दांतारामगढ़ (सीकर). नौकरी देने के नाम पर ठगी की खबरें आए दिन सामने आते रहती हैं. ऐसा ही एक मामला सीकर जिले के खाटूश्यामजी थाना क्षेत्र से भी सामने आया है. जहां रेलवे में नौकरी देने के नाम पर युवक से 10 लाख की ठगी की गई. लेकिन इस ठगी में खास बात यह है कि, यहां नौकरी ज्वाइन करने के लिए युवक के पास नियुक्ति पत्र आया. युवक का बकायदे मेडिकल करवाया गया, उसकी ट्रेनिंग हुई. यहां तक कि ट्रेनिंग के दौरान पीड़ित युवक को कुछ वेतन भी मिला. लेकिन नौकरी नहीं मिली.
बता दें कि यह ठगी सीकर जिले के खाटूश्यामजी थाना क्षेत्र में स्थित लामिया गांव के युवक शीशराम काजला के साथ हुई है. पीड़ित युवक रेलवे में नौकरी का झांसा देकर उससे 10 लाख रुपए की ठगी की गई. पीड़ित को मामले की जानकारी होने पर उसने खाटूश्यामजी थाने में नामजद मुकदमा दर्ज करवाया है. जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
यह है पूरा मामला
पीड़ित शीशराम ने बताया हरियाणा निवासी गीतारानी नाम की एक महिला ने खुद को रेलवे की उच्च अधिकारी बताते हुए उससे संपर्क किया. महिला ठग ने शीशराम की नौकरी रेलवे में लगवाने का पूर्ण आश्वासन दिया. जिसके एवज में उसने 10 लाख रुपए की मांग की. इस पर युवक और उसके परिजन राजी हो गए. यहांं तक की ठग युवक से मिलने खाटूश्यामजी आ गई. पीड़ित युवक ने ठग गीतारानी को अपने पिता से मिलाया. जिसके बाद पीड़ित ने उन्हें नौकरी लगवाने के लिए 5 लाख रुपए दे दिया.
रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में करवाया मेडिकल
ठग ने पीड़ित युवक को मेडिकल करवाने की बात कह कर दिल्ली बुलाया, जहां उसने मेडिकल करवाने के लिए 50 हजार रुपए की मांग की. इस पर युवक ने रुपए उसे खाते में डाल दिए. जिसके बाद दिल्ली के राजीव चौक स्थित रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में उसका मेडिकल हुआ.
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असली रेलवे स्टेशन पर हुई ट्रेनिंग
ठग ने दिल्ली में युवक का मेडिकल करवाकर उसे रेलवे में ट्रेनिंग के लिए कोलकाता का नियुक्ति पत्र थमा दिया. युवक कोलकाता के वर्धमान पहुंचा. जहां रेलवे स्टेशन वर्धमान रेलवे स्टेशन के पास उसकी 6 महीने ट्रेनिंग करवाई गई. ट्रेनिंग के दौरान ही रेलवे स्टेशन पर फर्जी आईडी कार्ड दिया गया. साथ ही टिकट चेकिंग का कार्य भी करवाया गया. यहां के रेलवे अधिकारी भी इस फर्जीवाड़े को पकड़ नहीं पाए. वहीं ट्रेनिंग काल के दौरान पीड़ित को 27 हजार 192 रुपए वेतन भी दिया गया. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद युवक को फर्जी नियुक्ति पत्र दी गई.
पटना में हुई पोस्टिंग
ट्रेनिंग के बाद ठग ने शीशराम को बिहार के पटना में पोस्टिंग के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया. जिले लेकर युवक पटना गया. जहां 1 महीने तक उसकी नौकरी नहीं मिली. जिसके बाद उसे वापस दिल्ली बुला लिया गया. वहां भी 3 महीने बात यह कहते हुए वापस गांव भेज दिया गया कि 3-4 महीने बाद आपको पोस्टिंग मिलेगी. युवक ने बताया कि उसके साथ 40 अन्य युवकों की भी ट्रेनिंग हुई थी.
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पीड़ित ने बताया कि गांव आने के बाद फर्जी रेलवे अधिकारी गीतारानी से संपर्क टूट गया. जिसके बाद उसे अपने साथ ठगी होने का अहसास हुआ. इस पर उसने खाटूश्यामजी पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस संबंध में पुलिस ने बताया कि आरोपी के संबंध में जानकारी निकाली जा रही है.
युवक की टूट गई शादी
रेलवे में नौकरी मिलने के नाम पर युवक के घर शादी के लिए रिश्ता आया. जिसके बाद नियुक्ति पत्र देखकर लड़की वालों ने अपनी बेटी की शादी करवा दी. लेकिन झूठी नौकरी की जानकारी मिलने पर पीड़ित युवक के ससुराल पक्ष वालों से शादी तोड़ दी. इसके साथ ही रेनवाल थाने में फर्जी नियुक्ति पत्र दिखाकर शादी करने का मामला भी दर्ज करवा दिया.
फर्जी रेलवे अधिकारी गीतारानी नाम की ठग के चक्कर में पड़कर युवक ने रेलवे में नौकरी के लालच में 10 लाख रुपए गवां दिए. इसके साथ ही नौकरी न मिलने पर उसकी शादी भी टूट गई. ऐसे में पीड़ित ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. जिसकी पुलिस जांच कर रही है.