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शहीद रतनलाल की बेटी बोली- पापा के हत्यारों को मिले फांसी की सजा

दिल्ली में हो रही हिंसा का शिकार हुए सीकर के शहीद हेड कांस्टेबल रतनलाल के भाई ने ईटीवी भारत ने बातचीत की. बातचीत में सामने आया कि उन्हें रतनलाल की मौत की जानकारी किसी अधिकारी ने आकर नहीं दी थी. उन्हें सोशल मीडिया के जरिए इसकी सूचना मिली थी. इसके अलावा रतनलाल की बेटी का कहना है कि हत्यारों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए.

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हेड कांस्टेबल रतनलाल के परिवार से ईटीवी भारत ने की बातचीत
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Published : Feb 26, 2020, 9:46 PM IST

Updated : Feb 26, 2020, 11:23 PM IST

फतेहपुर (सीकर). NRC और CAA के खिलाफ दिल्ली में चल रहे प्रदर्शन में शहीद हुए सीकर के हेड कांस्टेबल रतनलाल के भाई सुंदर लाल ने ईटीवी भारत से बातचीत की. बातचीत में उन्होंने बताया कि रतनलाल की मौत के बारे में उन्हें जानकारी सोशल मीडिया से मिली. कोई भी अधिकारी ने आकर उन्हें कुछ नहीं बताया.

हेड कांस्टेबल रतनलाल के परिवार से ईटीवी भारत ने की बातचीत

रतनलाल के बचपन के दोस्त सुनील कुल्हरी के अनुसार रतनलाल में देश सेवा का जज्बा कम उम्र से ही था. शुरू से ही देश के लिए कुछ करने के जज्बे के साथ साथ वह बहादुर भी था. दसवीं कक्षा से ही रतनलाल ने सेना जाने के लिए शारारिक परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने कहा कि रतनलाल बहुत मिलनसार था, जब भी गांव आता था, वो वह सब लोगों से मिलता था. सुनील बताते हैं कि रतनलाल जब भी गांव आता था, तो खाली बैठे युवाओं से चिढ़ता था, वह कहता था उन्हें देश के लिए कुछ करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- दिल्ली हिंसा में सीकर निवासी हेड कांस्टेबल की मौत, अंतिम संस्कार आज

परिवार का पूरा बोझ था रतनलाल के कंधों पर

रतनलाल के दोस्त सुनील ने बताया कि कम उम्र में ही रतनलाल परिवार का बोझ उठा रहा था. रतनलाल के पापा विदेश रहते थे. विदेश में उस समय उनके घाटा लग गया था. इसके बाद वो गांव आ गए. इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गई. उसके बाद रतनलाल ने नोकरी लगने के बाद परिवार को संभाला. रतनलाल के सर पर बहन के परिवार की भी जिम्मेदारी थी. रतनलाल के एक ही बहन है. रतनलाल के जीजा का भी निधन हो चुका है.

बेटी बोली पापा के हत्यारों को मिले फांसी की सजा

रतनलाल की बेटी सिद्धी ने पत्रकारों से बातचीत की. उसने बातचीत में कहा कि मेरे पापा ड्यूटी निभा रहे थे, इस दौरान उनके गोली लगी. जिससे उनकी मौत हो गई. मेरे पापा के हत्यारों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए.

फतेहपुर (सीकर). NRC और CAA के खिलाफ दिल्ली में चल रहे प्रदर्शन में शहीद हुए सीकर के हेड कांस्टेबल रतनलाल के भाई सुंदर लाल ने ईटीवी भारत से बातचीत की. बातचीत में उन्होंने बताया कि रतनलाल की मौत के बारे में उन्हें जानकारी सोशल मीडिया से मिली. कोई भी अधिकारी ने आकर उन्हें कुछ नहीं बताया.

हेड कांस्टेबल रतनलाल के परिवार से ईटीवी भारत ने की बातचीत

रतनलाल के बचपन के दोस्त सुनील कुल्हरी के अनुसार रतनलाल में देश सेवा का जज्बा कम उम्र से ही था. शुरू से ही देश के लिए कुछ करने के जज्बे के साथ साथ वह बहादुर भी था. दसवीं कक्षा से ही रतनलाल ने सेना जाने के लिए शारारिक परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने कहा कि रतनलाल बहुत मिलनसार था, जब भी गांव आता था, वो वह सब लोगों से मिलता था. सुनील बताते हैं कि रतनलाल जब भी गांव आता था, तो खाली बैठे युवाओं से चिढ़ता था, वह कहता था उन्हें देश के लिए कुछ करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- दिल्ली हिंसा में सीकर निवासी हेड कांस्टेबल की मौत, अंतिम संस्कार आज

परिवार का पूरा बोझ था रतनलाल के कंधों पर

रतनलाल के दोस्त सुनील ने बताया कि कम उम्र में ही रतनलाल परिवार का बोझ उठा रहा था. रतनलाल के पापा विदेश रहते थे. विदेश में उस समय उनके घाटा लग गया था. इसके बाद वो गांव आ गए. इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गई. उसके बाद रतनलाल ने नोकरी लगने के बाद परिवार को संभाला. रतनलाल के सर पर बहन के परिवार की भी जिम्मेदारी थी. रतनलाल के एक ही बहन है. रतनलाल के जीजा का भी निधन हो चुका है.

बेटी बोली पापा के हत्यारों को मिले फांसी की सजा

रतनलाल की बेटी सिद्धी ने पत्रकारों से बातचीत की. उसने बातचीत में कहा कि मेरे पापा ड्यूटी निभा रहे थे, इस दौरान उनके गोली लगी. जिससे उनकी मौत हो गई. मेरे पापा के हत्यारों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए.

Last Updated : Feb 26, 2020, 11:23 PM IST
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