सीकर. पंजाब के फरीदकोट इलाके में सामूहिक आत्महत्या करने वाले सीकर के परिवार के शव अभी तक गांव नहीं पहुंचे हैं. सीकर के डूकिया गांव में घटना की सूचना सभी को खबर मिल चुकी है और गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. हालांकि जिस परिवार ने सामूहिक आत्मदाह किया है उसकी महिलाओं को यह जानकारी नहीं दी गई है.
घटना को लेकर डूकिया गांव के ग्रामीणों का कहना है कि वे सुसाइड नहीं कर सकता है. जानकारी के मुताबिक डूकिया गांव का रहने वाला धर्मपाल अपनी पत्नी और बच्चों के साथ फरीदकोट इलाके में रहता था. वह वहां पर ईंट-भट्टा चलाता था और काफी समय से वहीं रह रहा था. एक दिन पहले ही धर्मपाल, उसकी पत्नी और बच्चों का जला हुआ शव घर में मिला है.
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प्रारंभिक तौर पर माना जा रहा है कि चारों ने सामूहिक आत्मदाह किया है. इसके अलावा एक बात यह भी सामने आ रही है कि धर्मपाल ने पहले अपनी पत्नी, बेटे और बेटी को जलाया और उसके बाद खुद आत्महत्या कर ली. इस घटना की खबर ग्रामीणों को मिल चुकी है और इसी वजह से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है.
भामाशाह की छवि वाला धर्मपाल आत्मदाह नहीं कर सकता...
डूकिया गांव के ग्रामीणों का कहना है कि धर्मपाल की छवि गांव में एक भामाशाह की थी. वह हर वक्त लोगों की मदद के लिए तैयार रहता था और कोरोना वायरस की वजह से जब लॉकडाउन किया गया तो उसने करीब 2 लाख रुपए का राशन गांव में जरूरतमंदों को वितरित किया था. इसके अलावा भी गांव के सभी सार्वजनिक कामों में आगे रहता था. ग्रामीणों का कहना है कि कभी वह किसी परेशानी में नजर नहीं आया, इसलिए ग्रामीणों को यह बात कम गले उतर रही है कि वह आत्मदाह कर सकता है.