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आस्था का सैलाब : सावन के दूसरे सोमवार को श्रद्धालुओं ने किया भोलेनाथ का जलाभिषेक - बालेश्वर

सीकर के शेखावाटी के प्रसिद्ध शिव तीर्थ स्थल बालेश्वर, टपकेश्वर, गणेश्वर और भगेश्वर में पूरे सावन मास में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ देखने को मिली. बता दें कि राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब से भी श्रद्धालु यहां आते है. पवित्र शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए सावन की शुरूआत से ही बुकिंग हो जाती है. बताया जाता है कि चारों शिव तीर्थ करीब 400 साल पुराने हैं.

बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करते श्रद्धालु
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Published : Jul 30, 2019, 1:24 AM IST


नीमकाथाना(सीकर). शेखावाटी के प्रसिद्ध शिव तीर्थ स्थल बालेश्वर, टपकेश्वर, गणेश्वर और भगेश्वर में पूरे सावन मास श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया . पवित्र शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए सावन के शुरूआत से ही बुकिंग हो जाती है. बताया जाता है कि चारों शिव तीर्थ करीब 400 साल पुराने हैं .

सावन के दूसरे सोमवार को श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ पर किया जलाभिषेक.

साथ ही यहां बहने वाले नालों और पवित्र कुंडों में स्नान करने से चर्म रोग जैसी गंभीर बिमारियां दूर होती है. मान्यता है कि चारों तीर्थ स्थलों पर गालव ऋषि ने तपस्या की थी. यहां शिवलिंग स्वयंभू प्रकट हुए थे.

शेखावाटी के पवित्र शिवतीर्थ स्थल बालेश्वर, टपकेश्वर, गणेश्वर व भगेश्वर में राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली व पंजाब से भी श्रद्धालु और कावंड़िए आते हैं. सावन के दूसरे सोमवार को मंदिरों में जलाभिषेक के लिए देर शाम तक श्रद्धालु की भीड़ रही. मान्यता हैं कि चारों शिवतीर्थ स्थलों पर शिवलिंग स्वयंभू प्रकट हुए हैं .जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक के लिए श्रावण मास की शुरूआत से ही बुकिंग शुरू हो जाती है.

कावड़ यात्रा के लिए विशेष मेले लगते हैं. मान्यता है कि श्रावण मास व शिवरात्री को पहाड़ों से स्वयं ही शिवलिंग पर पानी टपकता है. गणेश्वर के पवित्र गर्म पानी के नाले में स्नान करने के बाद श्रद्धालु भगवान शिव का अभिषेक करते हैं. इस पानी से चर्म रोग जैसी गंभीर बिमारियां दूर होती है.

पढ़े:कोटा : खातोली की पार्वती नदी उफान पर....बढ़े जलस्तर से राजस्थान और मध्यप्रदेश का संपर्क कटा


सोमप्रदोष के विशेष संयोग पर पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं में महिलाओं की खासी भीड़ देखने को मिली. बता दें कि हरिद्वार, लोहार्गल, गलताजी जैसे पवित्र स्थलों से कावंड़ियों ने कांवड़ भी चढ़ाई. वहीं शिवतीर्थ स्थलों को विशेष रूप से सजाया भी गया.


नीमकाथाना(सीकर). शेखावाटी के प्रसिद्ध शिव तीर्थ स्थल बालेश्वर, टपकेश्वर, गणेश्वर और भगेश्वर में पूरे सावन मास श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया . पवित्र शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए सावन के शुरूआत से ही बुकिंग हो जाती है. बताया जाता है कि चारों शिव तीर्थ करीब 400 साल पुराने हैं .

सावन के दूसरे सोमवार को श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ पर किया जलाभिषेक.

साथ ही यहां बहने वाले नालों और पवित्र कुंडों में स्नान करने से चर्म रोग जैसी गंभीर बिमारियां दूर होती है. मान्यता है कि चारों तीर्थ स्थलों पर गालव ऋषि ने तपस्या की थी. यहां शिवलिंग स्वयंभू प्रकट हुए थे.

शेखावाटी के पवित्र शिवतीर्थ स्थल बालेश्वर, टपकेश्वर, गणेश्वर व भगेश्वर में राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली व पंजाब से भी श्रद्धालु और कावंड़िए आते हैं. सावन के दूसरे सोमवार को मंदिरों में जलाभिषेक के लिए देर शाम तक श्रद्धालु की भीड़ रही. मान्यता हैं कि चारों शिवतीर्थ स्थलों पर शिवलिंग स्वयंभू प्रकट हुए हैं .जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक के लिए श्रावण मास की शुरूआत से ही बुकिंग शुरू हो जाती है.

