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निजी विद्यालय को मात दे रहा यह राजकीय विद्यालय, साल में केवल तीन दिन ही होती है स्कूल की छुट्टी

सीकर जिले के रींगस में एक ऐसा राजकीय विद्यालय भी है जिसके बारे में जानकर कोई भी उसकी तारीफ करें बिना नहीं रह पाएगा. इस राजकीय विद्यालय में साल में केवल तीन दिन ही अवकाश ही रहता है.

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Published : Sep 22, 2019, 2:26 PM IST

रींगस(सीकर). मंहगी शिक्षा के दौर में जहां बच्चों पर बस्तों का बोझ हो या उनके परिजनों पर उनकी पढ़ाई का आर्थिक भार दोनों ही सूरत में वाजिब नहीं है. लेकिन इन सब के बीच आशा की किरण के रूप में सीकर जिले के रींगस का राजकीय विद्यालय अपने आप में अनूठा उदाहरण पेश करता है. जहां निजी विद्यालय की तमाम सुविधाएं तो है पर न परिजनों पर आर्थिक भार और ना ही बच्चों के लिए शिक्षा का बोझिल माहौल, बस एक अच्छी शिक्षा का उपहार.

सीकर का यह राजकीय विद्यालय दे रहा निजी विद्यालयों को मात

सीमारला जागीर का राजकीय प्राथमिक विद्यालय ढाणी काकोडिया वाली के शिक्षक बच्चों के प्रति इतना समर्पित है कि वर्ष में केवल तीन ही अवकाश घोषित कर रखे हैं दो दीपावली व एक होली का अवकाश. इन नवाचारों की शुरुआत करीब 1 साल पहले राजकीय प्राथमिक विद्यालय ढाकावाली जोहड़ी गुंगारा पिपराली से स्थानांतरित होकर आए महेंद्र सिंह निठारवाल के प्रयासों से हुई.

शिक्षक महेंद्र सिंह निठारवाल जब विद्यालय में आए तो विद्यार्थियों की संख्या मात्र 54 थी जो आज बढ़कर 121 नामांकित है. विद्यालय में निजी विद्यालयों की तर्ज पर विद्यार्थियों के बैठने के लिए बैंच सुविधा, सभी कक्षा कक्षों में दो दो पंखे, प्रोजेक्टर कक्षा में कूलर, सामूहिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए छत, निजी विद्यालयों की तरह ड्रेस कोड जिसमें वेशभूषा, टाई, बेल्ट, जूते, आई कार्ड आदि शामिल है. विद्यालय में प्रतिदिन प्रार्थना इलेक्ट्रॉनिक साउंड द्वारा संपन्न करवाई जाती है. विद्यार्थियों के लिए मिड-डे-मील के लिए तीन खानों युक्त थाली.

अध्यापक महेंद्र सिंह निठारवाल ने बताया कि विद्यालय परिसर में भामाशाहों के सहयोग से सरस्वती मंदिर का निर्माण करवाया गया है, जिसमें मां सरस्वती की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 10 नवंबर को प्रस्तावित है. कक्षा प्रथम व द्वितीय के बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से अध्ययन करवाया जाता है. पूरा विद्यालय परिसर सीसीटीवी से युक्त है जो सभी अध्यापकों के मोबाइल से जुड़े हुए हैं. जो कहीं पर भी लाइव देखे जा सकते हैं.

वहीं विद्यालय में कक्षा पांचवी के विद्यार्थियों को नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा तथा सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाई जाती है. अभिभावक व शिक्षक के प्रति संपर्क बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर अनेक प्रकार के ग्रुप बना रखे हैं जिनके माध्यम से प्रत्येक सूचनाएं आदान प्रदान की जाती है.

पढ़ें: गहलोत सरकार ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 9 कलेक्टर सहित 70 आईएएस का तबादला

स्कूल खेल मैदान के लिए एक बीघा जमीन दान में दी-
भामाशाह प्रेरक शिक्षक महेंद्र सिंह निठारवाल के प्रयासों से सरगोठ निवासी रामनिवास पुत्र जोहरीलाल बोहरा द्वारा करीब 20 लाख रुपए की कीमत की एक बीघा जमीन स्कूल खेल मैदान के लिए दान में दी.

