फतेहपुर (सीकर). राजस्थान स्ट्रीट वेण्डर्स के लिए स्थानीय नगर पालिका ने चुनाव करवाकर कमेटी का करीब ढाई साल पहले गठन किया. लेकिन स्ट्रीट वेण्डर्स को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है. वहीं इन बीते सालों में महज दो बैठकें हुईं, जिनका कोई महत्व नहीं था. नगर पालिका की ओर से बार-बार आग्रह के बाद भी बैठक नहीं बुलाने पर निर्वाचित सदस्य ने जिला कलक्टर को पत्र लिखकर शिकायत की है.
स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी के सदस्य गुलाब अलबेला ने बताया कि कस्बे में ढाई साल पहले चुनाव करवाकर नगर पालिका ने कमेटी का गठन किया था. उसके बाद से लेकर अब तक महज दो बार बैठक हुई है, इन दोनों बैठकों में महज खानापूर्ति हुई. नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी से कई बार व्यक्तिगत और पत्र के माध्यम से बैठक बुलाने का आग्रह किया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं कमेटी की बैठक नहीं होने से स्ट्रीट वेण्डर्स को राज्य सरकार की किसी भी योजनाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा है.
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नहीं बना रहा लाईसेंस
स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी का गठन होने के बाद अभी तक कोई भी फैसला नहीं हुआ. वहीं स्ट्रीट वेण्डर्स का लाईसेंस नहीं बना है. जिस कारण वेण्डर्स को कई तरह की परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है. इसके अलावा उन्हें न तो लोन मिल रहा और न ही बैंक की अन्य सुविधा मिल पा रही है.
नहीं है स्ट्रीट वेण्डर्स का रिकॉर्ड
कस्बे में ठेला और फेरी लगाकर सामान बेचने वाले अधिकतर लोग दूसरे राज्यों से आते हैं. स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी बनने के बाद भी उनका कोई रिकार्ड नहीं है. ऐसे में अगर वह अपराध कर भाग भी जाए तो उनकी कोई भनक नहीं लगती है, न ही उनकी कोई पहचान हो पाती है.