ETV Bharat / state

ढाई साल में महज दो बार हुई स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी की बैठक, न लाइसेंस बने न कोई सुविधा मिली - news of Sikar

सीकर में करीब ढाई वर्ष पहले राजस्थान स्ट्रीट वेण्डर्स के लिए स्थानीय नगर पालिका ने कमेटी का गठन किया गया. जिसका वेण्डर्स इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है.

वेण्डर्स नहीं कमेटी लाभ,Committee on Wanders not profit
author img

By

Published : Sep 27, 2019, 12:43 PM IST

फतेहपुर (सीकर). राजस्थान स्ट्रीट वेण्डर्स के लिए स्थानीय नगर पालिका ने चुनाव करवाकर कमेटी का करीब ढाई साल पहले गठन किया. लेकिन स्ट्रीट वेण्डर्स को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है. वहीं इन बीते सालों में महज दो बैठकें हुईं, जिनका कोई महत्व नहीं था. नगर पालिका की ओर से बार-बार आग्रह के बाद भी बैठक नहीं बुलाने पर निर्वाचित सदस्य ने जिला कलक्टर को पत्र लिखकर शिकायत की है.

स्ट्रीट वेण्डर्स को नहीं मिल रहा कमेटी का लाभ

स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी के सदस्य गुलाब अलबेला ने बताया कि कस्बे में ढाई साल पहले चुनाव करवाकर नगर पालिका ने कमेटी का गठन किया था. उसके बाद से लेकर अब तक महज दो बार बैठक हुई है, इन दोनों बैठकों में महज खानापूर्ति हुई. नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी से कई बार व्यक्तिगत और पत्र के माध्यम से बैठक बुलाने का आग्रह किया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं कमेटी की बैठक नहीं होने से स्ट्रीट वेण्डर्स को राज्य सरकार की किसी भी योजनाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा है.

पढे़ं- जोधपुर में विजिलेंस टीम पर हमला, सरपंच के परिजनों ने की मारपीट...मामला दर्ज

नहीं बना रहा लाईसेंस
स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी का गठन होने के बाद अभी तक कोई भी फैसला नहीं हुआ. वहीं स्ट्रीट वेण्डर्स का लाईसेंस नहीं बना है. जिस कारण वेण्डर्स को कई तरह की परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है. इसके अलावा उन्हें न तो लोन मिल रहा और न ही बैंक की अन्य सुविधा मिल पा रही है.

नहीं है स्ट्रीट वेण्डर्स का रिकॉर्ड
कस्बे में ठेला और फेरी लगाकर सामान बेचने वाले अधिकतर लोग दूसरे राज्यों से आते हैं. स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी बनने के बाद भी उनका कोई रिकार्ड नहीं है. ऐसे में अगर वह अपराध कर भाग भी जाए तो उनकी कोई भनक नहीं लगती है, न ही उनकी कोई पहचान हो पाती है.

फतेहपुर (सीकर). राजस्थान स्ट्रीट वेण्डर्स के लिए स्थानीय नगर पालिका ने चुनाव करवाकर कमेटी का करीब ढाई साल पहले गठन किया. लेकिन स्ट्रीट वेण्डर्स को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है. वहीं इन बीते सालों में महज दो बैठकें हुईं, जिनका कोई महत्व नहीं था. नगर पालिका की ओर से बार-बार आग्रह के बाद भी बैठक नहीं बुलाने पर निर्वाचित सदस्य ने जिला कलक्टर को पत्र लिखकर शिकायत की है.

स्ट्रीट वेण्डर्स को नहीं मिल रहा कमेटी का लाभ

स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी के सदस्य गुलाब अलबेला ने बताया कि कस्बे में ढाई साल पहले चुनाव करवाकर नगर पालिका ने कमेटी का गठन किया था. उसके बाद से लेकर अब तक महज दो बार बैठक हुई है, इन दोनों बैठकों में महज खानापूर्ति हुई. नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी से कई बार व्यक्तिगत और पत्र के माध्यम से बैठक बुलाने का आग्रह किया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं कमेटी की बैठक नहीं होने से स्ट्रीट वेण्डर्स को राज्य सरकार की किसी भी योजनाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा है.

