रिंकू के खिलाफ रिपोर्ट क्यों दी गई? तो बताया कि रिंकू को तो ये लोग पिछले साल नवंबर में ही सीकर के फतेहपुर इलाके में मार चुके हैं और इसीलिए रिंकू का नाम लिया। जिससे वह पकड़ में आएगा नहीं और इन पर हत्या का इल्जाम नहीं आएगा।  इस तरह की गई पूरी प्लानिंग  अशोक अपनी पत्नी कामना के चरित्र पर शक करता था। उसको मारने के लिए अशोक करीब डेढ़ साल से प्लानिंग कर रहा था। उसने अपने दोस्त दीपक शर्मा व उसके भाई गौरव शर्मा के साथ मिलकर उसे मारने की योजना बनाई। लेकिन उसे मारने के बाद हत्या के जुर्म से बचने के लिए इन्होंने अजय उर्फ रिंकू को पहले मारने की प्लानिंग की। अजय उर्फ रिंकू को सिर्फ इसलिए मारा कि उसके खिलाफ पहले से हत्या का मुकदमा चल रहा था जिसमें वह फरार था। इसलिए इन्होंने सोचा कि अजय को मारकर ऐसी जगह फेंकते हैं जिसका शव ही नहीं मिले। इसके काफी दिन बाद पत्नी को मारकर अजय के खिलाफ रिपोर्ट देंगे। पुलिस अजय को ढूंढती रहेगी और वह कभी मिलेगा नहीं। पुलिस उनकी बात पर इसलिए भी विश्वास कर लेगी कि वह तो पहले से हत्या के मामले में वांटेड है। इन्होंने अजय को साथ लेकर देहरादून से राजस्थान घूमने का प्लान बनाया। 4 नवंबर की रात को फतेहपुर इलाके में इन्होंने शराब पी और गला घोंटकर अजय को मार डाला। उसका शव सीकर जिले के आसास गांव के पास फेंककर फरार हो गए। 10 महीने में सीकर पुलिस शव की शिनाख्त भी नहीं करवा पाई। लेकिन आखिर में देहरादून में पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया और आरोपी पकड़े गए। दो दिन पहले देहरादून पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें सीकर लेकर आई। अब सीकर पुलिस ने भी देहरादून पुलिस को अजय के डीएनए सैंपल दिए हैं। क्योंकि उसके शव का तो उसी वक्त लावारिश मानकर अंतिम संस्कार करवा दिया था। 


Conclusion:बाईट: आलोक पूनिया, सदर थाना अधिकारी फतेहपुर नोट: खबर में विजुअल और बाइट अलग-अलग भेजे गए हैं राजेश जी सर के निर्देशानुसार पैकेज वहीं बनेगा
Last Updated : Sep 10, 2019, 4:33 PM IST
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