ETV Bharat / state

शहादत के 19 साल बाद शहीद मोहम्मद इकराम खान का सीकर में बनेगा स्मारक

जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में 12 अप्रैल 2000 को शहीद हुए सीकर जिले के रोलसाहबसर गांव निवासी शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद मोहम्मद इकराम खान का अब सम्मान होगा. मोहम्मद इकराम खान तीन उग्रवादियों को मार कर शहीद हुए थे.

शहीद मोहम्मद इकराम खान
author img

By

Published : Jun 13, 2019, 1:01 PM IST

सीकर. देश की सीमा पर जब कोई जवान शहीद होता है तो उसकी शहादत के कुछ दिन तक सभी उसकी खैर खबर लेते हैं मगर उसके बाद शहीद परिवार की कोई झांकता तक नहीं है. ऐसा ही वाकया सीकर जिले के रोलसाहबसर निवासी भारतीय सेना से रिटायर्ड कैप्टन इकबाल खान के पुत्र शहीद मोहम्मद इकराम खान के परिवार के साथ हुआ. जब कैप्टन रिटायर हुए तो उन्होंने अपने दो बेटों इकरार खान और इकराम खान को भारतीय सेना में देश की सेवा के लिए भेज दिया. कैप्टन का बड़ा बेटा इकरार खान अरुणाचल प्रदेश में तैनात है. कैप्टन इकबाल खान ने बताया कि उनके छोटे बेटे इकराम खान 1999 के भारत-पाक करगिल युद्ध में भाग लिया था.

शहादत के 19 साल बाद बनेगा शहीद मोहम्मद इकराम खान का स्मारक

उसके बाद सेना की ओर से ऑपरेशन रक्षक चलाया गया जिसके तहत राजौरी सेक्टर में वह उग्रवादियों से लढ़ते हुए शहीद हो गए. शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद इकराम खान ने तीन उग्रवादियों को मारा था उसके बाद उनके आंख के पास गोली लगी जिससे वह कोमा में चले गए और 1 हफ्त बाद उधमपुर के अस्पताल में वह शहीद हो गए. सरकार ने उनकी बहादुरी पर मरणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया. शहीद के पिता कैप्टन इकबाल खान ने बताया की उन्होंने राजनेताओं, प्रशासन और अधिकारियों के पास शहीद बेटे इकराम का स्मारक बनाने के लिए काफी भागदौड़ की लेकिन इतने साल उन्हें कोरे आश्वासन के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ. शहीद के पिता ने बताया कि सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते काटते हैं उन्हें पिछले साल जमीन आवंटित हुई और अब स्मारक के लिए तीन लाख रूपए का बजट भी स्वीकृत किया गया है.

सीकर. देश की सीमा पर जब कोई जवान शहीद होता है तो उसकी शहादत के कुछ दिन तक सभी उसकी खैर खबर लेते हैं मगर उसके बाद शहीद परिवार की कोई झांकता तक नहीं है. ऐसा ही वाकया सीकर जिले के रोलसाहबसर निवासी भारतीय सेना से रिटायर्ड कैप्टन इकबाल खान के पुत्र शहीद मोहम्मद इकराम खान के परिवार के साथ हुआ. जब कैप्टन रिटायर हुए तो उन्होंने अपने दो बेटों इकरार खान और इकराम खान को भारतीय सेना में देश की सेवा के लिए भेज दिया. कैप्टन का बड़ा बेटा इकरार खान अरुणाचल प्रदेश में तैनात है. कैप्टन इकबाल खान ने बताया कि उनके छोटे बेटे इकराम खान 1999 के भारत-पाक करगिल युद्ध में भाग लिया था.

शहादत के 19 साल बाद बनेगा शहीद मोहम्मद इकराम खान का स्मारक

उसके बाद सेना की ओर से ऑपरेशन रक्षक चलाया गया जिसके तहत राजौरी सेक्टर में वह उग्रवादियों से लढ़ते हुए शहीद हो गए. शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद इकराम खान ने तीन उग्रवादियों को मारा था उसके बाद उनके आंख के पास गोली लगी जिससे वह कोमा में चले गए और 1 हफ्त बाद उधमपुर के अस्पताल में वह शहीद हो गए. सरकार ने उनकी बहादुरी पर मरणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया. शहीद के पिता कैप्टन इकबाल खान ने बताया की उन्होंने राजनेताओं, प्रशासन और अधिकारियों के पास शहीद बेटे इकराम का स्मारक बनाने के लिए काफी भागदौड़ की लेकिन इतने साल उन्हें कोरे आश्वासन के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ. शहीद के पिता ने बताया कि सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते काटते हैं उन्हें पिछले साल जमीन आवंटित हुई और अब स्मारक के लिए तीन लाख रूपए का बजट भी स्वीकृत किया गया है.

Intro:सीकर. जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में 12 अप्रैल 2000 को शहीद हुए सीकर जिले के रोलसाहबसर गांव निवासी शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद मोहम्मद इकराम खान का अब होगा सम्मान। तीन उग्रवादियों को मार कर शहीद हुए मोहम्मद इकराम खान का तीन लाख रुपए की लागत से अब बनेगा शहीद का स्मारक।


Body:सीकर. देश की सीमा पर जब कोई जवान शहीद होता है तो उसकी शहादत के कुछ दिन तक सभी उसकी खैर खबर लेते हैं मगर उसके बाद शहीद परिवार की कोई झांकता तक नहीं है। ऐसा ही वाकया सीकर जिले के रोलसाहबसर निवासी भारतीय सेना से रिटायर्ड कैप्टन इकबाल खान के पुत्र शहीद मोहम्मद इकराम खान के परिवार के साथ हुआ। जब कैप्टंस रिटायर हुए तो उन्होंने अपने दो बेटों इकरार खान और इकराम खान को भारतीय सेना में देश की सेवा के लिए भेज दिया। कैप्टन का बड़ा बेटा इकरार खान अरुणाचल प्रदेश में तैनात है । कैप्टन इकबाल खान ने बताया कि उनका छोटे बेटे इकराम खाने 1999 के भारत-पाक करगिल युद्ध में भाग लिया था। उसके बाद सेना की ओर से ऑपरेशन रक्षक चलाया गया जिसके तहत राजौरी सेक्टर में वह उग्रवादियों से बढ़ते हुए शहीद हो गए। शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद इकराम खाने तीन उग्रवादियों को मारा था उसके बाद उनके आंख के पास गोली लगी जिससे वे कोमा में चले गए और 1 सप्ताह बाद उधमपुर के अस्पताल में वो शहीद हो गए। सरकार ने उनकी बहादुरी पर मरणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया।

19 साल बाद बनेगा स्मारक
शहीद के पिता कैप्टन इकबाल खान ने उन्होंने राजनेताओं, प्रशासन व अधिकारियों के पास शहीद बेटे इकराम का स्मारक बनाने के लिए काफी भागदौड़ की लेकिन इतने साल उन्हें कोरे आश्वासन के कुछ हासिल नहीं हुआ। शहीद के पिता ने बताया कि सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते काटते हैं उन्हें पिछले साल जमीन आवंटित हुई और अब स्मारक के लिए ₹ तीन लाख का बजट भी स्वीकृत किया गया है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.