सीकर. पूर्व की प्रदेश सरकार के समय स्वीकृत मेडिकल कॉलेज पर सांसद सुमेधानंद सरस्वती अलग- अलग बयान दे रहे हैं. चुनावी माहौल में अपनी पार्टी के लिए वे झूठ बोलने से भी पहरेज नहीं कर रहे हैं. सीकर और चुरू मेडिकल कालेज के निर्माण स्वीकृति को लेकर वे गलत बयानबाजी कर रहे हैं.
दरअसल यह मामला सीकर मेडिकल कॉलेज के निर्माण से जुड़ा है. जिसके निर्माण को लेकर शुक्रवार को सांसद सुमेधानंद ने कुछ ऐसी बात कही कि उनका झूठ उजागर हो गया है. उन्होंने कहा कि चूरू मेडिकल कॉलेज सीकर मेडिकल कॉलेज से पहले स्वीकृत हुआ था. जबकि सच इससे उलट है.
तीन साल पहले एक सभा में जब सीकर में भी मेडिकल कॉलेज खोलने की बात हुई तो सांसद सुमेधानंद ने कहा था कि चुरू वाले देखते रह जाएंगे और सीकर में मेडिकल कॉलेज बन जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
फिलहाल चूरू में मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुका है. वहीं सीकर में पिछले 5 साल से काम ही चल रहा है. सांसद सुमेधानंद सरस्वती इसे अपनी उपलब्धि बता रहे हैं. उन्होंने गुरुवार को कहा कि चूरू में मेडिकल कॉलेज का निर्माण इसलिए शुरू हो गया क्योंकि इसकी स्वीकृति पहले ही हो चुकी थी. वहीं इससे पहले उन्होंने कहा था कि चूरू वाले देखते रह जाएंगे और सीकर में मेडकल कालेज बनकर तैयार हो जाएगा. जबकि ऐसा नहीं हुआ.
बता दें कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय सीकर में मेडिकल कालेज की स्वीकृत किया गया था. लेकिन उस वक्त सरकार ने पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति दी थी. इसकी घोषणा भी कर दी गई थी. इसके बाद जब 2013 में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी तो सरकार ने सीकर के मेडिकल कॉलेज को छोड़कर चूरू और अन्य जगहों पर मेडिकल कॉलेज स्वीकृत कर दिए सीकर का कहीं नाम नहीं था.
सीकर का मेडिकल कॉलेज चुरु शिफ्ट करने को लेकर कुछ दिनों तक आंदोलन भी हुआ था. जिसके बाद मौजूदा प्रदेश सरकार ने फिर से सीकर में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की.