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सीकर: लादी का बास के ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार - villagers angry

सीकर के नीम का थाना के निकटवर्ती ग्राम लादी का बास के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों की मांग है कि लादी का बास ग्राम पंचायत को पहले की तरह पाटन पंचायत समिति में शामिल किया जाए. गांव से अजीतगढ़ की दूरी करीब 60 किलोमीटर है जिससे उन्हें परेशानी होगी.

Villagers declare election boycott
ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान
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Published : Sep 29, 2020, 8:46 PM IST

सीकर. जिले के नीम का थाना निकटवर्ती ग्राम लादी का बास में ग्रामीणों ने दूसरी बार भी चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. लादी का बास ग्राम पंचायत को पाटन से हटाकर अजीतगढ़ में शामिल करने से ग्रामीणों में नाराजगी है. ग्रामीणों की मांग है कि लादी का बास ग्राम पंचायत को पहले की तरह पाटन पंचायत समिति में शामिल किया जाए. लादी का बास ग्राम पंचायत को जब तक अजीतगढ़ से हटाकर पाटन में शामिल नहीं किया जाता तब तक वे चुनावों का बहिष्कार करते रहेंगे.

ग्रामीणों का कहना है कि गांव लादी का बास ग्राम पंचायत पाटन के निकट पड़ता है और गांव से अजीतगढ़ की दूरी करीब 60 किलोमीटर है. ऐसे में यह गरीब तबके के लोगों की जेब पर डाका डालने जैसा है. लोगों के काम समय पर नहीं होंगे साथ ही लादी का बास से अजीतगढ़ के लिए कोई सीधा साधन भी नहीं है. लेकिन राजनीतिक द्वेष के कारण लादी का बास को अजीतगढ़ पंचायत समिति में जोड़ दिया गया.

यह भी पढ़ें: दौसा : तीन ग्राम पंचायतों में वार्ड पंच और एक में सरपंच पद के चुनाव परिणाम अटके...जानें क्यों

ग्रामीणों ने पहले भी इसका विरोध किया था लेकिन उनक आवाज को राज्य सरकार ने नहीं सुनी. गांव के लोगों का कहना है कि हमें वापस पाटन पंचायत समिति के अंतर्गत जोड़ा जाए क्योंकि हमारे सभी आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक काम और कनेक्टिविटी पाटन पंचायत से है. अजीतगढ़ पंचायत से जुड़ाव के कारण ही यह गांव विकास की दौड़ में पीछे रह गया है.

ग्रामीणों ने कहा कि जब तक लादीकाबास ग्राम पंचायत को पाटन पंचायत समिति में नहीं जोड़ा जाएगा तब तक हर चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा. लादी का बास में 30 सितम्बर को नामांकन भरे जाएंगे और एक अक्टूबर को नाम वापस लिए जाने हैं. वहीं 10 अक्टूबर को चुनाव होने की तारीख तय की गई है. ऐसे में कोई नामांकन दाखिल नहीं नहीं करने लेकर सर्व समाज की सहमति से निर्णय लिया गया है.

सीकर. जिले के नीम का थाना निकटवर्ती ग्राम लादी का बास में ग्रामीणों ने दूसरी बार भी चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. लादी का बास ग्राम पंचायत को पाटन से हटाकर अजीतगढ़ में शामिल करने से ग्रामीणों में नाराजगी है. ग्रामीणों की मांग है कि लादी का बास ग्राम पंचायत को पहले की तरह पाटन पंचायत समिति में शामिल किया जाए. लादी का बास ग्राम पंचायत को जब तक अजीतगढ़ से हटाकर पाटन में शामिल नहीं किया जाता तब तक वे चुनावों का बहिष्कार करते रहेंगे.

ग्रामीणों का कहना है कि गांव लादी का बास ग्राम पंचायत पाटन के निकट पड़ता है और गांव से अजीतगढ़ की दूरी करीब 60 किलोमीटर है. ऐसे में यह गरीब तबके के लोगों की जेब पर डाका डालने जैसा है. लोगों के काम समय पर नहीं होंगे साथ ही लादी का बास से अजीतगढ़ के लिए कोई सीधा साधन भी नहीं है. लेकिन राजनीतिक द्वेष के कारण लादी का बास को अजीतगढ़ पंचायत समिति में जोड़ दिया गया.

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ग्रामीणों ने पहले भी इसका विरोध किया था लेकिन उनक आवाज को राज्य सरकार ने नहीं सुनी. गांव के लोगों का कहना है कि हमें वापस पाटन पंचायत समिति के अंतर्गत जोड़ा जाए क्योंकि हमारे सभी आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक काम और कनेक्टिविटी पाटन पंचायत से है. अजीतगढ़ पंचायत से जुड़ाव के कारण ही यह गांव विकास की दौड़ में पीछे रह गया है.

ग्रामीणों ने कहा कि जब तक लादीकाबास ग्राम पंचायत को पाटन पंचायत समिति में नहीं जोड़ा जाएगा तब तक हर चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा. लादी का बास में 30 सितम्बर को नामांकन भरे जाएंगे और एक अक्टूबर को नाम वापस लिए जाने हैं. वहीं 10 अक्टूबर को चुनाव होने की तारीख तय की गई है. ऐसे में कोई नामांकन दाखिल नहीं नहीं करने लेकर सर्व समाज की सहमति से निर्णय लिया गया है.

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