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Special: सीकर के आधे से ज्यादा सैलूनकर्मी बेरोजगार, अनलॉक में भी नहीं बदले हालात - Special report

कोरोना काल में सैलूनकर्मियों का हाल बेहाल है. लॉकडाउन में ठप हुआ इनका काम अनलॉक में भी पटरी पर नहीं लौट सका है. बात अकेले सीकर शहर की ही करें तो यहां के आधे से ज्यादा कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. जो काम कर रहे हैं उनके लिए भी घर चलाना मुश्किल हो रहा है. सैलूनकर्मी कोरोना काल में किस हाल में हैं. पढ़े खास रिपोर्ट...

corona impact on saloon business,  corona impact on saloon workers
कोरोना काल में सैलूनकर्मियों का हाल बेहाल
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Published : Sep 9, 2020, 9:28 PM IST

सीकर. कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में बढ़ता जा रहा है. लाखों लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में भी कोरोना के रोजाना 80 हजार से ऊपर केस सामने आ रहे हैं. कोरोना ने काम धंधों को बुरी तरह से चौपट कर दिया है. करोड़ों लोग कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन में बेरोजगार हो गए. सीकर के सैलून भी कोरोना की जद से नहीं बच सके. कटिंग करवाने वालों से गुलजार रहने वाले सैलून अब वीरान से हो गए हैं.

आधे से ज्यादा सैलूनकर्मी बेरोजगार

अनलॉक में सैलूनों को सरकार ने कुछ नियमों के साथ खोलने की छूट दी थी. लेकिन लोगों ने सैलून और पार्लर से दूरी बना ली. कोरोना के डर से लोग सेविंग और कटिंग के लिए सैलून नहीं जा रहे हैं. जिसकी वजह से कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. सैलून में काम करने वाले कर्मचारियों को निकाला जा रहा है. ग्राहक भी दिन के गिने चुने ही सैलून में आते हैं.

corona impact on saloon business,  corona impact on saloon workers
कस्टमर कोरोना के डर से नहीं आ रहे सैलून पर

स्टाफ में कटौती

सीकर शहर की बात करें तो यहां पर जिन बड़े-बड़े सैलून में दिनभर ग्राहकों का तांता लगा रहता था वहां अब महज 2 या 4 ग्राहक आते हैं. इन सैलून में पहले 5 से 7 लोग काम करते थे. वहां अब एक या दो लोग ही काम कर रहे हैं. बाकी सभी को घर भेज दिया गया है. जो लोग काम कर रहे हैं, उनके पास भी पूरा काम नहीं है. इस वजह से सैलूनकर्मियों के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

corona impact on saloon business,  corona impact on saloon workers
दुकान का खर्चा निकालना भी हुआ मुश्किल

पढ़ें: Special : कोरोना काल में निजी अस्पतालों की मनमानी पर नकेल...मॉनिटरिंग के साथ कार्रवाई भी करेगी सरकार

हजारों सैलूनकर्मी प्रभावित

सीकर शहर में छोटे-बड़े सभी मिलाकर करीब 230 सैलून-पार्लर हैं. जिनमें लगभग 1000 लोगों का स्टाफ काम करता था. लॉकडाउन से पहले प्रत्येक सैलून में 3 से 8 लोगों का स्टाफ रहता था. 1 दिन में एक दुकान की औसत कमाई तीन से चार हजार रुपए होती थी. अब कोरोना काल में हालात यह बन गए हैं कि मुश्किल से 500 लोगों को भी काम नहीं मिल रहा है. काम कम होने की वजह से सैलून मालिकों ने स्टाफ में कमी कर दी है. कई छोटी दुकानें तो इस दौरान बंद ही हो गई हैं.

स्कूल, कोचिंग बंद होने से हुआ नुकसान

सैलून में कटिंग और सेविंग के लिए सबसे ज्यादा स्टूडेंट और कोचिंग करने वाले छात्र आते थे. लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद सरकार ने सभी स्कूलों को बंद कर दिया है. कोचिंग करने वाले हजारों स्टूडेंट भी घरों को चले गए हैं. इन्हीं से सैलून का पूरा कारोबार चलता था. जो अब पूरी तरह चरमरा गया है.

पढ़ें: SPECIAL : कोरोना की भेंट चढ़ा टेंट व्यापार, 25 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

लोग खुद से ही कर रहे हैं सेविंग और कटिंग

बाजार में जाकर सेविंग और कटिंग करवाने से कोरोना होने का एक डर लोगों में है. जिसके चलते अब लोग घरों में ही खुद से ही कटिंग वगैरह कर रहे हैं. लॉकडाउन के शुरुआती 3 महीनों में सभी दुकानें बंद थी तो लोगों ने सेविंग मशीन खरीद कर घर पर ही खुद से कटिंग करने लगे. अब जब अनलॉक में दुकानें खुल गई हैं तो उसके बाद भी लोग घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं.

