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सीकर प्रशासन की कार्रवाई, ढाल्यावास में चारागाह भूमि से हटाया अतिक्रमण

सीकर प्रशासन ने बुधवार को ग्राम पंचायत ढाल्यावास में चारागाह भूमि से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा.

Action of Sikar administration,  Srimadhopur News
सीकर प्रशासन की कार्रवाई
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Published : Jun 18, 2020, 5:40 AM IST

श्रीमाधोपुर (सीकर). जिले के खंडेला पंचायत समिति की ग्राम पंचायत ढाल्यावास में बुधवार को ग्राम पंचायत भवन के बाहर चारागाह भूमि में स्थित चारदीवारी के पक्के निर्माण सहित गांव के लोगों के 59 कच्चे-पक्के अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल मय जाप्ता मौजूद रहा.

खंडेला तहसीलदार सुमन चौधरी ने बताया कि जिस समय ग्राम पंचायत भवन का निर्माण हुआ उस समय भवन निर्माण के लिए 250 वर्गमीटर भूमि के अलॉट हुई थी. अलॉट भूमि के अलावा ग्राम पंचायत भवन के आगे चारागाह भूमि में चारदीवारी का पक्का निर्माण कर रखा था, जिसे तोड़ने के साथ-साथ ग्राम में चारागाह भूमि में बने 59 कच्चे-पक्के अतिक्रमण को हटाने की भी कार्रवाई की गई है.

पढ़ें- जयपुरः निगम ने 40 सरकारी कियोस्क को कराया अतिक्रमण मुक्त, कोरोना नियमों की पालना नहीं करने वालों के काटे चालान

चौधरी ने बताया कि ग्राम पंचायत ने लॉकडाउन के दौरान बगैर स्वीकृति के ही पूर्व में बने चारदीवारी को ऊंचा उठाने और चारदीवारी में पहले से मौजूद गेट के स्थान पर दूसरा गेट निकाल की. उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत के बाद मौका निरीक्षण किया गया, जिसमें यह निर्माण अवैध पाया गया. उन्होंने बताया कि मामले में तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी को एपीओ किया जा चुका है.

वहीं, बुधवार को जब प्रशासन और पुलिस का भारी दस्ता अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचा तो गांव में हड़कंप मच गया. इस दौरान सीओ रींगस बनवारी लाल धायल समेत श्रीमाधोपुर, खंडेला, दांतारामगढ, खाटूश्यामजी, रींगस थाने के अलावा सीकर पुलिस लाइन का अतिरिक्त जाब्ता मौके पर तैनात किया गया. भारी जाब्ते के देखकर कई लोगों ने स्वयं ही अपना अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया. जेसीबी के मदद से सर्वप्रथम ग्राम पंचायत भवन के बाहर ग्राम पंचायत की ओर से बनाई गई चारदीवारी को तोड़ा गया.

सरपंच के खिलाफ की गई थी शिकायत

अतिक्रमण के मामले में कुछ ग्रामीणों ने सरपंच कैलाश बिजारणियां और तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ शिकायत की थी. सरपंच पर आरोप था कि चारागाह भूमि पर अवैध अतिक्रमण करते हुए अवैध तरीके से चारदीवारी को ऊंचा करने का निर्माण करवाकर सरकारी राशि का दुरूपयोग किया है.

मामले को लेकर सरपंच का कहना है कि मेरे सरपंच पद पर निर्वाचित होने से पूर्व ही चारदीवारी का निर्माण हो चुका था. 2014-15 में ढाई फीट तक चारदीवारी बन गई थी और दिसंबर 2019 में ही पूर्व सरपंच के कार्यकाल में इस चारदीवारी को ऊंचा कर दिया गया था जो रिकार्ड में दर्ज है. सरपंच बनने के बाद मेरे कार्यकाल में संबधित कार्य के लिए सरकारी राशि भुगतान नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि मेरे पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो झूठे हैं.

श्रीमाधोपुर (सीकर). जिले के खंडेला पंचायत समिति की ग्राम पंचायत ढाल्यावास में बुधवार को ग्राम पंचायत भवन के बाहर चारागाह भूमि में स्थित चारदीवारी के पक्के निर्माण सहित गांव के लोगों के 59 कच्चे-पक्के अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल मय जाप्ता मौजूद रहा.

खंडेला तहसीलदार सुमन चौधरी ने बताया कि जिस समय ग्राम पंचायत भवन का निर्माण हुआ उस समय भवन निर्माण के लिए 250 वर्गमीटर भूमि के अलॉट हुई थी. अलॉट भूमि के अलावा ग्राम पंचायत भवन के आगे चारागाह भूमि में चारदीवारी का पक्का निर्माण कर रखा था, जिसे तोड़ने के साथ-साथ ग्राम में चारागाह भूमि में बने 59 कच्चे-पक्के अतिक्रमण को हटाने की भी कार्रवाई की गई है.

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चौधरी ने बताया कि ग्राम पंचायत ने लॉकडाउन के दौरान बगैर स्वीकृति के ही पूर्व में बने चारदीवारी को ऊंचा उठाने और चारदीवारी में पहले से मौजूद गेट के स्थान पर दूसरा गेट निकाल की. उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत के बाद मौका निरीक्षण किया गया, जिसमें यह निर्माण अवैध पाया गया. उन्होंने बताया कि मामले में तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी को एपीओ किया जा चुका है.

वहीं, बुधवार को जब प्रशासन और पुलिस का भारी दस्ता अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचा तो गांव में हड़कंप मच गया. इस दौरान सीओ रींगस बनवारी लाल धायल समेत श्रीमाधोपुर, खंडेला, दांतारामगढ, खाटूश्यामजी, रींगस थाने के अलावा सीकर पुलिस लाइन का अतिरिक्त जाब्ता मौके पर तैनात किया गया. भारी जाब्ते के देखकर कई लोगों ने स्वयं ही अपना अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया. जेसीबी के मदद से सर्वप्रथम ग्राम पंचायत भवन के बाहर ग्राम पंचायत की ओर से बनाई गई चारदीवारी को तोड़ा गया.

सरपंच के खिलाफ की गई थी शिकायत

अतिक्रमण के मामले में कुछ ग्रामीणों ने सरपंच कैलाश बिजारणियां और तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ शिकायत की थी. सरपंच पर आरोप था कि चारागाह भूमि पर अवैध अतिक्रमण करते हुए अवैध तरीके से चारदीवारी को ऊंचा करने का निर्माण करवाकर सरकारी राशि का दुरूपयोग किया है.

मामले को लेकर सरपंच का कहना है कि मेरे सरपंच पद पर निर्वाचित होने से पूर्व ही चारदीवारी का निर्माण हो चुका था. 2014-15 में ढाई फीट तक चारदीवारी बन गई थी और दिसंबर 2019 में ही पूर्व सरपंच के कार्यकाल में इस चारदीवारी को ऊंचा कर दिया गया था जो रिकार्ड में दर्ज है. सरपंच बनने के बाद मेरे कार्यकाल में संबधित कार्य के लिए सरकारी राशि भुगतान नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि मेरे पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो झूठे हैं.

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