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Ranthambore National Park: रणथंभौर से बुरी खबर, एक शावक की मौत, बाघिन T-114 भी मृत मिली...किया गया अंतिम संस्कार

रणथंभौर से एक बुरी खबर सामने आई है. मंगलवार एक बाघ शावक (Death of Cub in Ranthambore) की मौत हो गई. शव का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया गया है. जबकि शाम को बाघन टी 114 भी मृत अस्था में मिली. बुधवार को उसका अंतिम संस्कार किया गया.

Tiger Cub died in Ranthambore
रणथंभौर में बाघ शावक की मौत
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Published : Jan 31, 2023, 6:29 PM IST

Updated : Feb 1, 2023, 3:44 PM IST

सवाई माधोपुर. रणथंभौर में मंगलवार को एक बाघ शावक की मौत हो गई है. शावक को अन्य दो शावकों के साथ 23 जनवरी को फलोदी रेंज के दोलाडा गांव में एक खेत में देखा गया था. यह तीनों शावक बाघिन टी 114 के बताए जा रहे हैं. मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया है.

वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) मानस सिंह ने बताया कि जिले में मावठ और बारिश का दौर चल रहा है. ऐसे में ठंड के कारण शावक की मौत होना माना जा रहा है. उसके शव को फलोदी रेंज वन चौकी पर लाया गया, जहां पर वन विभाग के अधिकारियों और चिकित्सकों के बीच बाघ शावक का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया. जबकि बाघिन का भी शव मिलने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पढ़ें. Sajjangarh Biological Park : अब नहीं सुनाई देगी 'उस्ताद' की दहाड़, उदयपुर में बाघ ने ली अंतिम सांस...8 साल से भुगत रहा था सजा

बाघिन भी कई दिनों से लापता : बाघ शावक की मौत के बाद वन विभाग की मॉनिटरिंग को लेकर कई सवाल उठ रहे थे. मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि बाघिन टी 114 भी पिछले 8 दिनों से लापता थी. इसको लेकर वन विभाग की ओर से शावकों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी. तीनों शावक 8 दिन से दोलाड़ा गांव के आसपास खेतों में नजर आ रहे थे.

जनवरी माह में ही बाघ T57 की हुई थी मौत : रणथंभौर में 11 जनवरी 2023 को बाघ टी 57 की मौत हुई थी. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया था कि बाघ टी 57 पिछले 20 दिनों से बीमार चल रहा था. पशु चिकित्सकों के मुताबिक बाघ के लिवर में 3 किलो का ट्यूमर था. 20 दिन के अंतराल में हुई बाघों की मौत को लेकर अधिकारी भी चिंतित हैं. वहीं, अब वन अधिकारियों के लिए बाघिन टी 114 के दो शावक चिंता का विषय बने हुए हैं.

बाघिन और उसके शावक का अंतिम संस्कार
फलौदी रेंज के ग्राम दालोड़ में मृत मिले शावक का कल वन विभाग की ओर से अंतिम संस्कार कर दिया गया जबकि बाघिन भी लापता थी. कल शाम को ही बाघिन के भी मृत होने की सूचना वन विभाग को ग्रामीणों ने दी. बाघिन की मौत की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी सकते में आ गए. सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची एवं मृत बाघिन के शव को सवाई माधोपुर राजबाग नाका वन चौकी ले आई. बुधवार को राजबाग नाका चौकी पर ही बाघिन टी 114 पशु चिकित्सकों की टीम की ओर से पोस्टमार्टम करवा कर वन अधिकारियों और जिला प्रशासन के समक्ष अंतिम संस्कार करवाया गया.

मौके पर जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला, वन विभाग सीसीएफ सेडूराम यादव डीएफओ संग्राम सिंह कटियार पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार विश्नोई राजबाग नाका रेंजर महेंद्र सिंह सहित वन विभाग के कई कर्मचारी एवं अधिकारी की मौजूदगी में बाघिन के मृत शरीर का पोस्टमार्टम करने के उपरांत अंतिम संस्कार किया गया. वन विभाग के सीसीएफ सेडूराम यादव ने बताया कि बाघिन टी 114 की मौत होने का कारण किसी बाघ से फाइट बताया हे. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जानकारी रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगी.

सवाई माधोपुर. रणथंभौर में मंगलवार को एक बाघ शावक की मौत हो गई है. शावक को अन्य दो शावकों के साथ 23 जनवरी को फलोदी रेंज के दोलाडा गांव में एक खेत में देखा गया था. यह तीनों शावक बाघिन टी 114 के बताए जा रहे हैं. मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया है.

वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) मानस सिंह ने बताया कि जिले में मावठ और बारिश का दौर चल रहा है. ऐसे में ठंड के कारण शावक की मौत होना माना जा रहा है. उसके शव को फलोदी रेंज वन चौकी पर लाया गया, जहां पर वन विभाग के अधिकारियों और चिकित्सकों के बीच बाघ शावक का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया. जबकि बाघिन का भी शव मिलने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

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बाघिन भी कई दिनों से लापता : बाघ शावक की मौत के बाद वन विभाग की मॉनिटरिंग को लेकर कई सवाल उठ रहे थे. मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि बाघिन टी 114 भी पिछले 8 दिनों से लापता थी. इसको लेकर वन विभाग की ओर से शावकों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी. तीनों शावक 8 दिन से दोलाड़ा गांव के आसपास खेतों में नजर आ रहे थे.

जनवरी माह में ही बाघ T57 की हुई थी मौत : रणथंभौर में 11 जनवरी 2023 को बाघ टी 57 की मौत हुई थी. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया था कि बाघ टी 57 पिछले 20 दिनों से बीमार चल रहा था. पशु चिकित्सकों के मुताबिक बाघ के लिवर में 3 किलो का ट्यूमर था. 20 दिन के अंतराल में हुई बाघों की मौत को लेकर अधिकारी भी चिंतित हैं. वहीं, अब वन अधिकारियों के लिए बाघिन टी 114 के दो शावक चिंता का विषय बने हुए हैं.

बाघिन और उसके शावक का अंतिम संस्कार
फलौदी रेंज के ग्राम दालोड़ में मृत मिले शावक का कल वन विभाग की ओर से अंतिम संस्कार कर दिया गया जबकि बाघिन भी लापता थी. कल शाम को ही बाघिन के भी मृत होने की सूचना वन विभाग को ग्रामीणों ने दी. बाघिन की मौत की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी सकते में आ गए. सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची एवं मृत बाघिन के शव को सवाई माधोपुर राजबाग नाका वन चौकी ले आई. बुधवार को राजबाग नाका चौकी पर ही बाघिन टी 114 पशु चिकित्सकों की टीम की ओर से पोस्टमार्टम करवा कर वन अधिकारियों और जिला प्रशासन के समक्ष अंतिम संस्कार करवाया गया.

मौके पर जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला, वन विभाग सीसीएफ सेडूराम यादव डीएफओ संग्राम सिंह कटियार पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार विश्नोई राजबाग नाका रेंजर महेंद्र सिंह सहित वन विभाग के कई कर्मचारी एवं अधिकारी की मौजूदगी में बाघिन के मृत शरीर का पोस्टमार्टम करने के उपरांत अंतिम संस्कार किया गया. वन विभाग के सीसीएफ सेडूराम यादव ने बताया कि बाघिन टी 114 की मौत होने का कारण किसी बाघ से फाइट बताया हे. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जानकारी रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगी.

Last Updated : Feb 1, 2023, 3:44 PM IST
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