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शिक्षक दिवसः रिटायरमेंट के बाद भी 3 सरकारी स्कूलों में रोजाना जाकर नि:शुल्क दे रहे सेवा

सीकर के सेवानिवृत्त सरकारी अध्यापक परसाराम बिजारणिया रिटायर होने के बाद भी तीन सरकारी स्कूलों में नि:शुल्क पढ़ाते हैं. साथ ही रोजाना सुबह 5 बजे से ग्राउंड पर छात्रों को बॉलीबॉल की तैयारी करवा रहे हैं. वहीं परसाराम ने 200 से ज्यादा बॉलीबॉल के नेशनल प्लेयर तैयार किए हैं.

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Published : Sep 5, 2019, 12:14 PM IST

सीकर. बीबीपुर गांव के रहने वाले सेवानिवृत्त सरकारी अध्यापक परसाराम बिजारणिया को रिटायर हुए 5 साल हो चुके हैं. लेकिन आज भी सुबह 5 बजे से बॉलीबॉल के ग्राउंड पर छात्रों को तैयारी करवाने पहुंच जाते है. साथ ही सरकारी स्कूलों में नि:शुल्क पढ़ाते भी हैं. परसाराम सुबह 5 से शाम 7 बजे तक छात्रों के बीच अपना समय व्यतीत करते हैं.

परसाराम ने 200 से ज्यादा बॉलीबॉल के नेशनल प्लेयर किए तैयार

पिछले 42 साल से अंग्रेजी के शिक्षक परसाराम बच्चों को बॉलीबॉल की तैयारी करवा रहे हैं. उन्होंने अब तक 200 से ज्यादा बॉलीबॉल के नेशनल प्लेयर तैयार कर चुके हैं. वहीं सेना में भी कई युवा का सलेक्शन हो चुका है. बता दें कि परसाराम बिजारणिया अंग्रेजी के शिक्षक थे. उसके बाद राजनीतिक विज्ञान के व्याख्याता बने. लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ खेल के प्रति उनका जुनून देखते ही बनता है.

यह भी पढ़ेंः सीकरः 4 साल से फरार इनामी बदमाश जयपुर में गिरफ्तार

उन्होंने जब से सरकारी अध्यापक के पद पर ज्वाइन किया. तब से इन्होंने खेल में बच्चों को तराशना शुरू किया, जिसका परिणाम 200 विद्यार्थी बॉलीबॉल में नेशनल खेल चुके हैं. हर साल इनके साथ तैयारी करने वाले 5 से 10 युवा सेना में भर्ती होते हैं. सेवानिवृत्ति के बाद भी परसाराम बच्चों को नि:शुल्क तैयारी करवा रहे हैं. सुबह-सुबह यह राजकीय स्कूल रोल साहब सर में तैयारी करवाने जाते हैं. बच्चों को बॉलीबॉल खिलाते हैं, हर साल इनकी कोई न कोई टीम खिताब जरूर जीतती है. सुबह बच्चों को खेल की तैयारी करवाने के बाद यह आज भी सीकर की 3 सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने जाते हैं. अंग्रेजी विषय में इनकी पकड़ को देखते हुए सरकारी स्कूलों के संस्था प्रधान बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए इन्हें अपने स्कूल में बुलाते हैं. रोज तीन स्कूलों में जाकर दो-दो घंटे बच्चों को पढ़ाते हैं और अंग्रेजी की तैयारी करवाते हैं किसी से कोई पैसा नहीं लेते.

सीकर. बीबीपुर गांव के रहने वाले सेवानिवृत्त सरकारी अध्यापक परसाराम बिजारणिया को रिटायर हुए 5 साल हो चुके हैं. लेकिन आज भी सुबह 5 बजे से बॉलीबॉल के ग्राउंड पर छात्रों को तैयारी करवाने पहुंच जाते है. साथ ही सरकारी स्कूलों में नि:शुल्क पढ़ाते भी हैं. परसाराम सुबह 5 से शाम 7 बजे तक छात्रों के बीच अपना समय व्यतीत करते हैं.

परसाराम ने 200 से ज्यादा बॉलीबॉल के नेशनल प्लेयर किए तैयार

पिछले 42 साल से अंग्रेजी के शिक्षक परसाराम बच्चों को बॉलीबॉल की तैयारी करवा रहे हैं. उन्होंने अब तक 200 से ज्यादा बॉलीबॉल के नेशनल प्लेयर तैयार कर चुके हैं. वहीं सेना में भी कई युवा का सलेक्शन हो चुका है. बता दें कि परसाराम बिजारणिया अंग्रेजी के शिक्षक थे. उसके बाद राजनीतिक विज्ञान के व्याख्याता बने. लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ खेल के प्रति उनका जुनून देखते ही बनता है.