बता दें कि जब अच्छे काम की उम्मीद हो तो अच्छे लोग भी साथ हो जाते है. इनमें से ही विद्यालय के पास ही रहने वाली सीमा शर्मा जो एमए-बीएड होकर विद्यार्थियों को समर्पित भाव से निशुल्क सेवा प्रदान कर रही है. शिक्षिका सीमा शर्मा का कहना है कि विद्यार्थियों के इस मान सम्मान और शिक्षकों के समर्पित भाव को देखकर विद्यालय में निशुल्क सेवा देने की ठान ली.

रींगस(सीकर). मंहगी शिक्षा के दौर में जहां बच्चों पर बस्तों का बोझ हो या उनके परिजनों पर उनकी पढ़ाई का आर्थिक भार दोनों ही सूरत में वाजिब नहीं है. लेकिन इन सब के बीच आशा की किरण के रूप में सीकर जिले के रींगस का राजकीय विद्यालय अपने आप में अनूठा उदाहरण पेश करता है. जहां निजी विद्यालय की तमाम सुविधाएं तो है पर न परिजनों पर आर्थिक भार और ना ही बच्चों के लिए शिक्षा का बोझिल माहौल, बस एक अच्छी शिक्षा का उपहार.

सीकर का यह राजकीय विद्यालय दे रहा निजी विद्यालयों को मात

सीमारला जागीर का राजकीय प्राथमिक विद्यालय ढाणी काकोडिया वाली के शिक्षक बच्चों के प्रति इतना समर्पित है कि वर्ष में केवल तीन ही अवकाश घोषित कर रखे हैं दो दीपावली व एक होली का अवकाश. इन नवाचारों की शुरुआत करीब 1 साल पहले राजकीय प्राथमिक विद्यालय ढाकावाली जोहड़ी गुंगारा पिपराली से स्थानांतरित होकर आए महेंद्र सिंह निठारवाल के प्रयासों से हुई.

शिक्षक महेंद्र सिंह निठारवाल जब विद्यालय में आए तो विद्यार्थियों की संख्या मात्र 54 थी जो आज बढ़कर 121 नामांकित है. विद्यालय में निजी विद्यालयों की तर्ज पर विद्यार्थियों के बैठने के लिए बैंच सुविधा, सभी कक्षा कक्षों में दो दो पंखे, प्रोजेक्टर कक्षा में कूलर, सामूहिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए छत, निजी विद्यालयों की तरह ड्रेस कोड जिसमें वेशभूषा, टाई, बेल्ट, जूते, आई कार्ड आदि शामिल है. विद्यालय में प्रतिदिन प्रार्थना इलेक्ट्रॉनिक साउंड द्वारा संपन्न करवाई जाती है. विद्यार्थियों के लिए मिड-डे-मील के लिए तीन खानों युक्त थाली.

अध्यापक महेंद्र सिंह निठारवाल ने बताया कि विद्यालय परिसर में भामाशाहों के सहयोग से सरस्वती मंदिर का निर्माण करवाया गया है, जिसमें मां सरस्वती की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 10 नवंबर को प्रस्तावित है. कक्षा प्रथम व द्वितीय के बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से अध्ययन करवाया जाता है. पूरा विद्यालय परिसर सीसीटीवी से युक्त है जो सभी अध्यापकों के मोबाइल से जुड़े हुए हैं. जो कहीं पर भी लाइव देखे जा सकते हैं.

वहीं विद्यालय में कक्षा पांचवी के विद्यार्थियों को नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा तथा सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाई जाती है. अभिभावक व शिक्षक के प्रति संपर्क बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर अनेक प्रकार के ग्रुप बना रखे हैं जिनके माध्यम से प्रत्येक सूचनाएं आदान प्रदान की जाती है.