जल्द ही सैलूनकर्मियों के हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं. जब तक स्कूल और कोचिंग फिर से नहीं खुलेंगे तब तक सैलून का बिजनेस भी प्रभावित रहेगा. फिलहाल कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूल जल्द खुलते नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में आने वाले दिन सैलूनकर्मियों के लिए मुसीबत भरे हो सकते हैं.

सीकर. कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में बढ़ता जा रहा है. लाखों लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में भी कोरोना के रोजाना 80 हजार से ऊपर केस सामने आ रहे हैं. कोरोना ने काम धंधों को बुरी तरह से चौपट कर दिया है. करोड़ों लोग कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन में बेरोजगार हो गए. सीकर के सैलून भी कोरोना की जद से नहीं बच सके. कटिंग करवाने वालों से गुलजार रहने वाले सैलून अब वीरान से हो गए हैं.

आधे से ज्यादा सैलूनकर्मी बेरोजगार

अनलॉक में सैलूनों को सरकार ने कुछ नियमों के साथ खोलने की छूट दी थी. लेकिन लोगों ने सैलून और पार्लर से दूरी बना ली. कोरोना के डर से लोग सेविंग और कटिंग के लिए सैलून नहीं जा रहे हैं. जिसकी वजह से कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. सैलून में काम करने वाले कर्मचारियों को निकाला जा रहा है. ग्राहक भी दिन के गिने चुने ही सैलून में आते हैं.

corona impact on saloon business,  corona impact on saloon workers
कस्टमर कोरोना के डर से नहीं आ रहे सैलून पर

स्टाफ में कटौती

सीकर शहर की बात करें तो यहां पर जिन बड़े-बड़े सैलून में दिनभर ग्राहकों का तांता लगा रहता था वहां अब महज 2 या 4 ग्राहक आते हैं. इन सैलून में पहले 5 से 7 लोग काम करते थे. वहां अब एक या दो लोग ही काम कर रहे हैं. बाकी सभी को घर भेज दिया गया है. जो लोग काम कर रहे हैं, उनके पास भी पूरा काम नहीं है. इस वजह से सैलूनकर्मियों के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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दुकान का खर्चा निकालना भी हुआ मुश्किल

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हजारों सैलूनकर्मी प्रभावित

सीकर शहर में छोटे-बड़े सभी मिलाकर करीब 230 सैलून-पार्लर हैं. जिनमें लगभग 1000 लोगों का स्टाफ काम करता था. लॉकडाउन से पहले प्रत्येक सैलून में 3 से 8 लोगों का स्टाफ रहता था. 1 दिन में एक दुकान की औसत कमाई तीन से चार हजार रुपए होती थी. अब कोरोना काल में हालात यह बन गए हैं कि मुश्किल से 500 लोगों को भी काम नहीं मिल रहा है. काम कम होने की वजह से सैलून मालिकों ने स्टाफ में कमी कर दी है. कई छोटी दुकानें तो इस दौरान बंद ही हो गई हैं.

स्कूल, कोचिंग बंद होने से हुआ नुकसान

सैलून में कटिंग और सेविंग के लिए सबसे ज्यादा स्टूडेंट और कोचिंग करने वाले छात्र आते थे. लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद सरकार ने सभी स्कूलों को बंद कर दिया है. कोचिंग करने वाले हजारों स्टूडेंट भी घरों को चले गए हैं. इन्हीं से सैलून का पूरा कारोबार चलता था. जो अब पूरी तरह चरमरा गया है.

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लोग खुद से ही कर रहे हैं सेविंग और कटिंग

बाजार में जाकर सेविंग और कटिंग करवाने से कोरोना होने का एक डर लोगों में है. जिसके चलते अब लोग घरों में ही खुद से ही कटिंग वगैरह कर रहे हैं. लॉकडाउन के शुरुआती 3 महीनों में सभी दुकानें बंद थी तो लोगों ने सेविंग मशीन खरीद कर घर पर ही खुद से कटिंग करने लगे. अब जब अनलॉक में दुकानें खुल गई हैं तो उसके बाद भी लोग घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं.

जल्द ही सैलूनकर्मियों के हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं. जब तक स्कूल और कोचिंग फिर से नहीं खुलेंगे तब तक सैलून का बिजनेस भी प्रभावित रहेगा. फिलहाल कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूल जल्द खुलते नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में आने वाले दिन सैलूनकर्मियों के लिए मुसीबत भरे हो सकते हैं.

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