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उन्होंने जब से सरकारी अध्यापक के पद पर ज्वाइन किया. तब से इन्होंने खेल में बच्चों को तराशना शुरू किया, जिसका परिणाम 200 विद्यार्थी बॉलीबॉल में नेशनल खेल चुके हैं. हर साल इनके साथ तैयारी करने वाले 5 से 10 युवा सेना में भर्ती होते हैं. सेवानिवृत्ति के बाद भी परसाराम बच्चों को नि:शुल्क तैयारी करवा रहे हैं. सुबह-सुबह यह राजकीय स्कूल रोल साहब सर में तैयारी करवाने जाते हैं. बच्चों को बॉलीबॉल खिलाते हैं, हर साल इनकी कोई न कोई टीम खिताब जरूर जीतती है. सुबह बच्चों को खेल की तैयारी करवाने के बाद यह आज भी सीकर की 3 सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने जाते हैं. अंग्रेजी विषय में इनकी पकड़ को देखते हुए सरकारी स्कूलों के संस्था प्रधान बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए इन्हें अपने स्कूल में बुलाते हैं. रोज तीन स्कूलों में जाकर दो-दो घंटे बच्चों को पढ़ाते हैं और अंग्रेजी की तैयारी करवाते हैं किसी से कोई पैसा नहीं लेते.

Intro:सीकर
सीकर जिले के बीबीपुर गांव के रहने वाले सरकारी अध्यापक परसाराम बिजारणिया। अगर शिक्षा जगत की बात की जाए तो सीकर में इनका नाम सबसे बड़े सम्मान से लिया जाता है। इनको रिटायर हुए भले ही 5 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी इन्हें सुबह 5:00 बजे से वॉलीबॉल के ग्राउंड पर छात्रों को तैयारी करवाते हुए देखा जा सकता है तो इसके बाद सरकारी स्कूलों में पढ़ाते हुए नजर आएंगे। सुबह 5:00 बजे से शाम को 7:00 बजे तक इनका जीवन केवल छात्रों के बीच ही व्यतीत होता है। पिछले 42 साल से अंग्रेजी का यह शिक्षक बच्चों को वॉलीबॉल खिलाने की तैयारी करवा रहा है और अब तक 200 से ज्यादा वॉलीबॉल के नेशनल प्लेयर तैयार कर चुका है। सेना में कितने युवा भर्ती करवा दिए उनका आंकड़ा तो इनको खुद को ही नहीं पता।


Body:परसाराम बिजारणिया अंग्रेजी के शिक्षक थे और उसके बाद राजनीतिक विज्ञान के व्याख्याता बने लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ खेल के प्रति उनका जुनून देखते ही बनता है। जब से सरकारी अध्यापक के पद पर ज्वाइन किया तब से इन्होंने खेल में बच्चों को तराशना शुरू किया इसी का परिणाम है कि अब तक करीब 200 विद्यार्थी वॉलीबॉल में नेशनल खेल चुके हैं। हर साल इनके साथ तैयारी करने वाले 5 से 10 युवा सेना में भर्ती होते हैं।

निशुल्क करवाते हैं तैयारी दूध भी घर से लेकर जाते
सेवानिवृत्ति के बाद भी परसाराम बिजारणिया बच्चों को निशुल्क तैयारी करवा रहे हैं। सुबह-सुबह यह राजकीय स्कूल रोल साहब सर में तैयारी करवाने जाते हैं और बच्चों को वॉलीबॉल खिलाते हैं। हर साल इनकी कोई ना कोई टीम खिताब जरूर जीतती है।

तीन स्कूलों में जाते हैं पढ़ाने के लिए
सुबह बच्चों को खेल की तैयारी करवाने के बाद यह आज भी सीकर की 3 सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने जाते हैं। अंग्रेजी विषय में इनकी पकड़ को देखते हुए सरकारी स्कूलों के संस्था प्रधान बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए इन्हें अपने स्कूल में बुलाते हैं। रोज तीन स्कूलों में जाकर दो-दो घंटे बच्चों को पढ़ाते हैं और अंग्रेजी की तैयारी करवाते हैं किसी से कोई पैसा नहीं लेते।


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