पढ़ें: गहलोत सरकार ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 9 कलेक्टर सहित 70 आईएएस का तबादला

स्कूल खेल मैदान के लिए एक बीघा जमीन दान में दी-
भामाशाह प्रेरक शिक्षक महेंद्र सिंह निठारवाल के प्रयासों से सरगोठ निवासी रामनिवास पुत्र जोहरीलाल बोहरा द्वारा करीब 20 लाख रुपए की कीमत की एक बीघा जमीन स्कूल खेल मैदान के लिए दान में दी.

बता दें कि जब अच्छे काम की उम्मीद हो तो अच्छे लोग भी साथ हो जाते है. इनमें से ही विद्यालय के पास ही रहने वाली सीमा शर्मा जो एमए-बीएड होकर विद्यार्थियों को समर्पित भाव से निशुल्क सेवा प्रदान कर रही है. शिक्षिका सीमा शर्मा का कहना है कि विद्यार्थियों के इस मान सम्मान और शिक्षकों के समर्पित भाव को देखकर विद्यालय में निशुल्क सेवा देने की ठान ली.

Intro:खण्डेला( सीकर)
जिले का ऐसा राजकीय विद्यालय जो रविवार को भी खुलता है।

शिक्षक करते हैं समर्पित भाव से कार्य।

भामाशाह ने खेल मैदान के लिए 20 लाख रुपए की कीमत की भूमि दान दी।

शिक्षिका सीमा शर्मा दे रही निशुल्क सेवा।

विद्यालय परिसर सीसीटीवी, प्रोजेक्टर, आरओ सिस्टम आदि सुविधाओं से युक्त।

निजी विद्यालय को मात दे रही राजकीय विद्यालय।

निजी विद्यालयों की तर्ज पर ड्रेस कोड लागू।Body:
रींगस (सीकर) सीमारला जागीर का राजकीय प्राथमिक विद्यालय ढाणी काकोडिया वाली के शिक्षक बच्चों के प्रति इतना समर्पित है कि वर्ष में केवल तीन ही अवकाश घोषित कर रखे हैं दो दीपावली व एक होली। इन नवाचारों की शुरुआत करीब 1 वर्ष पहले राजकीय प्राथमिक विद्यालय ढाकावाली जोहड़ी गुंगारा पिपराली से स्थानांतरित होकर आए महेंद्र सिंह निठारवाल के प्रयासों से हुआ। शिक्षक महेंद्र सिंह निठारवाल जब विद्यालय में आए तो विद्यार्थियों की संख्या मात्र 54 थी जो आज बढ़कर 121 नामांकित है। विद्यालय में निजी विद्यालयों की तर्ज पर विद्यार्थियों के बैठने के लिए बैंच सुविधा, सभी कक्षा कक्षों में दो दो पंखे, प्रोजेक्टर कक्षा में कूलर, सामूहिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए छत पंखे लगी हुई टिन शेड, निजी विद्यालयों की तरह ड्रेस कोड जिसमें वेशभूषा, टाई, बेल्ट, जूते, आई कार्ड आदि शामिल है। विद्यालय में प्रतिदिन प्रार्थना इलेक्ट्रॉनिक साउंड द्वारा संपन्न करवाई जाती है। विद्यार्थियों के मिड डे मील के लिए तीन खनों युक्त थाली।
विद्यार्थियों को प्रतिभावान बनाने के लिए दैनिक व सप्ताहिक रुप से टेस्ट लिये जाते हैं। अध्यापक महेंद्र सिंह निठारवाल ने बताया कि विद्यालय परिसर में भामाशाहों के सहयोग से सरस्वती मंदिर का निर्माण करवाया गया है जिसमें मां सरस्वती की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 10 नवंबर को प्रस्तावित है।कक्षा प्रथम व द्वितीय के बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से अध्ययन करवाया जाता है। पूरा विद्यालय परिसर सीसीटीवी कैमरा से युक्त है जो सभी अध्यापकों के मोबाइल से जुड़े हुए हैं जो कहीं पर भी लाइव देखे जा सकते हैं। विद्यालय में करीब 5 किलोमीटर से भी विद्यार्थी अध्ययन के लिए आते हैं जिनके आवागमन की सुविधा के लिए अभिभावकों के सहयोग से दो टेंपो लगा रखे हैं। बच्चों को संस्कार युक्त बनाने के लिए बच्चों के जन्म दिवस एवं अन्य सभी पर्व घर की तरह विद्यालय में मना कर बच्चों में अपनत्व की भावना जगाई जाती है। विद्यालय का परिणाम गत सत्र में सभी बच्चों के ए व ए प्लस ग्रैड आई थी।
निजी विद्यालयों के जैसे बच्चों के गृह कार्य के लिए व अभिभावकों को सूचना प्रेषित करने के लिए डायरी का प्रयोग किया जाता है जिसमें अध्यापक द्वारा बच्चे से संबंधित कोई भी सुझाव या जानकारी डायरी में लिख दी जाती है।
विद्यालय में कक्षा पांचवी के विद्यार्थियों को नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा तथा सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाई जाती है जिसकी बदौलत गत सत्र में विद्यालय का छात्र मयंक पुत्र महेंद्र सिंह निठारवाल निवासी भारणी का नवोदय विद्यालय में चयन हुआ है। अभिभावक व शिक्षक के प्रति संपर्क बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर अनेक प्रकार के ग्रुप बना रखे हैं जिनके माध्यम से प्रत्येक सूचनाएं आदान प्रदान की जाती है। छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पेयजल व्यवस्था के अंतर्गत वाटर कूलर व वाटर प्यूरीफायर सिस्टम लगा रखा है।