पढे़ं- जोधपुर में विजिलेंस टीम पर हमला, सरपंच के परिजनों ने की मारपीट...मामला दर्ज

नहीं बना रहा लाईसेंस
स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी का गठन होने के बाद अभी तक कोई भी फैसला नहीं हुआ. वहीं स्ट्रीट वेण्डर्स का लाईसेंस नहीं बना है. जिस कारण वेण्डर्स को कई तरह की परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है. इसके अलावा उन्हें न तो लोन मिल रहा और न ही बैंक की अन्य सुविधा मिल पा रही है.

नहीं है स्ट्रीट वेण्डर्स का रिकॉर्ड
कस्बे में ठेला और फेरी लगाकर सामान बेचने वाले अधिकतर लोग दूसरे राज्यों से आते हैं. स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी बनने के बाद भी उनका कोई रिकार्ड नहीं है. ऐसे में अगर वह अपराध कर भाग भी जाए तो उनकी कोई भनक नहीं लगती है, न ही उनकी कोई पहचान हो पाती है.

Intro:ढाई वर्ष में महज दो बार हुई स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी की बैठक, ना लाईसेंस बने ना कोई सुविधा मिलीBody:फतेहपुर (सीकर). राजस्थान स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी की स्थानीय नगर पालिका में बनी कमेटी का करीब ढाई वर्ष पहले गठन तो हो गया लेकिन स्ट्रीट वेण्डर्स को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। ढाई साल में महज दो बैठकें हुई वो भी नाम मात्र की। ऐसे में स्ट्रीट वेण्डर्स को कोई फायदा नहीं पहुंच रहा है। नगर पालिका के द्वारा बार बार आग्रह के बाद भी बैठक नहीं बुलाने पर निर्वाचित सदस्य ने जिला कलक्टर को पत्र लिखकर शिकायत की है। स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी के सदस्य गुलाब अलबेला ने बताया कि कस्बे में ढाई वर्ष पहले चुनाव करवाकर नगर पालिका ने कमेटी का गठन किया था। उसके बाद से लेकर अब तक महज दो बार बैठक हुई है, इन दोनों बैठकों में महज खानापूर्ति हुई थी। नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी से कई बार व्यक्तिगत व कई बार पत्र के माध्यम से बैठक बुलाने का आग्रह किया है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी की बैठक नहीं होने से फेरी लगाने वाले लोगों व थड़ी लगाने वाले लोगों को राज्य सरकार की कोई योजनाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा है।

लाईसेंस नहीं बनने से होती है परेशानी
स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी का गठन होने के बाद अभी तक कोई भी फैसला नहीं हुआ। स्ट्रीट वेण्डर्स का लाईसेंस नहीं बना। लाइसेंस नहीं बनने के कारण स्ट्रीट वेण्डर्स को कई तरह की परेशानी होती है। कई बार पुलिस परेशान करती है। इसके अलावा ना ही तो लोन की सुविधा मिलती है ना ही तो बैंक से अन्य कोई सुविधा मिल रही है।

दूसरे राज्यों के लोगों का रिकॉर्ड तक नहीं, अपराध पर नहीं होती पहचान
कस्बे में हाथ ठेला लगाने व फेरी लगाकर सामान बेचने वाले अधिकतर लोग दूसरे राज्यों से आते है। स्ट्रीट वेण्डर्स कमेटी बनने के बाद भी उनका कोई रिकार्ड नहीं है। ऐसे में अगर वह अपराध कर भाग भी जाएं तो उनकी कोई भनक नहीं लगती है। ना ही उनकी कोई पहचान हो पाती है। ऐसे में बड़ी समस्या हो जाती है। Conclusion:बाइट गुलाब अलबेला सदस्य स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी फतेहपुर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.