कावड़ यात्रा के लिए विशेष मेले लगते हैं. मान्यता है कि श्रावण मास व शिवरात्री को पहाड़ों से स्वयं ही शिवलिंग पर पानी टपकता है. गणेश्वर के पवित्र गर्म पानी के नाले में स्नान करने के बाद श्रद्धालु भगवान शिव का अभिषेक करते हैं. इस पानी से चर्म रोग जैसी गंभीर बिमारियां दूर होती है.

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सोमप्रदोष के विशेष संयोग पर पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं में महिलाओं की खासी भीड़ देखने को मिली. बता दें कि हरिद्वार, लोहार्गल, गलताजी जैसे पवित्र स्थलों से कावंड़ियों ने कांवड़ भी चढ़ाई. वहीं शिवतीर्थ स्थलों को विशेष रूप से सजाया भी गया.

Intro:नीमकाथाना(सीकर)
शेखावाटी के प्रसिद्ध शिव तीर्थ स्थल बालेश्वर, टपकेश्वर, गणेश्वर व भगेश्वर में पूरे सावन मास श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रहती है. राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली व पंजाब से भी कावंडिया यहां आते हैं. पवित्र शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए सावन की शुरूआत से ही बुकिंग हो जाती है. बताया जाता है कि चारों शिव तीर्थ करीब 400 साल पुराने हैं। यहां बहने वाले नालों व पवित्र कुंडों में स्नान करने से चरम रोग जैसी गंभीर बिमारियां दूर होती है। मान्यता है कि चारों तीर्थ स्थल पर गालव ऋषि ने तपस्या की थी. यहां शिवलिंग स्वयंभू प्रकट हुए थे.Body:शेखावाटी के पवित्र शिवतीर्थ स्थल बालेश्वर, टपकेश्वर, गणेश्वर व भगेश्वर में इन दिनों कावंडियों व श्रद्धालुओं की खासी भीड़ हैं। सावन के दूसरे सोमवार को मंदिरों में जलाभिषेक के लिए देर शाम तक श्रद्धालु जुटे रहे. मान्यता है कि करीब 400 साल पूर्व पहाड़ों के बीच जंगल में गालव ऋषि तपस्या करते थे. उन दिनों यहां भयंकर जंगल था. गूलर के पेड़ के नीचे पवित्र जलकुंड चालू हुआ. चारों तीर्थ स्थलों पर शिवलिंग स्वयंभू प्रकट हुए. शिवरात्री व पूरे श्रावण मास में इन शिव धामों पर राजस्थान, दिल्ली, पंजाब व हरियाणा तक से श्रद्धालु आते हैं. जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक के लिए श्रावण मास की शुरूआत में ही बुकिंग शुरू हो जाती है. कावड यात्रा के लिए विशेष मेल लगते हैं. टपकेश्वर में पहाड़ी की गुफा में पवित्र शिवलिंग स्थित हैं। मान्यता है कि श्रावण मास व शिवरात्री को पहाड़ी से पानी शिवलिंग पर टपकता है. गणेश्वर के पवित्र गर्म पानी के नाले पर स्नान करने के बाद श्रद्धालु भगवान शिव का अभिषेक करते हैं. इस पानी से चरम रोग जैसी गंभीर बिमारियां दूर होती है.
सोमप्रदोष पर जलाभिषेक के साथ विशेष पूजा: श्रावण के दूसरे सोमवार को सोमप्रदोष के विशेष संयोग पर पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालव महिलाओं की खासी भीड़ रही. जलाभिषेक व रूद्रीपाठ के लिए मंदिरों में पहले से बुकिंग कराई गई थी. पवित्र कुंड के जल से भगवान शिव का रूद्री व शिवस्त्रोत के पाठ के साथ अभिषेक किया गया. हरिद्वार, लोहार्गल, गलताजी जैसे पवित्र स्थलों से कावंडियों ने कांवड चढ़ाई. शिवतीर्थ स्थलों पर विशेष रूप से सजाया गया. रात्रि को जागरण व धार्मिक कार्यक्रम होंगे.Conclusion:शेखावाटी के प्रसिद्ध शिव तीर्थ स्थल बालेश्वर, टपकेश्वर, गणेश्वर व भगेश्वर में पूरे सावन मास श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रहती है. राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली व पंजाब से भी कावंडिया यहां आते हैं. पवित्र शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए सावन की शुरूआत से ही बुकिंग हो जाती है. बताया जाता है कि चारों शिव तीर्थ करीब 400 साल पुराने हैं।

बाइट: मंदिर व्यवस्था कमेटी प्रभारी गुमान सिंह तंवर
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