सीकर. स्कूल में पानी की समस्या को लेकर सीकर कलेक्टर के पास पहुंची एक प्रिंसिपल को कलेक्टर ने नोटिस जारी करवा दिया. कलेक्टर के विवादित फैसले के बाद शिक्षक संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दे डाली और देर रात शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कलेक्टर का आदेश ही निरस्त कर दिया. शिक्षा मंत्री ने यह भी नसीहत दी है कि कलेक्टर को आमजन की सुनवाई करनी चाहिए.
जानकारी के मुताबिक सीकर के सबलपुरा गांव के सरकारी स्कूल में पानी की समस्या है. इसको लेकर स्कूल की प्रिंसिपल मनीषा बुधवार दोपहर में सीकर कलेक्टर के पास पहुंची और स्कूल में नया ट्यूबवेल बनवाने की मांग की. सीकर के जिला कलेक्टर यज्ञमित्र सिंह देव ने इसको शिष्टाचार के खिलाफ माना और कहा कि एक स्कूल की प्रिंसिपल को इस तरह से पानी की समस्या के लिए उनके पास नहीं आना चाहिए था.
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कलेक्टर ने तुरंत ही जिला शिक्षा अधिकारी को फोन किया और शिक्षिका को नोटिस जारी करवा दिया. इसके साथ ही कलेक्टर के कार्यालय से भी जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस भेजा गया. वाजिब मांग के लिए कलेक्ट्रेट पहुंची शिक्षिका को नोटिस देने का मामला शाम तक तूल पकड़ने लगा और शिक्षक संगठन भी इसके विरोध में उतरने लगे.
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आज सीकर कलेक्टर द्वारा एक प्रिंसिपल को पानी की समस्या को लेकर उनसे मुलाकात करने पर नोटिस भिजवाने का मामला संज्ञान में आने के बाद नोटिस को निरस्त करवा दिया गया है। कलेक्टर महोदय को आमजन के प्रति अपने कर्तव्यों को समझना चाहिए,नागरिकों की समस्या समझकर उसका उपयुक्त समाधान करना चाहिए। pic.twitter.com/9i4yC5NyC1
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इस बीच यह मामला शिक्षा मंत्री तक पहुंच गया. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट करके जानकारी दी कि कलेक्टर का आदेश निरस्त किया जाता है और इस तरह का नोटिस नहीं जारी होना चाहिए था. कलेक्टर को आमजन की समस्या का समाधान करना चाहिए.