फतेहपुर (सीकर). कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से आत्म योजनार्न्तगत दो दिवसीय कृषक प्रषिक्षण कार्यक्रम बागवानी फसलों का मूल्य संवर्धन पर आयोजित किया गया. इस अवसर पर केन्द्र की प्रभारी डॉ. शशि वर्मा ने कृषकों को खेती में लागत कम करने के लिए उपलब्ध संसाधनों के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए नवीनतम तकनिकियों को अपनाने के साथ बागवानी फसलों का मूल्य संवर्धन के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
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उद्यान विषेषज्ञ डॉ. महेष चौधरी ने बागवानी फसलों के बारे में जानकारी देते हुए बूंद-बूंद सिंचाई और पॉली हाऊस में बेमौसम की सब्जी उत्पादन और सब्जियों की नर्सरी में पौध तैयार करने की जानकारी देते हुए इसके उत्पादन को मूल्य संवर्धन करके अधिक आय प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया. केन्द्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ. लालाराम ने नई उन्नत किस्मों को अपनाने के साथ कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए उचित पोषक तत्व प्रबन्धन के लिएघुलनशील उर्वरकों के पर्णीय छिड़काव के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी.
डॉ. जितेन्द्र कुमार, पौध संरक्षण वैज्ञानिक ने रबी फसलों में लगने वाले प्रमुख रोगों और कीटों का समन्वित नियंत्रण के लिए जैविक मित्र फफूंद, नीम, आक, धतुरा से निर्मित जैव-कीटनाषियों के प्रयोग करने की सलाह दी. जैविक खेती के महत्व पर चर्चा करते हुए जैविक जीवामृत, वेस्ट-डिकम्पोजर बनाने की प्रायोगिक जानकारी दी. कार्यक्रम में जिले के खण्डेला, श्रीमाधोपुर खण्ड के 33 कृषकों ने भाग लिया.