*स्कूल खेल मैदान के लिए एक बीघा जमीन दान में दी*
भामाशाह प्रेरक शिक्षक महेंद्र सिंह निठारवाल के प्रयासों से सरगोठ निवासी रामनिवास पुत्र जोहरीलाल बोहरा द्वारा करीब 20 लाख रुपए की कीमत की एक बीघा जमीन स्कूल खेल मैदान के लिए दान में दी।

*शिक्षिका दे रही निशुल्क सेवा*
विद्यालय के पास ही रहने वाली सीमा शर्मा जो एमए - बीएड होकर भी विद्यार्थियों को समर्पित भाव से निशुल्क सेवा प्रदान कर रही है।
शिक्षिका सीमा शर्मा का कहना है कि विद्यार्थियों के इस मान सम्मान और शिक्षकों के समर्पित भाव को देखकर विद्यालय में निशुल्क सेवा देने की ठान ली।

विद्यालय में प्रधानाध्यापक मोहनलाल जाट व शिक्षक महेंद्र सिंह निठारवाल ही नियुक्त है जबकि एक अध्यापक भागीरथ मल प्रतिनियुक्ति पर लगे हुए हैं।
CQशिक्षिका सीमा शर्मा सहित कुल 4 अध्यापक बच्चों के भविष्य निर्माण में लगे हुए हैं।
शिक्षक महेंद्र सिंह निठारवाल ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि आगामी सत्र में 250 विद्यार्थी नामांकित हो।
बाइट शिक्षक महेन्द्र निठारवाल
बाइट सीमा शर्मा विद्यालय में निशुल्क सेवा प्रदाता
बाइट धनश्याम दास स्वामी ग्रामीणConclusion:खण्डेला( सीकर)

जिले का ऐसा राजकीय विद्यालय जो रविवार को भी खुलता है।
शिक्षक करते हैं समर्पित भाव से कार्य।
भामाशाह ने खेल मैदान के लिए 20 लाख रुपए की कीमत की भूमि दान दी।
शिक्षिका सीमा शर्मा दे रही निशुल्क सेवा।
विद्यालय परिसर सीसीटीवी, प्रोजेक्टर, आरओ सिस्टम आदि सुविधाओं से युक्त।
निजी विद्यालय को मात दे रही राजकीय विद्यालय।
निजी विद्यालयों की तर्ज पर ड्रेस कोड लागू।
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