सीकर. विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के साथ ही माकपा ने भी अपनी पहली सूची सोमवार को जारी कर दी है. माकपा द्वारा 17 प्रत्याशियों की जारी सूची में सीकर जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों की घोषणा की गई है. पार्टी ने धोद विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक पेमाराम, दांतारामगढ़ से पूर्व विधायक कॉमरेड अमराराम, लक्ष्मणगढ़ से शेखावाटी विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे विजेंद्र ढाका और सीकर से उस्मान खान को प्रत्याशी घोषित किया है.
दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से अमराराम को पार्टी ने चौथी बार उम्मीदवार बनाया है. वे 2008 में यहां से विधायक रह चुके हैं. इससे पूर्व कॉमरेड अमराराम धोद से तीन बार विधायक रह चुके हैं. माकपा ने सीकर व लक्ष्मणगढ़ में इस बार अपने प्रत्याशी बदले हैं. सीकर में पिछली बार अब्दुल कयूम कुरैशी तथा लक्ष्मणगढ़ में बीएस मिल को उम्मीदवार बनाया था. विधानसभा चुनाव 2018 में धोद से पेमाराम 61 हजार मत लेकर दूसरे स्थान पर रहे वहीं दांतारामगढ़ में अमराराम 45 हजार मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे.
राजस्थान में सीकर को माकपा का गढ़ माना जाता है : माकपा की राजनीति धरातल पर आंदोलन करने को लेकर रही है. जब भी देश में किसान आंदोलन होता है तो सीकर में भी उसकी आहट सुनाई देती है, जिसका मुख्य कारण माकपा पार्टी है. सीकर में माकपा किसानों के प्रमुख मुद्दे पानी व बिजली पर हमेशा आंदोलन करती आई है. इसी कारण 2008 में यहां से दो सीटें धोद व दांतारामगढ़ एक साथ जीत चुकी है. हालांकि, विधानसभा चुनाव 2018 में पार्टी सीकर जिले में अपना खाता नहीं खोल पाई थी.
कांग्रेस जहां सीकर जिले में अपनी सभी 8 सीट वापस प्राप्त कर इतिहास रचने के लिए जोर लगा रही है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी उसमें सेंधमारी का प्रयास कर रही है. माकपा अपनी खोई हुई जमीन पाने के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. इस बार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) और जनता जननायक पार्टी (जेपीपी) भी सीकर में काफी जोर लगा रही हैं, जिसके कारण कांग्रेस व भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है .