सवाई माधोपुर. रणथम्भौर नेशनल पार्क से मंगलवार शाम खुशखबरी आई. शाम को रणथ्म्भौर की मॉनिटरिंग के लिए गए फील्ड डायरेक्टर टीसी वर्मा सहित वनाधिकारियों और कार्मिकों ने बाघिन ऐरोहेड टी-84 को अरण्या कमलधार क्षेत्र में दो नन्हे शावकों के साथ देखा गया. शावकों के साथ T-84 बाघिन पहली बार नजर आई है. बाघिन ऐरोहेड के शावकों को मिलाकर अब रणथंभौर में बाघों की संख्या 71 हो गई है.
रणथम्भौर सूत्रों के अनुसार मंगलवार को शाम की पारी में जोन दो में बाघिन ऐरोहेड टी-84 शावकों के साथ नजर आई. सुरक्षा की दृष्टि से बाघिन व शावकों की मॉनिटरिंग बढ़ा दी है. बाघिन के शावकों के साथ दिखाई देने से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है. वनाधिकारियों ने कहा कि बाघिन की सुरक्षा को लेकर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. रणथम्भौर में ऐरोहेड के नाम से विख्यात बाघिन टी-84 तीसरी बार मां बनी है. बाघिन ऐरोहेड बाघिन टी-19 कृष्णा की बेटी और रणथम्भौर क्विन बाघिन मछली टी-16 की नवासी है.
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वनाधिकारियों ने बताया कि बाघिन के पहले प्रसव से जन्मे शावक सर्वाइव नहीं कर पाए थे. बाघिन के दूसरे प्रसव में रिद्धि और सिद्धि का जन्म हुआ. वर्तमान में रणथम्भौर में धमाचौकड़ी मचाकर वन्यजीव प्रेमियों एवं सैलानियों की चहेती बाघिन रिद्धि टी-124 व बाघिन सिद्धि टी-125 हैं.
अब एक बार फिर बाघिन ने तीसरे लिटर में दो शावकों को जन्म दिया है. रणथम्भौर में 21 नर बाघ, 30 मादा बाघ एवं 20 शावक मिलाकर 71 बाघ हो गए हैं. इससे पूर्व जून माह में बाघिन टी-111 ने चार शावकों को जन्म दिया था. फील्ड बायोलोजिकल हरिमोहन मीना ने प्रात: कुण्डेरा रेंज के लकड़दा फॉरेस्ट रेंज में आडी डगर नाले में बाघिन टी-111 के चार शावकों को एक साथ पानी पीते हुए देखा था. तब शावकों की मां उनके साथ नहीं थी. अब जुलाई माह में बाघिन ऐरोहेड ने रणथम्भौर को खुशखबरी दी है.
रणथम्भौर नेशनल पार्क के उप वन संरक्षक महेन्द्र शर्मा ने कहा कि अरण्या कमलधार क्षेत्र में बाघिन ऐरोहेड टी-84 को दो शावकों के साथ पहली बार देखा है. बाघिन के शावक लगभग डेढ़ से दो माह के हैं. बाघिन व शावकों की सुरक्षा के मद्देनजर क्षेत्र में मॉनिटरिंग बढ़ा दी है. सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी बाघिन व शावकों पर नजर रखी जाएगी.